
Sidhu Moose Wala Murder: जेल...यह वह शब्द है जो अपने आप में अहसास करवाता है कि यहां गुनाहों की सजा काटने के लिए अपराधियों को लाया जाता है. लेकिन बीते कुछ वक्त से दिल्ली में मौजूद तिहाड़ जेल की छवि 'अपराधियों के अड्डे' वाली बनती जा रही है. तिहाड़ जेल भारत ही नहीं बल्कि साउथ एशिया की सबसे बड़ी जेल है. लेकिन पिछले कुछ वक्त में गैंगस्टर यहीं से क्राइम को अंजाम दिलवा रहे हैं.
सबसे ताजा मामला सिद्धू मूसेवाला के मर्डर का है. इसके तार भी तिहाड़ जेल से जुड़ रहे हैं. कहा जा रहा है कि यहां बंद गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई ने ही इस मर्डर की पटकथा लिखी थी. इतना ही नहीं लॉरेंस ने जेल से ही फोन पर कनाडा में बैठे अपने साथी गोल्डी बराड़ से बात की और उसे भी हत्याकांड में साथी बनाया.
नीरज बवाना को लेकर भी लगातार ऐसी खबरें आती रहती हैं. वह भी तिहाड़ में ही बंद है. जेल में होने के बावजूद, पहलवान सुशील कुमार से जुड़े केस में उसका नाम आया. अब मूसेवाला केस में भी उसके गैंग ने बदला लेने की बात कही है.
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तिहाड़ जेल में 17 हजार दोषी हैं बंद
दिल्ली की तिहाड़ जेल को भारत की सबसे सेफ जेल माना जाता है. यहां 17 हजार 500 दोषी सजा काट रहे हैं. इसमें कई हाई-प्रोफाइल केस के अपराधी भी शामिल हैं. इसमें यासीन मलिक का भी नाम है.
वहीं नीरज बवानिया के साथ संपत नेहरा, हाशिम बाबा और दिल्ली एनसीआर यहां तक कि पंजाब और हरियाणा में अपनी धमक रखने वाले ये गैंगस्टर्स देश की सबसे सुरक्षित तिहाड़ जेल में बन्द है. कायदे से ये गैंग, इस गैंग के गुर्गे खत्म हो जाने चाहिए थे लेकिन न तो इनके गैंग खत्म हुए है और न ही जेल में बैठे इन गैंग्स्टर की धमक कम हुई.
हकीकत तो ये है जेल मे बैठ कर ये आराम से अपने गैंग को न सिर्फ ऑपरेट कर रहे है बल्कि इनके धंधा और चल पड़ा है.
देश की सबसे मॉडर्न जेल में सीसीटीवी, कैदियों का रिकॉर्ड रखने का कंप्यूटराइज सिस्टम (पीएमएस), मोबाइल जैमर्स, एक्स-रे स्कैनर्स, मेटल डिटेकटर्स, क्विक रिएक्शन टीम और मल्टी लेयर सिक्योरिटी सिस्टम, सब है. बावजूद इसके वहां सुरक्षा में चूक के कई मामले सामने आए हैं. इतना ही नहीं आपराधिक कृत्यों की साजिश तक वहां रची गई है.
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सबसे बड़ा सवाल यही है कि अगर तिहाड़ जेल इतनी हाईटेक और मॉर्डन है तो फिर वहां बंद गैंगस्टर कैसे बाहर क्राइम को अंजाम दिलवा देते हैं?
जेल से गैंगस्टर कैसे सौंप रहे काम?
जेल में बन्द इन गैंगस्टर्स के पास मोबाइल फोन पहुंचने भर की देर है. फिर ये ना सिर्फ आराम से अपना गैंग चलाते हैं बल्कि जेल के अंदर सामान्य कैदियों के सामने अपनी पहुंच दिखाते हैं. अगर कोई कैदी बढ़िया डील डॉल का दिखता है तो ये उसकी जमानत भी करवाने में मदद करते हैं. जब वो बाहर निकलता है तो इनके लिए काम करने लगता है.
जेल में कैसे पहुंचता है मोबाइल?
जेल में मोबाइल काम कैसे करता है?
