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खाकी वर्दी, कंधे पर 3 स्टार, हाथ में नकली पिस्टल..., लखनऊ पुलिस ने 10वीं फेल फर्जी इंस्पेक्टर को किया गिरफ्तार

लखनऊ के चारबाग और नाका के होटलों में चेकिंग के नाम पर वसूली करने वाले फर्जी इंस्‍पेक्‍टर को पुल‍िस ने गिरफ्तार कर लिया है. आरोप‍ी ने होमगार्ड विभाग में लड़कियों की नौकरी लगवाने के नाम पर भी लाखों की ठगी की है. फिलहाल आरोपी से पूछताछ की जा रही है.

पुलिस ने किया फर्जी इंस्पेक्टर को अरेस्ट. पुलिस ने किया फर्जी इंस्पेक्टर को अरेस्ट.
आशीष श्रीवास्तव
  • लखनऊ,
  • 01 अक्टूबर 2022,
  • अपडेटेड 7:45 AM IST

यूपी की राजधानी लखनऊ के चारबाग और नाका के होटलों से चेकिंग के नाम पर वसूली करने वाले 10वीं फेल फर्जी इंस्पेक्टर को पुलिस ने गिरफ्तार किया है. आरोपी के पास से बंदूक जैसा दिखने वाला लाइटर भी बरामद हुआ है. जानकारी के मुताबिक, आरोपी ने होमगार्ड विभाग में नौकरी के नाम पर भी कुछ लड़कियों से पैसे ऐंठे थे. पुलिस ने आरोपी को वर्दी के साथ गिरफ्तार किया है.

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पुलिस ने बताया कि लखनऊ के नाका थाना क्षेत्र में शिकायत मिली थी कि एक व्यक्ति पिछले कई महीनों से चारबाग और नाका इलाके के होटलों में जाकर फायर उपकरण न होने का हवाला देकर संचालकों और मैनेजर को रौब में लेकर उनसे वसूली करता था. इसके अलावा उसने होमगार्ड विभाग में नैकरी लगाने के नाम पर 6 लड़कियों से भी लाखों की ठगी की.

एडीसीपी पश्चिम चिरंजीव नाथ सिन्हा ने बताया कि आरोपी देवरिया के दाद्दन भटनी का रहने वाला है. उसे गिरफ्तार कर लिया गया है. अभी आरोपी से पूछताछ की जा रही है.

इससे पहले उत्तर प्रदेश स्पेशल टास्क फोर्स (UP STF) ने करीब एक हजार लोगों से करोड़ों रुपए की ठगी करने वाले गिरोह को आगरा के जगदीशपुरा थाना क्षेत्र से गिरफ्तार किया है. इनके पास से बड़ी संख्या में मोबाइल, एटीएम कार्ड, लोन दस्तावेज सहित तमाम फर्जी कागजात व नकदी बरामद हुई है. आरोपी सस्ते ब्याज की दर से लोन देने का लालच और गूगल पर लोन से संबंधित जानकारी देने के बाद में लोगों को अपने झांसे में फंसाते थे.

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विज्ञापन के जरिए नंबर का करते थे प्रचार-प्रसार
एसटीएफ की पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि वे लोग गूगल पर विज्ञापन के माध्यम से अपने मोबाइल नंबर का प्रचार-प्रसार करते हैं. फिर अलग-अलग राज्यों के सभी प्रकार के लोन के बारे में जानकारी हासिल करते थे. इसके बाद जरूरतमंदों को सस्ते ब्याज दर पर लोन देने का लालच देकर फाइल चार्ज, जीएसटी और बीमा के नाम पर बैंक अकाउंट में पैसे डलवा लेते थे. जब लोग उन्हें फोन करते तो वे उस नंबर को बंद करके दूसरे नंबर से काम को शुरू कर देते थे.

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