
एटीएम धोखाधड़ी मामले में कोलकाता पुलिस एक्शन में है. पुलिस के डिटेक्टिव विभाग ने शहर भर में चल रहे एटीएम धोखाधड़ी मामले में एक और आरोपी को गिरफ्तार किया है. वह फ्लाइट से दिल्ली भागने की फिराक में था, लेकिन उससे पहले पुलिस ने उसे कोलकाता हवाई अड्डे के पास से पकड़ लिया. गिरफ्तार मोहम्मद नसीम उर्फ राजबीर दिल्ली के ओखला का रहने वाला है.
कोलकाता पुलिस ने दावा किया है कि आरोपी नसीम मई के मध्य से कोलकाता में एक के बाद एक एटीएम से मनी लॉन्ड्रिंग में सीधे तौर पर शामिल है. पुलिस उसे अदालत में पेश कर आगे की पूछताछ के लिए अपनी हिरासत में लेगी.
दरअसल, एटीएम धोखाधड़ी को लेकर पिछले महीने से कोलकाता पुलिस को एक के बाद एक शिकायतें मिल रही हैं. पुलिस सूत्रों के अनुसार, उत्तरी कोलकाता से दक्षिण कोलकाता के विभिन्न एटीएम में विशेष रूप से आईसीआईसीआई बैंक के कई एटीएम से पैसे निकाले गए. जिसके बाद पुलिस के डिटेक्टिव विभाग के एंटी-बैंक फ्रॉड सेक्शन ने जांच का जिम्मा संभाला.
जांच शुरू होने के बाद फॉरेंसिक एक्सपर्ट ने एटीएम की जांच की और बताया कि एटीएम तो पूरी तरह से ठीक हैं, बिना एटीएम मशीन खोले ही अंदर से लाखों रुपये निकाल लिए गए हैं. इस बीच न्यूमार्केट थाना क्षेत्र में आईसीआईसीआई बैंक के एक एटीएम से 18 लाख रुपये निकल गए. ये 18 लाख रुपये बिना एटीएम मशीन खोले निकाल लिए गए.
पुलिस ने जब विशेषज्ञों की मदद से जांच शुरू की तो वह हैरान रह गये. पता चला कि, इस मामले में बदमाश पहले ग्राहक की आड़ में पैसे निकालने के नाम पर एटीएम का हुड खोल रहे हैं, फिर एटीएम को बैंक सर्वर से जोड़ने वाली केबल काट दी जा रही है. और फिर बैंक सर्वर के स्थान पर बाहर से एक एकस्टर्नल इलेक्ट्रॉनिक उपकरण लगाया जा रहा है जो वास्तव में एटीएम मशीन में नकली बैंक सर्वर की भूमिका निभा रहा है.
नतीजा यह है कि एटीएम बैंक के असली सर्वर से जुड़ने की बजाय फर्जी बैंक सर्वर से संपर्क बना रहा है. इसलिए उसके बाद से एटीएम गतिविधि का कोई संदेश बैंक तक नहीं पहुंचा है. इसी मौके पर पैसा निकाला जा रहा है. पुलिस सूत्रों के मुताबिक, बदमाश उस बाहरी डिवाइस को इंटरनेट से कनेक्ट होने के कारण बाहर से कमांड भेज सकते हैं. उसके बाद उसमें भेजे गए कमांड के मुताबिक एटीएम मशीन अपने आप पैसे निकाल रही है, जिसका बैंक अधिकारियों को पता तक नहीं चलता.
जांच टीम को मामले में एक अंतरराज्यीय बैंक धोखाधड़ी गिरोह का पता लगाया. उसके बाद कोलकाता पुलिस की कई टीमें अलग-अलग राज्यों में फैल गईं. आखिरकार 5 जून को पुलिस ने सूरत से दो और कोलकाता से दो लोगों को गिरफ्तार किया. इनकी सूचना पर मोहम्मद नसीम उर्फ राजबीर को पकड़ा गया है.
(रिपोर्ट- राजेश साहा)