
यूपी में खूंखार गुंडों का खौफ इतना है कि ऐसे खूंखार अपराधियों को सामान्य जेल में रखना भी पुलिस के लिए एक बड़ी चुनौती है. इसी को ध्यान में रखते हुए आजमगढ़ जिला कारागार में बंद चार शातिर अपराधी गैर जनपद स्थानांतरित किए जाएंगे. इसमें अजीत हत्याकांड में नामजद अखंड प्रताप सिंह भी शामिल है. इसके अलावा तीन अपराधी कुख्यात ध्रुव कुमार सिंह उर्फ कुंटू के खास सहयोगी हैं. शासन ने प्रशासनिक आधार पर इन्हें दूसरे जनपद में स्थानांतरित करने का फरमान जारी किया है.
उत्तर प्रदेश के प्रमुख सचिव सुरेश कुमार पांडेय ने पुलिस महानिदेशक कारागार प्रशासन को भेजे पत्र में जिला जेल में बंद चार विचाराधीन बंदियों को प्रशासनिक आधार पर अन्यत्र जेलों में स्थानांतरित करने का निर्देश दिया है. जिला प्रशासन ने 17 जनवरी को इस बाबत शासन को पत्र लिखा था. इन विचाराधीन बंदियों में अखंड प्रताप सिंह को केंद्रीय कारागार बरेली भेजा जा रहा है.
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अखंड प्रताप लखनऊ के अजीत हत्याकांड के अलावा वाराणसी के ट्रांसपोर्टर हत्याकांड में आरोपी है. इसके अलावा संजय यादव को जिला कारागार कासगंज, शिव प्रकाश यादव उर्फ प्रकाश को केंद्रीय कारागार आगरा व मृत्युंजय उर्फ मयंक उर्फ विक्की सिंह को जिला कारागार लखनऊ भेजने का निर्देश है.
आपको बता दें कि अजीत सिंह, बाहुबली मुख्तार अंसारी का करीबी था जिसकी हत्या चार शूटरों द्वारा लखनऊ में गोली मारकर कर दी गई थी. हत्या की वारदात के बाद जिस लाल डस्टर कार से शूटर अवध बस अड्डे से भागे थे, पुलिस ने उस कार को बरामद भी कर लिया था. पुलिस को जांच में पता चला कि जिन शूटरों ने अजीत सिंह को गोली मारी थी, उन्होंने तीन दिन तक इसकी रेकी की थी. करीब तीन शूटर तीन दिन पहले ही आजमगढ़ से लखनऊ आए थे, यहां उन्होंने अजीत सिंह की हर गतिविधि पर नज़र रखी.
जानकारी के मुताबिक, लखनऊ की कठौता झील के पास अजीत सिंह कुछ लोगों के साथ बातचीत कर रहा था. तभी शूटरों ने अजीत सिंह पर गोलियां चला दीं. जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई. बताया जा रहा है कि अजीत सिंह मऊ के ही माफिया कुंटू सिंह का करीबी था. धीरे-धीरे वह मुख्तार अंसारी का करीबी हो गया. कुछ समय से अजीत सिंह राजधानी लखनऊ में ही रह रहा था. सूत्रों के मुताबिक चारों शूटर आजमगढ़ के रहने वाले थे.