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Lucknow Murder Case: 'पढ़ाई में होशियार, हमेशा गुमसुम....'  PUBG एडिक्ट के बारे में ट्यूशन टीचर और पड़ोसी ने क्या-क्या बताया?

Lucknow PUBG Murder Case: लखनऊ में पबजी मर्डर केस ने हर किसी को हिलाकर रख दिया है. किसी के लिए यकीन करना मुश्किल है कि महज पबजी खेलने को लेकर कोई लड़का अपनी मां की जान कैसे ले सकता है.

लखनऊ पबजी मर्डर केस से पड़ोसी भी स्तब्ध लखनऊ पबजी मर्डर केस से पड़ोसी भी स्तब्ध
आशीष श्रीवास्तव
  • लखनऊ,
  • 09 जून 2022,
  • अपडेटेड 9:36 PM IST
  • मां ने पबजी खेलने से मना किया तो नाबालिग बेटे ने मार डाला
  • लखनऊ में हुई इस तरह की वारदात ने हर किसी को चौंकाया

यूपी की राजधानी लखनऊ में PUBG गेम खेलने को लेकर हुए विवाद में 16 साल के लड़के ने अपनी ही मां को मार डाला. इस वारदात ने हर किसी को चौंका दिया है. हत्या के बाद लड़के ने अपनी 10 साल की बहन को कमरे में बंद कर दिया और आराम से दोस्तों के साथ मस्ती करता रहा. हैरानी की बात यह है कि तीन दिनों तक पड़ोसियों को भी पता नहीं चला कि घर में लाश है. जब आसनसोल में आर्मी में तैनात पिता को किसी अनहोनी की आशंका हुई और उन्होंने ट्यूशन टीचर को घर भेजा था. इसके बाद धीरे-धीरे इस कत्ल की पूरी तस्वीर साफ होती गई.

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ट्यूशन टीचर को भी शुरुआत में यकीन नहीं हुआ कि उसके ही छात्र ही ने इस मर्डर को अंजाम दिया. आजतक से बातचीत में उन्होंने बताया, 'आरोपी पढ़ाई और व्यवहार में ठीक था. वह सारे सवालों का जवाब देता था. कभी लगा ही नहीं वह कुछ ऐसा कर सकता है. एक साल से उसे पढ़ा रहा हूं, कभी इस बात का एहसास नहीं हुआ.'

इस वारदात से हैरान ट्यूशन टीचर ने बताया, 'लड़के के पिता ने मुझे फोन किया कि मैं वहां जाकर देखूं, आखिर क्या हुआ है? मैं जब वहां गया तो मुझे अंदर से घबराहट हो रही थी, आखिर क्या बात है? कहीं ऐसा तो नहीं कुछ अनहोनी हो गई. मैं जब वहां पहुंचा तो देखता हूं कि घर बंद है. स्कूटी भी नहीं खड़ी हुई है. कुत्ता हमेशा अंदर रहता था, लेकिन बाहर बंधा हुआ था. बाद में दोबारा गया देखा तब कुत्ता अंदर था. मैने भैया (लड़के के पिता) को बताया तो उनको कुछ समझ में नहीं आया. मैंने उन्हें वीडियो कॉल करके दिखाया, लेकिन हमें यकीन नहीं हुआ. इसके बाद हम और पड़ोसी वहां गए और कुछ देर रुके, लेकिन कोई नहीं निकला. तब जाकर हमें भी अनहोनी की आशंका होनी लगी.'

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पड़ोसियों का भी कहना है कि परिवार से बच्चे किसी से बातचीत नहीं करते थे, ना ही बाहर निकलते थे. हमेशा मोबाइल लेकर चलते थे. कई बार बच्चे से बातचीत की कोशिश की, लेकिन कुछ खास बातचीत नहीं हुई. जब उनसे पूछा गया कि गोली चलने की आवाज उन्हें सुनाई दी, उन्होंने कहा कि उन्हें ऐसा कुछ सुनाई नहीं दी.

इस बीच पुलिस की पूछताछ में आरोपी नाबालिग ने बताया, 'मुझे मम्मी की रोक-टोक पसंद नहीं थी. हर बात पर बार-बार मारती थी. एक दिन कह रही थी कि जहर देकर तुमको मार देंगे. मेरी गलती नहीं होती थी, इसके बावजूद भी मुझे मारा जाता था. यहां तक मैं कहीं बाहर जाता था, तब भी यह कहा जाता था कि तुम कहीं और गए थे. किसी बात पर यकीन नहीं करती थी. मैं इन सब बातों से परेशान हो गया था. इन्हीं कारणों से मैंने पापा की पिस्टल से मां को गोली मार दी.'

 

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