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कौन है लॉरेंस गैंग का विरोधी और बंबिहा गैंग का मास्टरमाइंड, विदेश से रची जा रही हत्या की साजिश

राजस्थान के खूनी गैंगवार की जिम्मेदारी बंबिहा गैंग और कौशल चौधरी ने ली है. बंबिहा गैंग का जाल हिंदुस्तान से लेकर आर्मेनिया तक फैला हुआ है. इस गैंग को गौरव उर्फ़ लकी पटियाल चला रहा है. बंबिहा गैंग लॉरेंस बिश्नोई और गोल्डी बराड़ गैंग का कट्टर विरोधी गैंग है. लकी आर्मेनिया में बैठकर वारदातों को अंजाम दे रहा है.

लॉरेंस बिश्नोई और लकी पटियाल (फाइल फोटो) लॉरेंस बिश्नोई और लकी पटियाल (फाइल फोटो)
तनसीम हैदर
  • नई दिल्ली,
  • 20 सितंबर 2022,
  • अपडेटेड 10:44 AM IST

राजस्थान के नागौर में सोमवार को दिनदहाड़े कोर्ट के बाहर खूनी गैंगवार हुआ. हरियाणा के गैंगस्टर संदीप विश्नोई (सेठी) की गोली मारकर हत्या कर दी गई. इस शूटआउट की जिम्मेदारी ली है बंबिहा गैंग और कौशल चौधरी ने. दविंदर बंबिहा नाम के फेसबुक अकाउंट से नागौर हत्याकांड की जिम्मेदारी ली गई है. ये गैंग लॉरेंस बिश्नोई और गोल्डी बराड़ गैंग के विरोधी गैंग है. दरअसल, हाल के दिनों में बंबिहा गैंग का नाम लगातार सुर्खियों में आया है. बंबिहा गैंग का जाल हिंदुस्तान से लेकर आर्मेनिया तक फैला हुआ है. हालांकि दविंदर बंबिहा को पुलिस ने आज से 6 साल पहले ही मार गिराया था. ऐसे में सवाल उठता है कि इस गैंग को आखिर कौन चला रहा है. पढ़िए बंबिहा गैंग की कहानी.

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दविंदर बंबिहा ऐसे कूदा अपराध की दुनिया में


मोगा जिले के बंबिहा गांव में जन्मे दविंदर बंबिहा का असली नाम दविंदर सिंह सिद्धू था. जुर्म की दुनिया में आने से पहले वह एक लोकप्रिय कबड्डी खिलाड़ी हुआ करता था. साल 2010 में जब वह कॉलेज में ग्रेजुएशन की पढ़ाई कर रहा था, तब उसका नाम एक क़त्ल के मामले में सामने आया था. यह वारदात उसके गांव में दो समूहों में हाथापाई के दौरान हुई थी. हत्या के मामले में दविंदर को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया, जिसके बाद वो जेल में कई गैंगस्टरों के संपर्क में आया और फिर ख़तरनाक शार्प शूटर बन गया. लेकिन 9 सितंबर 2016 को बठिंडा जिले के रामपुरा के पास गिल कलां में 26 वर्षीय दविंदर बंबिहा को एक मुठभेड़ में पंजाब पुलिस ने मार गिराया था.

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ये हैं बंबिहा गैंग के कर्ताधर्ता


बंबिहा के एनकाउंटर के बाद इस गैंग की कमान संभाली गौरव उर्फ़ लकी पटियाल ने. धनास चंडीगढ़ का रहने वाला लकी गौरव पटियाल पंजाब का बड़ा गैंगस्टर है. जो पहले क़त्ल, क़त्ल की कोशिश और एक्सटॉर्शन जैसे मामले में जेल में बंद था और फिर आर्मेनिया भाग गया था. जबकि दूसरा गैंस्टर मोगा जिले के कुसा गांव का रहने वाला सुखप्रीत सिंह बुडाह है. जो अभी भी संगरूर जेल में बंद है. हाल ही में जालंधर में अंतरराष्ट्रीय कबड्डी खिलाड़ी संदीप नांगल अंबिया की हत्या को भी बंबिहा गैंग ने ही अंजाम दिया था. इस गैंग ने दिल्ली, हरियाणा के गैंगस्टर और लॉरेंस के धुर विरोधी सुनील उर्फ टिल्लू ताजपुरिया और नीरज बवाना गिरोह से हाथ मिलाकर दिल्ली-NCR में अपना नेटवर्क मजबूत कर लिया. बताया जाता है कि लकी पटियाल गैंग में हरियाणा, पंजाब, राजस्थान, हिमाचल, दिल्ली और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के 300 से ज़्यादा शूटर शामिल हैं. लकी कई साल से आर्मेनिया में बैठकर गिरोह चला रहा है. हालांकि पंजाब पुलिस पिछले 4 साल से उसे प्रत्यर्पण पर भारत लाने में जुटी हुई है.

