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रांची के वीआईपी इलाके में रहने वाली फर्जी महिला IAS गिरफ्तार, लोगों पर ऐसे झाड़ती थी रौब

रांची का अशोक नगर इलाका शहर के सबसे वीवीआईपी इलाका माना जाता है. जहां अधिकांश आईएएस और आईपीएस अधिकारियों के आवास हैं. झारखंड पुलिस के कई बड़े अधिकारी भी अशोक नगर में रहते हैं. वहीं मकान संख्या C/06 के बाहर आईएएस मोनिका का बोर्ड लगा हुआ था.

घर के बाहर गेट पर मोनिका आईएएस की नेम प्लेट लगी हुई थी घर के बाहर गेट पर मोनिका आईएएस की नेम प्लेट लगी हुई थी
सत्यजीत कुमार
  • रांची,
  • 23 जुलाई 2021,
  • अपडेटेड 10:33 PM IST
  • वीआईपी इलाके में लिया था किराए का घर
  • बॉडीगार्ड, ड्राइवर और रसोईया भी था तैनात
  • घर के गेट पर लगी थी नाम की प्लेट

झारखंड की राजधानी रांची में पुलिस ने एक फर्जी महिला आईएएस को गिरफ्तार किया है. वह रांची के एक वीआईपी इलाके में ठाट से रहती थी. उसने अपने मकान के गेट पर आईएएस की नेम प्लेट भी लगा रखी थी. उसका रहन सहन देखकर तो आस-पास के लोगों को उस पर ज़रा भी शक नहीं हुआ कि वो एक फर्जी अफसर है.   

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रांची का अशोक नगर  इलाका शहर के सबसे वीवीआईपी इलाका माना जाता है. जहां अधिकांश आईएएस और आईपीएस अधिकारियों के आवास हैं. झारखंड पुलिस के कई बड़े अधिकारी भी अशोक नगर में रहते हैं. अशोक नगर की रोड नंबर एक के मकान संख्या C/06 के बाहर आईएएस मोनिका का बोर्ड लगा हुआ था. यही नहीं घर के बाहर बॉडीगार्ड, सरकारी वर्दी में ड्राइवर भी तैनात था. सरकारी गाड़ी भी मौजूद थी. जिस पर असिस्टेंट कलेक्टर की प्लेट लगी थी.

यह मकान डॉक्टर डीके राय का है. उन्होंने मोनिका नाम की एक युवती को अपना घर किराए पर दिया था. जिसने उन्हें बताया था कि वह 2020 बैच की प्रशिक्षु आईएएस अफसर है और फिलहाल उसकी तैनाती जमशेदपुर में असिस्टेंट कलेक्टर के रूप में है. लेकिन इसी दौरान डॉ. डीके राय को मोनिका की गतिविधियां कुछ संदिग्ध लगी. कई बार पूछताछ करने पर मोनिका ने उन्हें बताया कि फिलहाल वह छुट्टी पर हैं, इसलिए जमशेदपुर नहीं जा रही हैं. 

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मोनिका की बातों पर शक होने के बाद डॉक्टर राय ने इस बात की जानकारी अरगोड़ा थाने को दी. थाना पुलिस को सूचित किया गया कि अशोक नगर के मकान संख्या C/06 में खुद को भारतीय प्रशासनिक सेवा 2020 बैच की अधिकारी बताने वाली एक युवती रह रही है, लेकिन वह भारतीय प्रशासनिक सेवा की अधिकारी प्रतीत नहीं होती है. वह अक्सर अपने साथ दो-तीन लोगों को लेकर घूमती है. उनकी गाड़ी पर झारखंड सरकार का लोगो भी लगा है. लेकिन उनका आचरण संदिग्ध है.

ये जानकारी मिलने पर अरगोड़ा के थाना प्रभारी विनोद कुमार ने वरिष्ठ अधिकारियों को इस बात से अवगत कराया फिर मामले की जांच शुरू कर दी. दो दिन तक पुलिस ने रेकी और छानबीन की. जिसमें यह साबित हो गया कि मोनिका आईएएस नहीं हैं, बल्कि आईएएस अफसर बनने का ढोंग कर रही हैं. इसके बाद महिला पुलिसकर्मियों के साथ पुलिस टीम मोनिका के घर पहुंच गई. पुलिस को देखकर मोनिका घबरा गई. 

जब पुलिसकर्मियों ने उससे पूछा कि आप की पोस्टिंग कहां है? तो उसने बताया कि वह 2020 बैच की आईएएस अधिकारी है. और वर्तमान में असिस्टेंट कलेक्टर के रूप में जमशेदपुर में तैनात है. लेकिन बाद में उसकी पोल खुल गई. पुलिस ने जमशेदपुर से उसके बारे में जानकारी की तो उसका सारा राज खुल गया. पुलिस ने मोनिका को फौरन हिरासत में ले लिया.  

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मोनिका ने पूछताछ में पुलिस को बताया कि वह दिल्ली स्थित एक कोचिंग सेंटर में आईएएस की तैयारी कर रही है. लेकिन वह खुद को आईएएस अधिकारी के रूप में ही लोगों के सामने पेश करती थी. ताकि लोग यह समझे कि वह सचमुच एक आईएएस है. इसी वजह से उसने किराए का मकान लिया और उसके गेट पर भी आईएएस का बोर्ड लगा दिया था. बॉडीगार्ड के लिए उसने एक रिटायर आर्मी के जवान को रखा था. मोनिका ने अपना ड्राइवर और रसोइया भी रखा हुआ था, ताकि आसपास के लोग यही समझे कि वह एक आईएएस अधिकारी है. 

मोनिका के पास से झारखंड सरकार का फर्जी लोगो, डिप्टी कलेक्टर का फर्जी लेटर पैड भी बरामद किया गया है. उसने आईएएस अधिकारी का फर्जी आई कार्ड भी बनवा रखा था, लेकिन उसने पुलिस के डर से उसे कहीं फेंक दिया था. थाना प्रभारी ने बताया कि मोनिका से पूछताछ चल रही है, पूछताछ के बाद यह खुलासा होगा कि क्यों वह अशोक नगर इलाके में फर्जी आईएएस बनकर रह रही थी? उसके साथ और कौन-कौन लोग शामिल हैं.

 

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