
केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी मंगलवार को जेल में बंद अपने बेटे और लखीमपुर हिंसा में मुख्य आरोपी आशीष मिश्रा उर्फ मोनू से मिलने पहुंचे. इस दौरान जब उनसे पूछा गया, तो उन्होंने बताया कि वे जेल में बंद अपने बेटे से मुलाकात करने पहुंचे थे. हालांकि, उन्होंने यह जानकारी देने से मना कर दिया कि दोनों के बीच क्या बातचीत हुई.
दरअसल, 3 अक्टूबर को लखीमपुर के तिकुनिया में हिंसा में 8 लोगों की मौत हो गई थी. आरोप है कि केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्र टेनी के बेटे आशीष मिश्रा उर्फ मोनू ने अपनी जीप से किसानों को कुचल दिया. इसके बाद गुस्साई भीड़ ने आशीष के ड्राइवर समेत चार लोगों की हत्या कर दी. इस मामले में 14 लोगों को आरोपी बनाया गया है.
'हादसा नहीं साजिश'
लखीमपुर हिंसा में आरोपी आशीष मिश्रा समेत सभी 14 आरोपियों के खिलाफ जांच अधिकारी ने कोर्ट से चार्जशीट दाखिल करने से पहले इरादतन हत्या की धारा समेत 3 धाराओं को हटाकर साजिश के तहत जानलेवा हमले जैसी कड़ी धाराएं बढ़ाने की अपील की है.
जांच अधिकारी ने आशीष मिश्रा समेत सभी आरोपियों पर लगी गैर इरादतन हत्या 304A, लापरवाही से गाड़ी चलाने 279, और गंभीर चोट पहुंचाने 338 की धारा हटाने की अर्जी दी है. साथ ही आशीष मिश्रा पर जांच अधिकारी ने हत्या के प्रयास की धारा 307, खतरनाक हथियार से चोट पहुंचाने की धारा 326, समान उद्देश्य से कई लोगों के द्वारा की गई घटना 34, व 3/25 arms act लगाने की अनुमति मांगी है.
गंभीर साजिश के तहत हिंसा को दिया गया अंजाम
कोर्ट में दी अपनी अर्जी में जांच अधिकारी ने लिखा है कि लखीमपुर के तिकुनिया में हुई हिंसा हादसा या गैर इरादतन की गई हत्या नहीं, बल्कि हथियारों से लैस होकर एक राय होकर गंभीर साजिश के साथ किए गए हत्या के प्रयास की घटना है. जिला लखीमपुर सीजेएम कोर्ट में जांच अधिकारी की इस अर्जी पर आज सभी आरोपियों को कोर्ट में तलब कर सुनवाई करेगी.
प्रियंका गांधी ने साधा निशाना
उधर, कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने एक बार फिर अजय मिश्रा को लेकर मोदी सरकार पर निशाना साधा है. प्रियंका ने ट्वीट किया, कोर्ट की फटकार और सत्याग्रह के चलते अब पुलिस का भी कहना है कि गृह राज्यमंत्री के बेटे ने साजिश करके किसानों को कुचला था. जांच होनी चाहिए कि इस साजिश में गृहराज्यमंत्री की क्या भूमिका थी? लेकिन नरेंद्र मोदी ने किसान विरोधी मानसिकता के चलते आपने तो उन्हें पद से भी नहीं हटाया है.