
केरल के बहुचर्चित थेनकुरुसी ऑनर किलिंग केस में कोर्ट ने दो दोषियों को उम्रकैद की सजा सुनाई है. इसके साथ ही 50 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया गया है. कोर्ट ने कहा कि जुर्माना अदा न करने पर दोनों दोषियों को दो साल के कठोर कारावास की सजा अतिरिक्त काटनी होगी. हालांकि, इस फैसले पर पीड़ित पक्ष ने नाराजगी दिखाई है. मृतक की पत्नी और माता-पिता का कहना है कि इस केस में मौत की सजा दी जानी चाहिए थी.
अतिरिक्त सत्र न्यायालय के न्यायाधीश न्यायमूर्ति विनायक राव आर ने दो आरोपी प्रभु कुमार और सुरेश कुमार को उनके परिवार की बेटी से शादी करने की वजह से 27 वर्षीय शख्स की हत्या का दोषी पाया. मृतक का नाम अनीश था, जिसने प्रभु की बेटी हरिथा से अंतरजातीय विवाह किया था. दोनों की आर्थिक हैसियत में भी बहुत अंतर था. इस वजह से हरिथा के परिवार वाले नाराज हो गए और उसके पिता-चाचा ने अनीश की हत्या कर दी.
ये दुखद घटना 25 दिसंबर, 2020 को हुई थी. इस मामले आरोपियों के खिलाफ आईपीसी की संबंधित धाराओं के तहत केस दर्ज किया गया था. इसके बाद दोनों को गिरफ्तार कर लिया गया था. न्यायाधीश ने सीआरपीसी की धारा 432 और 433 के तहत सेट-ऑफ की अनुमति भी दी है, जो कि हिरासत में बिताए गए समय से कम कर दी जाएगी. यानी अभी तक जेल में बिताए गए दिनों को कुल कैद में से कम कर दिया जाएगा.
इस फैसले को सुनने कोर्ट में आए हरिथा और अनीश के माता-पिता ने निराशा व्यक्त की है. उन्होंने कहा कि वे हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे. रोती हुई हरिथा ने कहा, "हमें उम्मीद थी कि अभियुक्तों को या तो मौत की सजा मिलेगी या दोहरी आजीवन कारावास की सजा मिलेगी. उनके द्वारा किए गए अपराध की गंभीरता के लिए यह सजा बहुत कम है. इस केस के दौरान हमारे परिवार को जान से मारने की धमकी मिली थी."
अनीश के माता-पिता ने भी इसी तरह की प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि वे वर्तमान फैसले के खिलाफ अपील करने के लिए सरकार से संपर्क करेंगे. मृतक के पिता ने कहा, "आरोपियों को अब भी कोई पछतावा नहीं है. वे अब भी दावा कर रहे हैं कि उन्होंने कुछ भी गलत नहीं किया है. उन्होंने मेरे बेटे को बेरहमी से मार डाला. आखिर उसका क्या गुनाह था. वे अधिक सजा के हकदार हैं. हम इसके लिए किसी भी हद तक जाएंगे."