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नाबालिगों में बढ़ती जा रही क्राइम की प्रवृत्ति, 10 आरोपियों में से 9 मिलते हैं दोषी

नेशनल क्राइम रिकॉर्ड्स ब्यूरो के आंकड़े बताते हैं कि देश में नाबालिगों में आपराधिक प्रवृत्ति बढ़ती जा रही है. 2020 में नाबालिगों के खिलाफ करीब 30 हजार क्रिमिनल केस दर्ज किए गए थे, जिनमें 35 हजार से ज्यादा को गिरफ्तार किया गया था.

2020 में नाबालिगों पर 842 हत्या के केस दर्ज हुए थे. 2020 में नाबालिगों पर 842 हत्या के केस दर्ज हुए थे.
Priyank Dwivedi
  • नई दिल्ली,
  • 10 जून 2022,
  • अपडेटेड 3:59 PM IST
  • 2020 में नाबालिगों पर 842 हत्या के केस दर्ज हुए
  • वॉयलेंस गेम ज्यादा खेलने से हिंसक बन रहे बच्चे

लखनऊ... उत्तर प्रदेश का सबसे बड़ा शहर और राजधानी भी. 2011 की जनगणना के मुताबिक, यहां 28 लाख से ज्यादा लोग रहते हैं. भारत का 11वां सबसे घनी आबादी वाला शहर लखनऊ ही है. लखनऊ को नवाबी ठाठ-बाठ के लिए जाना जाता है. कारण है कि यहां 18वीं और 19वीं सदी में नवाबों ने राज किया है. 

लेकिन, आज यही लखनऊ किसी और कारण से चर्चा में बना हुआ है. इस चर्चा का कारण एक 16 साल का लड़का है, जिसने अपनी मां की हत्या कर दी. हत्या भी सिर्फ इसलिए, क्योंकि उसकी मां ने उसे PUBG खेलने से मना कर दिया था. अभी तक तो यही कहा जा रहा है. 

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पुलिस का कहना है कि नाबालिग बेटे को PUBG खेलने की लत है, मां ने रोकटोक की, तो उसे गुस्सा आ गया और आधी रात को अपने पिता की लाइसेंसी पिस्टल निकालकर मां के सिर पर गोली मार दी. मां की वही मौत हो गई. मां की हत्या करने के बाद बेटे को बुरा भी नहीं लगा. उसने अपने दोस्तों को घर बुलाया. पार्टी की. रात में ही फुकरे मूवी भी देखी. उसकी एक छोटी बहन भी थी, जिसे उसे डरा-धमकाकर चुप करा दिया था. मां के शव से बदबू आने लगी तो रूम फ्रेशनर छिड़क दिया. आखिरकार बात बाहर आ गई और उसकी करतूत सबके सामने आ गई. 

फिलहाल पुलिस ने आरोपी बेटे को गिरफ्तार कर लिया है और उससे पूछताछ की जा रही है. भारत में नाबालिगों को आमतौर पर जेल की सजा नहीं होती है, लेकिन कुछ जघन्य मामलों में कैद हो सकती है. 

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भारत में केंद्र सरकार की एजेंसी नेशनल क्राइम रिकॉर्ड्स ब्यूरो (NCRB) अपराध का लेखा-जोखा रखती है. इसकी सबसे ताजा रिपोर्ट 2020 तक की है. नाबालिगों में अपराध की प्रवृत्ति के आंकड़े हैरान कर देने वाले हैं. 

इसके आंकड़े बताते हैं कि भारत में नाबालिगों में अपराध की प्रवृत्ति तेजी से बढ़ती जा रही है. हर साल नाबालिगों के खिलाफ 30 हजार आपराधिक मामले दर्ज किए जाते हैं. 35 हजार से ज्यादा नाबालिगों को गिरफ्तार किया जाता है. हैरान कर देने वाली बात ये भी है कि 10 में से 9 नाबालिग पर दोष भी साबित हो जाता है. 

NCRB का एक चौंकाने वाला आंकड़ा ये भी है कि 2020 में आपराधिक मामलों में 35 हजार 352 नाबालिगों को गिरफ्तार किया गया था. इनमें से 29 हजार 285 नाबालिग ऐसे थे जो अपने माता-पिता के साथ रहते थे. वहीं, 3 हजार 742 नाबालिग अपने किसी गार्जियन के साथ रहते थे और 2 हजार 352 नाबालिग बेघर थे.

NCRB की रिपोर्ट में नाबालिगों के अपराध से जुड़े क्या-क्या हैरान कर देने वाले आंकड़े सामने आए हैं? इस ग्राफिक्स के जरिए समझें...

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बच्चों को हिंसक बना रहे वीडियो गेम

ऑनलाइन गेम, खासकर कि मार-धाड़ और बंदूकबाजी वाले गेम बच्चों और युवाओं को हिंसक बना रहे हैं. ये बात एक स्टडी में भी सामने आई थी. 2019 में अमेरिका की जामा नेटवर्क ओपन ने 220 बच्चों पर एक स्टडी की थी. इस स्टडी में सामने आया था कि जो बच्चे गन वॉयलेंस वाले वीडियो गेम खेलते हैं, उनमें गन को पकड़ने और उसका ट्रिगर दबाने की इच्छा ज्यादा होती है. 

स्टडी के दौरान आधे बच्चों को गन वॉयलेंस वाले वीडियो गेम और आधों को नॉन वॉयलेंट वीडियो गेम खेलने को दिए गए. 20 मिनट बाद इन बच्चों को एक कमरे में ले जाया गया. वहां देखा गया कि जिन बच्चों ने गन वॉयलेंस वीडियो गेम खेले थे, उनमें से 62% ने तुरंत गन पकड़ ली. जबकि, जिन्होंने नॉन वॉयलेंट गेम खेला था, उनमें से 44% बच्चों ने ही गन हाथ में ली थी. 

स्टडी में ये भी सामने आया था कि जिन बच्चों ने वॉयलेंस वाले गेम खेला था, उनमें नॉन वॉयलेंट गेम खेलने वाले बच्चों की तुलना में ट्रिगर दबाने की इच्छा साढ़े तीन गुना ज्यादा थी. इस स्टडी में सुझाया गया था कि जिनके पास बंदूक हैं, वो उसे बच्चों से छिपाकर रखें. इसके साथ ये भी सुझाव दिया गया था कि बच्चों को वॉयलेंस वीडियो गेम खेलने से रोकें.

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