Advertisement

दिल्ली: भड़काऊ नारेबाजी केस में पिंकी चौधरी को 14 दिन की न्यायिक हिरासत

इस केस की बात करें तो आठ अगस्त को जंतर-मंतर अल्पसंख्यक समुदाय के खिलाफ भड़काऊ नारेबाजी की गई थी. उस समय मौके पर हिंदू रक्षा दल के नेता पिंकी चौधरी भी मौजूद थी. खुद पिंकी ने बात में इस बात को स्वीकार किया था कि उसके संगठन ने ही ये भड़काऊ नारे लगाए थे और उसे इसमें कोई आपत्ति नजर नहीं आई थी.

14 दिन की न्यायिक हिरासत में पिंकी 14 दिन की न्यायिक हिरासत में पिंकी
संजय शर्मा
  • नई दिल्ली,
  • 02 सितंबर 2021,
  • अपडेटेड 5:02 PM IST
  • 14 दिन की न्यायिक हिरासत में पिंकी
  • भड़काऊ नारेबाजी केस में कोर्ट का फैसला
  • मंगलवार को पिंकी ने किया था सरेंडर

जंतर-मंतर भड़काऊ नारेबाजी केस में आरोपी पिंकी चौधरी को पटियाला हाउस कोर्ट 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है. पिंकी चौधरी ने मंगलवार को मंदिर मार्ग थाने में किया था सरेंडर जिसके बाद पुलिस ने उसे गिरफ्तार किया और अब कोर्ट ने न्यायिक हिरासत में भेज दिया है.

14 दिन की न्यायिक हिरासत में पिंकी

इस केस की बात करें तो आठ अगस्त को जंतर-मंतर पर अल्पसंख्यक समुदाय के खिलाफ भड़काऊ नारेबाजी की गई थी. उस समय मौके पर हिंदू रक्षा दल का नेता पिंकी चौधरी भी मौजूद था. खुद पिंकी ने बाद में इस बात को स्वीकार किया था कि उसके संगठन ने ही ये भड़काऊ नारे लगाए थे और उसे इसमें कोई आपत्ति नजर नहीं आई थी.

Advertisement

लेकिन इस मामले में पुलिस को पिंकी की तलाश थी और वो लंबे समय तक फरार रहा. इसके बाद खुद उसने आगे आकर ये ऐलान किया कि वो पुलिस के सामने सरेंडर करेगा. उसने न्यायपालिका और कानून में अपना विश्वास जाहिर किया था. उसी ऐलान के बाद मंगलवार को मंदिर मार्ग थाने में पिंकी ने सरेंडर कर दिया और अब उसे 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है.

कौन-कौन हुआ गिरफ्तार?

इस केस में पिंकी के अलावा विनोद शर्मा, दीपक सिंह, दीपक, विनीत क्रांति, प्रीत सिंह को भी गिरफ्तार किया गया है. वहीं पहले वकील अश्विनी उपाध्याय को भी गिरफ्तार किया था. अश्विनी नारेबाजी के समय वहां पर मौजूद थे. हालांकि, बाद में उन्हें कोर्ट से जमानत मिल गई थी. ऐसे में वे बच गए हैं लेकिन बाकी आरोपियों पर कड़ी कार्रवाई की जा रही है.

Advertisement

कोर्ट ने क्या कहा?

कोर्ट ने भी इस मामले में सख्त रवैया अपना रखा है. पिंकी चौधरी की अग्रिम जमानत को खारिज करते हुए दिल्ली की एक अदालत ने कहा था कि हम तालिबान राज में नहीं है. कानून भी कुछ है और हमारे समाज को चलाने का पवित्र सिद्धांत है. उनकी तरफ से पिंकी चौधरी को इस मामले में किसी भी तरह की राहत से देने से साफ इनकार कर दिया गया था. 

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement