
गाजा में पिछले 11 महीने से हमास और इजरायल के बीच जंग जारी है. इजरायली सेना लगातार भीषण हमले कर रही है, जिसमें हर रोज बड़ी संख्या में लोग मारे जा रहे हैं. गाजा में स्वास्थ्य मंत्रालय ने दावा किया है कि युद्ध में मरने वालों की संख्या 40 हजार के पार पहुंच चुकी है. करीब 40,265 हजार लोग अबतक मारे जा चुके हैं. शुक्रवार को हुआ ताजा हमले में 16 लोग मारे गए हैं, जिनमें बच्चों और महिलाओं की संख्या ज्यादा है.
इजरायली सेना ने गाजा के खान यूनिस और दीर अल-बलाह में जबरदस्त हवाई हमला किया. इन ड्रोन हमलों के बाद का वहां भयानक मंजर देखने को मिला है. आईडीएफ ने गुरुवार को भी एक स्कूल और रिहायशी इमारत को अपना निशाना बनाया. इसमें 3 लोगों को मौत हो गई और करीब 15 लोग घायल हो गए. इस हमले का एक वीडियो भी वायरल हुआ है, जिसमें इजरायली सेना की मिसाइल स्कूल और घर पर गिरती हुई नजर आ रही है.
इस हमले में एक बड़ी इमारत जमींदोज हो जाती है औऱ एक धुएं का गुबार उठता हुआ नजर आता है. इसके बाद पूरे इलाके में भगदड़ मच जाती है. लोग घायलों को मलबे से बाहर निकालकर अस्पताल पहुंचाने में जुट जाते हैं. वहीं दूसरी ओर खान यूनिस पर किए गए इजरायली ड्रोन हमलों में करीब 9 लोगों की मौत हो गई है. दीर अल-बलाह में भी 8 लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी है. इजरायली सेना ने हमास के कई ठिकानों को निशाना बनाया है.
इसके साथ ही इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू और रक्षा मंत्री योव गैलेंट ने गाजा पट्टी में एक सैन्य अभियान के तहत रफाह में भी करीब 150 से ज्यादा आतंकी सुरंगों को तबाह करने का दावा किया है. वायु सेना बेस की अपनी यात्रा के दौरान, पीएम नेतन्याहू ने रक्षात्मक और आक्रामक दोनों ही तरीके से किसी भी स्थिति से निपटने के लिए इजरायली सेना को तैयार बताया है. उन्होंने कहा, ''हम किसी भी परिदृश्य के लिए तैयार हैं''
युद्धविराम पर चल रही बातचीत के बीच इजरायल की ओर से किए जा रहे इन ताबड़तोड़ हमलों ने गाजा के बसे बसाए शहर को खंडहर में तब्दील कर दिया है. गाजा के 2.3 मिलियन निवासियों में से ज्यादातर लोगों को अपना घर छोड़कर भागने पर मजबूर कर दिया है. पिछले साल अक्टूबर में शुरु हुए इस युद्ध में 40 हजार फिलिस्तीनी और 1200 इजरायली लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी है. इस जंग ने इजरायल की अर्थव्यवस्था को जर्जर कर दिया है.
इस युद्ध ने इजरायल को आर्थिक संकट में डाल दिया है. देश का घाटा बढ़ गया है. क्रेडिट रेटिंग गिर गई है. पर्यटन उद्योग लड़खड़ा गया है. देश का खर्च विवादों में घिरा हुआ है. युद्ध विराम की नाकाम होती अब तक की कोशिशों, हमास के साथ-साथ अब हिजबुल्लाह और ईरानी मोर्चों से हवाई हमलों से, यहां के लोगों का मनोबल भी टूट गया है. इसका असर यहां के बाजारों और पर्यटक स्थलों पर साफ तौर पर देखा जा सकता है.
इजरायल के कई अर्थशास्त्री देश के मौजूदा हालात से बेहद चिंतित हैं. जल्द से गाजा में जारी संघर्ष पर विराम चाहते हैं, ताकि जिंदगी फिर से पटरी पर लौट सके. इजरायल के दक्षिण और उत्तर में पुनर्निर्माण की लागत, पीड़ितों के परिवारों के लिए मुआवजा और देश की रक्षा प्रणालियों को मजबूत करने की लागत की वजह से देश की अर्थव्यवस्था पर भारी दबाव है. इजरायल इस साल घरेलू उत्पाद में लगभग 14 अरब डॉलर खोने जा रहा है.