
कहा जाता है मजबूरी में इंसान कुछ भी कर लेता है. फिर बाद में उसको पता चलता है कि उसने कितना बड़ा अपराध किया है. छत्तीसगढ़ के रायपुर में भी कुछ ऐसा ही हुआ. यहां मन मुताबिक वेतन और दिवाली बोनस न मिलने से एक कर्मचारी लुटेरा बन गया. उसने कुछ साथियों के साथ मिलकर अपनी ही कंपनी की मोटी रकम उड़ा ली. फिर लूट की झूठी कहानी गढ़ दी. लेकिन वो कहते हैं न कि झूठ का ज्यादा दिन तक नहीं टिक सकता. पुलिस ने जल्द की लूट की गुत्थी को सुलझा लिया और अब कर्मचारी पुलिस की गिरफ्त में है.
घटना 18 अक्टूबर को सिलयारी ग्राम तरेसर की है. ओडिशा की एसपी गोयल नाम की कंपनी में काम करने वाले कुछ कर्मचारी मजदूरों का नगद वेतन एक बैग में भरकर लेकर जा रहे थे. तभी रास्ते में कुछ लोगों ने उन्हें लूट लिया. कंपनी के एक कर्मचारी सुशांत ने पुलिस में शिकायत दर्ज करवाई.
जांच में जुटी पुलिस ने इलाके में लगे सीसीटीवी कैमरों को खंगाला तो पाया कि जिन लोगों ने कंपनी के कर्मचारियों के साथ लूट की है, वे लोग बाद में उसी कंपनी के कर्मचारी विद्याधर के साथ भी दिखे. जब विद्याधर से सख्ती से पूछताछ की गई तो वह टूट गया. उसने बताया कि उसी ने अपने कुछ साथियों को लूट के लिए भेजा था.
जैसे ही वे लोग सिलयारी के पास पहुंचे तो विद्याधर के साथियों ने सुशांत और अन्य कर्मचारियों के साथ मारपीट की. फिर रुपयों से भरा बैग लेकर फरार हो गए. बैग में 1 लाख 70 हजार रुपये थे, जो कि कंपनी ने मजदूरों को देने थे.
विद्याधर ने पुलिस को बताया कि सैलरी कम होने की वजह से कंपनी मैनेजमेंट से साथ उसकी कई बार नोक-झोंक भी हो चुकी है. दिवाली पर भी बोनस नहीं मिला, इसलिए पैसा कमाने के लिए उसने ये शॉर्टकट अपनाया.
रायपुर के एडिशनल एसपी अभिषेक महेश्वरी ने बताया कि लूट को अंजाम देने वाले दो लोग अभी फरार हैं. उनकी तलाश की जा रही है. बाकी आरोपी विद्याधर को भी गिरफ्तार में लेकर उससे पूछताछ की जा रही है.
(रायपुर से श्री प्रकाश तिवारी की रिपोर्ट)