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भड़काऊ नारेबाजी केस के आरोपी पिंकी चौधरी ने किया सरेंडर, सैकड़ों समर्थकों के साथ पहुंचा थाने

राजधानी दिल्ली के जंतर-मंतर पर भड़काऊ नारेबाजी (Hate Speech) के मामले में कई दिनों से फरार चल रहे भूपेंदर तोमर उर्फ पिंकी चौधरी ने मंगलवार को सरेंडर कर दिया.

आरोपी पिंकी चौधरी (फाइल फोटो) आरोपी पिंकी चौधरी (फाइल फोटो)
अरविंद ओझा
  • नई दिल्ली,
  • 31 अगस्त 2021,
  • अपडेटेड 4:13 PM IST
  • कई दिनों से फरार चल रहा था पिंकी चौधरी
  • दिल्ली के मंदिर मार्ग थाने में किया सरेंडर

राजधानी दिल्ली के जंतर-मंतर पर भड़काऊ नारेबाजी (Hate Speech) के मामले में फरार चल रहे भूपेंदर तोमर उर्फ पिंकी चौधरी (Pinki Chaudhary) ने मंगलवार को सरेंडर कर दिया. पिंकी चौधरी दिल्ली के मंदिर मार्ग थाने में सैकड़ों समर्थकों के साथ पहुंचा. थाने के बाद उसके समर्थकों ने फूलमाला पहनाकर उसका स्वागत किया. अब दिल्ली पुलिस इस मामले में पिंकी चौधरी को गिरफ्तार करेगी.

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सोमवार को ही पिंकी चौधरी ने सरेंडर करने की बात कही थी. पिंकी ने न्यायालय में विश्वास होने की बात कहते हुए कहा था कि उसने कुछ भी गलत नहीं बोला था. पिंकी कई बार इस बात को कह चुका है कि उसने कुछ भी गलत नहीं बोला था.

दरअसल, 8 अगस्त को जंतर-मंतर पर एक कार्यक्रम के दौरान अल्पसंख्यक समुदाय के खिलाफ भड़काऊ नारेबाजी की गई थी. इसमें हिंदू रक्षा दल का नेता पिंकी चौधरी भी मौजूद था. इस मामले में कार्रवाई करते हुए पुलिस ने वकील अश्विनी उपाध्याय को भी गिरफ्तार किया था. अश्विनी नारेबाजी के समय वहां पर मौजूद थे. हालांकि, बाद में उन्हें कोर्ट से जमानत मिल गई थी.

इस मामले में विनोद शर्मा, दीपक सिंह, दीपक, विनीत क्रांति, प्रीत सिंह को भी गिरफ्तार किया गया था. वहीं, पिंकी चौधरी घटना के बाद से ही फरार चल रहा था. अब तक हुई जांच में सामने आया है कि पिंकी चौधरी के खिलाफ नोएडा और गाजियाबाद में कुल 8 मामले दर्ज हैं.

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अदालत ने खारिज कर दी थी अग्रिम जमानत याचिका

पिछले हफ्ते ही दिल्ली की एक अदालत ने पिंकी चौधरी की अग्रिम जमानत को खारिज कर दिया था. सुनवाई के दौरान मजिस्ट्रेट अनिल अंतिल ने कहा था, 'हम तालिबान राज में नहीं है. कानून भी कुछ है और हमारे समाज को चलाने का पवित्र सिद्धांत है.'

कोर्ट ने ये भी माना था कि जंतर-मंतर पर दिया उनका बयान 'भड़काऊ' और 'धमकी' भरा था. कोर्ट ने ये भी माना कि ये बयान समाज में 'नफरत' और 'दुर्भावना' को बढ़ावा देने के लिए दिया गया था. 

 

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