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UP: 83 लोगों ने फर्जी दस्तावेज लगाकर ले लिया पौने 3 करोड़ का लोन, ऐसे खुला राज

यूपी के कौशांबी में 83 लोगों में फर्जी दस्तावेज लगाकर बैंक से पौने तीन करोड़ रुपए का लोन ले लिया. बैंक ने जब लोन चुकाने को लेकर नोटिस भेजा तो समय बीतने के बाद भी कोई जवाब नहीं आया. इसके लोन लेने वालों पर केस दर्ज कराया. पुलिस मामले की जांच कर रही है.

मामले की जांच करती पुलिस. मामले की जांच करती पुलिस.
अखिलेश कुमार
  • कौशांबी,
  • 23 अक्टूबर 2022,
  • अपडेटेड 7:43 AM IST

उत्तर प्रदेश के कौशांबी में फर्जी दस्तावेज लगाकर 83 लोगों ने बैंक से पौने तीन करोड़ रुपए का लोन ले लिया. मामला सामने आने के बाद बैंक ऑफ बड़ौदा के सहायक महाप्रबंधक ने एफआईआर दर्ज कराई है. मामले में केस दर्ज होने के बाद हड़कंप मच गया है.

दरअसल, कौशांबी के 83 लोगों ने मिनी डेयरी के लिए करीब दो करोड़ 78 लाख 58 हजार रुपए से अधिक का लोन लिया था. लोन लेने के बाद इन लोगों ने पैसा वापस नहीं किया. कई बार नोटिस भेजने के बावजूद जवाब नहीं दिया. इसके बाद बैंक ऑफ बड़ौदा के सहायक महाप्रबंधक ने कोर्ट जरिए सभी के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई है. कोर्ट के आदेश के बाद पुलिस ने केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है.

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पुलिस के अनुसार, मंझनपुर की बैंक ऑफ बड़ौदा की शाखा से 26 सितंबर 2019 से लेकर 26 दिसंबर 2019 तक दिनेश डेयरी एंड आइस प्लांट के प्रोपराइटर राजेश साहू निवासी समदा सहित 83 लोगों ने मिनी डेयरी के लिए लोन लिया था. लोन की रकम दो करोड़ 78 लाख 58 हजार रुपए थी. बैंक की ओर से एक लाख से साढ़े छह लाख रुपए तक का लोन स्वीकृत किया गया था.

अब इस मामले में पता चला है कि विभागीय जिम्मेदारों से सांठगांठ कर लोन लेने वालों ने जानवरों का फर्जी स्वास्थ्य प्रमाण पत्र लगवा दिया था. जानवरों की खरीदारी और इंश्योरेंस के फर्जी दस्तावेज लगाए गए. इसके बाद बैंक अफसरों ने लोन की राशि खातों में ट्रांसफर कर दी. इसके जब अफसरों ने स्थलीय निरीक्षण किया तो मौके पर कुछ भी नहीं मिला.

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अफसरों को मौके पर न डेयरी मिली, न जानवर

निरीक्षण के दौरान अफसरों को मौके पर न तो डेयरी मिली और न जानवर मिले. बैंक के अफसरों का कहना है कि जांच में पता चला है कि मेसर्स दिनेश डेयरी एंड आइस प्लांट के प्रोपराइटर राजेश साहू ने लोगों को फर्जी दस्तावेजों के सहारे लोन लेने की सलाह दी थी. राजेश के कहने पर ही 82 लोगों ने लोन लिया था.

बैंक अधिकारियों ने कहा कि कुछ लोगों ने अपनी मार्जिन मनी भी जमा की थी. जांच के बाद वर्ष 2021 में सभी खातों को डिफाल्ट घोषित किया गया था. इसके बाद बैंक ऑफ बड़ौदा के सहायक महाप्रबंधक प्रमोद कुमार ने मंझनपुर कोतवाली में धोखेबाजों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने की तहरीर भी दी थी. आरोप है कि उनकी शिकायत पर कोई ध्यान नहीं दिया गया.

इसके बाद सहायक महाप्रबंधक ने अदालत का दरवाजा खटखटाया. एएसपी समर बहादुर ने कहा कि अदालत के आदेश पर राजेश साहू सहित 83 धोखेबाजों के खिलाफ मंझनपुर कोतवाली में मुकदमा दर्ज कर छानबीन शुरू कर दी गई है.

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