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ईद से पहले गाजा में पसरा मातम, इजरायली हमले में मारे गए 14 फिलिस्तीनी शरणार्थी

पिछले छह महीनों से चल रही जंग में गाजा पर इजरायल ने एक बार फिर हवाई हमला कर दिया. इसमें करीब 14 फिलिस्तीनियों की मौत हो गई और कई लोग घायल हो गए हैं. इजरायल ने ये हमला ईद उल-फितर की पूर्व संध्या पर सीजफायर के लिए हो रही बातचीत के बीच किया है.

गाजा पर इजरायल ने एक बार फिर हवाई हमला कर दिया. गाजा पर इजरायल ने एक बार फिर हवाई हमला कर दिया.
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 10 अप्रैल 2024,
  • अपडेटेड 8:18 PM IST

पिछले छह महीनों से लगातार चल रही हमास और गाजा के बीच जंग जल्द खत्म होती नजर नहीं आ रही है. युद्धविराम के प्रस्तावों के बीच इजरायल ने एक बार फिर गाजा पर हमला बोल दिया है. इजरायल ने गाजा के दीर अल-बलाह और नुसीरत शरणार्थी कैंप को निशाना बनाते हुए कई हवाई हमले किए हैं. इस हमले में कम से कम 14 फिलिस्तीनियों की मौत हो गई है, जबकि कई लोग गंभीर रूप से घायल बताए जा रहे हैं.

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इजरायल ने ये हमला ईद उल-फितर की पूर्व संध्या पर किया है. इसके कारण खुशी के मौके पर पूरे इलाके में मातम का साया छा गया है. गाजा में अस्पतालों के बाहर लोग रोते बिलखते नजर आए. जानकारी के मुताबिक मरने वालों में 5 बच्चों समेत 2 महिलाएं शामिल हैं. एक फिलिस्तीनी अबू मोहम्मद यूसुफ ने बताया, "कैंप नंबर 2 में इजरायल ने नरसंहार किया है. इसमें मेरा भाई, उसकी बेटियां, उसकी पत्नी सहित कई लोग मारे गए हैं.''

गाजा पर लगातार हो रही इजरायली कार्रवाई और सहायताकर्मियों पर हुए हमले पर अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडेन ने चिंता जताते हुए हमले को गलत बताया और साथ ही इजरायल की ओर से युद्धविराम का प्रस्ताव आने की भी इच्छा जताई. रिपोर्टस की माने तो इज़राइल की ओर से लगातार हो रहे हमले ने गाजा को मानवीय संकट की ओर धकेल दिया है. यहां 80 फीसदी से ज्यादा आबादी विस्थापित हो गई है. एक मिलियन लोग भूखमरी के कगार पर पहुंच गए हैं.

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फिलहाल इजराइल और हमास के बीच संघर्ष विराम कराने के अंतर्राष्ट्रीय प्रयास काहिरा में हो रहे हैं. इसमें मिस्र के अधिकारियों के मुताबिक हमास और इज़राइल के सामने एक नया संघर्ष विराम प्रस्ताव पेश किया है. इसमें लड़ाई में 6 सप्ताह के विराम के साथ साथ इज़राइल में कैद करीब 700 फ़िलिस्तीनियों के बदले हमास से 40 इजरयाली बंधकों की अदला-बदली शामिल है. हालांकि प्रस्ताव में इजरायल ने ज्यादा बंधकों को रिहा करने की मांग उठाई है.

बताते चलें कि इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू किसी भी कीमत पर गाजा में सैन्य कार्रवाई रोकने के मूड में नहीं है. उन्होंने रफाह में जमीनी सैन्य अभियान की शुरूआत की तारीख भी तय कर दी हैं. रफाह में 13 लाख से ज्यादा विस्थापित फिलिस्तीनियों ने शरण ले रखी है, ऐसे में इजरायल सैन्य अभियान चलाता है तो वहां भारी तबाही तय है. रफाह में हजारों अस्थाई टेंटों में लाखों फिलिस्तीनी इजरायली बमबारी से बचने के लिए कई महीने से रह रहे हैं. 

मिस्र और गाजा के सीमा पर मौजूद रफाह ही एक ऐसा एकलौता इलाका है, जहां पर अभी तक इजरायली सैनिक नहीं पहुंचे हैं. ऐसे में यहां रह रहे लोग अबतक सुरक्षित हैं. हालांकि इजरायल इस इलाके में हवाई हमले करता रहा है, लेकिन अब आईडीएफ ने रफाह में सैन्य अभियान चलाने की बात कही है. 

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इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा कि वो रफाह में इजरायली सैनिकों को भेजने की तारीख भी तय कर दिए हैं. उन्होंने कहा, ''मुझे काहिरा में हुई वार्ता पर एक विस्तृत रिपोर्ट मिली है. हम अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए लगातार काम कर रहे हैं. सबसे पहले हमारे सभी बंधकों की रिहाई और हमास पर पूर्ण जीत हासिल करना. इस जीत के लिए रफाह में आतंकवादियों का खात्मा आवश्यक है. वहां सैकड़ों हमास के लड़ाके छिपे हुए हैं. उनका सफाया जरूरी है.''

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