
झारखंड के धनबाद से झूठे मुकदमे का बड़ा मामला सामने आया है, जिसने दो परिवार समते पांच लोगों की जिंदगी को पूरी तरह से तबाह कर दिया. एक युवती के अपहरण के आरोप में पांच लोगों को 9 महीने की जेल काटनी पड़ी और दो की नौकरी चली गई. एक अभियुक्त की सदमे में जान चली गई. अब यह मामला झूठा निकला और 18 साल बाद युवती घर लौट आई जो साल 2003 में गायब हुई थी. इस अपहरण केस के फंसे आरोपी इंसाफ की गुहार लगा रहे हैं.
18 साल बाद घर लौटी युवती
यह मामला धनबाद के झरिया का है, जहां लोदना ओपी क्षेत्र से युवती साल 2003 में गायब हो गई थी. अब जब वो 18 साल बाद घर वापस लौटी तो उसने बताया कि उसका अपहरण नहीं हुआ था, वो लोदना रक्षा काली मेला के दौरान भटक कर और खड़गपुर चली गई थी और वहीं एक मंदिर में रहने लगी थी. इस बीच वो परिवार जिसपर अपहरण का आरोप लगाया था, वो प्रशासन से न्याय की गुहार लगा रहा है.
झूठे अपहरण के केस में 5 लोग गए थे जेल
इस मामले में राजू मल्लाह, रामेश्वर मल्लाह, मनोज निषाद, बजरंगी पासवान और दीपक चौहान को लड़की के अपहरण का आरोपी बनाया था. जिसमें ये सभी 9 महीने जेल के अंदर रहने के बाद सभी जमानत पर छूट गए. झूठे आरोप में रामेश्वर निषाद, राजू निषाद की नौकरी भी चली गई. ये दोनों बीसीसीएल में काम करते थे. नौकरी जाने के सदमे से रामेश्वर निषाद की मौत हो गई.
दो लोगों की गई नौकरी, एक की हुई मौत
अपहरण के मामले में जेल काट चुके यह सभी आरोपी अब न्याय की मांग कर रहे हैं. बीते 18 सालों में झूठे अपहरण के मामले फंसे इन लोगों को कई तरह की मानसिक और सामाजिक परेशानियों का सामना करना पड़ा. यहां कि दो लोगों की नौकरी तक चली गई. अब इसकी भरपाई कैसे होगी.