रोहिणी हत्याकांड की साजिश तिहाड़ जेल में
सिद्धू मूसेवाला के मर्डर से पहले मार्च 2022 में रोहिणी कोर्ट में एक हत्याकांड हुआ था. इसमें गैंगस्टर जितेंद्र गोगी मारा गया था. इसका आरोप विरोधी गुट टिल्लू ताजपुरिया पर लगा था. बाद में टिल्लू ताजपुरिया उर्फ सुनील के एक साथी को रोहिणी में ही मार दिया गया था. पुलिस जांच में सामने आया था कि इस हत्याकांड की पटकथा गोगी के गुर्गों ने तिहाड़ जेल में ही लिखी थी.
तिहाड़ जेल में मोबाइल फोन का मिलना
साल 2021 की बात है. उद्योगपति मुकेश अंबानी के घर के बाहर जिलेटन की छड़ें मिली थीं. नेशनल इंवेस्टिगेशन एजेंसी (NIA) इसकी जांच में जुटी थी. इस मामले की जांच तिहाड़ जेल तक जा पहुंची. वहां बंद तहसीन अख्तर से 11 मार्च 2021 को दो सेलफोन मिले. इंडियन मुजाहिदीन से जुड़ा तहसीन अक्टूबर 2020 से उन फोनों का इस्तेमाल कर रहा था.
जैमर्स लगे होने के बावजूद वहां सेलफोन का इस्तेमाल कैसे हुआ इसपर जेल प्रशासन कुछ नहीं कहता. ऐसी खबरें जरूर हैं कि वे जैमर्स 4जी नेटवर्क को रोकने में सक्षम नहीं हैं.
सुकेश चंद्रशेखर के मामले में जेल अधिकारी भी लपेटे में
मई 2022 को दिल्ली पुलिस इकोनॉमिक विंग (EOW) ने तिहाड़ जेल के सुपरिटेंडेंट को गिरफ्तार कर लिया था. वह जेल में बंद सुकेश की मदद कर रहा था.
इसके बाद फरवरी 2022 में तिहाड़ जेल स्टाफ के तीन लोगों का ट्रांसफर किया गया. आरोप थे कि सुकेश ने उनमें से एक को रिश्वत देने की कोशिश की थी. तब सुकेश को भी दूसरे सेल में शिफ्ट कर दिया गया था.
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200 करोड़ रुपये के मनी लॉन्ड्रिंग मामले में सजा काट रहे सुकेश चंद्रशेखर का नाम आगे भी चर्चा में बना रहा. दिल्ली पुलिस की EOW विंग ने तिहाड़ जेल को कहा था कि रोहिणी वाली जेल के 82 कर्मचारियों की जांच होनी चाहिए. क्योंकि इनपर सुकेश की मदद करने के बदले करोड़ों रुपये लेने का आरोप है.
सुप्रीम कोर्ट ने कहा- 'अपराधियों की गुफा' बन गई है तिहाड़ जेल
तिहाड़ जेल से लगातार सुरक्षा में चूक के मामले सामने आते रहे. इसपर सुप्रीम कोर्ट ने कड़ी टिप्पणी भी की थी. कोर्ट ने कहा कि तिहाड़ जेल क्रिमिनल्स की गुफा बन गई है. कोर्ट ने गृह मंत्रालय को इसपर जल्द कुछ करने को कहा था.
कोर्ट ने इस बात पर भी नाराजगी जताई थी कि दिल्ली कमिश्नर राकेश अस्थाना ने जेल सुधार के जो कदम बताये थे उनपर काम क्यों नहीं हुआ.
सुप्रीम कोर्ट की फटकार के बावजूद नहीं हुआ सुधार
अक्टूबर 2021 में फिर तिहाड़ जेल चर्चा में आया. तब तिहाड़ के अधिकारियों पर यूनिटेक के पूर्व प्रमोटर्स संग मिलीभगत करने के आरोप लगे. प्रमोटर्स अजय चंद्रा और संजय चंद्रा से नाम जुड़ने के बाद 82 जेल अधिकारियों को सस्पेंड किया गया था और FIR भी दर्ज हुई थी.
(आलोक रंजन के इनपुट के साथ)