12 कुख्यात गिरफ्तार किए थे पुलिस ने

 
हाल ही में दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल की काउंटर इंटेलीजेंस ने कई राज्यों में छापा मार था. तब पंजाब और हरियाणा के कुख्यात गैंगस्टर लकी पटियाल और कौशल गैंग के 12 कुख्यात बदमाशों को गिरफ्तार किया था. गिरफ्तार बदमाशों में 8 पर दिल्ली, हरियाणा और राजस्थान पुलिस ने इनाम घोषित किया था. 

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गुरलाल बराड़ की हत्या के जुड़े थे तार


अक्टूबर 2020 में चंडीगढ़ के औद्योगिक क्षेत्र स्थित वेव मॉल के बाहर गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई के करीबी सोपू नेता गुरलाल बराड़ की हत्या के मामले में चंडीगढ़ पुलिस ने एक बड़ा खुलासा किया था. पुलिस अफ़सरों के मुताबिक़ गुरलाल की हत्या की साजिश विदेश में रह रहे गैंगस्टर गौरव पटियाल उर्फ लक्की ने रची थी और शूटरों को पंजाब की जेल में बंद गैंगस्टर दिलप्रीत उर्फ बाबा ने हथियार मुहैया करवाए थे. 

विक्की मिद्दूखेड़ा की मौत की भी जिम्मेदारी ली


7 अगस्त 2021 को मोहाली के सेक्टर-71 में प्रापर्टी डीलर की दुकान के सामने विक्रमजीत सिंह उर्फ ​​विक्की मिद्दूखेड़ा की हत्या के तार भी आर्मेनिया के दविंदर बंबिहा गिरोह को चलाने वाले गौरव पटियाल से जुड़े हैं. विकी मिद्दूखेड़ा की हत्या के बाद दविंदर बंबिहा गैंग ने इसकी जिम्मेदारी ली थी. पुलिस जांच के दौरान पता चला था कि गुरुग्राम जिले के नाहरपुर रूपा गांव निवासी कौशल चौधरी जो अब करनाल जेल में बंद है, उसने लकी पटियाल की मदद के लिए अपने गिरोह के भगोड़े सदस्यों के साथ मिलकर इस साज़िश को अंजाम दिया था. दरअसल, गौरव पटियाल ने ही मंडोली जेल में बंद कौशल चौधरी और अमित डागर की मदद से विक्की मिड्दूखेड़ा के क़त्ल की साजिश रची थी. जिसके बाद अमित डागर के कहने पर हरियाणा के झज्जर के सज्जन भोलू और दिल्ली के अनिल कुमार ने मिद्दूखेड़ा का पीछा कर गोली मारकर हत्या कर दी थी.

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आखिर क्यों हुई मिद्दूखेड़ा की हत्या?


दरअसल म्यूजिक इंडस्ट्री में वर्चस्व की जंग ने विक्की मिद्दूखेड़ा की जान ले ली. जानकारी के मुताबिक़ विक्की एक ऐसा शख़्स था, जिसका पंजाब के संगीत जगत में ज़बर्दस्त दबदबा था. इसीलिए बड़े-बड़े सिंगर उनके संपर्क में रहते थे. बस यही बात पंजाब के कुछ दूसरे सिंगर्स और उनसे जुड़े गैंगस्टर्स को पसंद नहीं थी. विक्की मिद्दूखेड़ा की हत्या की दूसरी सबसे बड़ी वजह थी उसकी नज़दीकियां लॉरेंस बिश्नोई गैंग से बढ़ती जा रही थीं. इस वजह से वह दूसरे गैंगस्टर्स की आंखों की किरकिरी बना हुआ था.

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