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लखनऊ: संदिग्धों की गिरफ्तारी के बाद कई खुलासे, PFI बोली- फर्जी कहानी बना रही है पुलिस

लखनऊ में पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) के दो सदस्यों की गिरफ्तारी के बाद कई खुलासे हो रहे हैं. वहीं, पीएफआई ने पुलिस के दावे को नकारते हुए झूठी कहानी बनाने की बात कही है.

गिरफ्तार किए गए PFI के दो सदस्य गिरफ्तार किए गए PFI के दो सदस्य
गोपी उन्नीथन/राम किंकर सिंह/कुमार अभिषेक
  • तिरुवनंतपुरम/नई दिल्ली/लखनऊ,
  • 17 फरवरी 2021,
  • अपडेटेड 3:12 PM IST
  • कल पकड़े गए गए PFI के दो सदस्य
  • पुलिस बोली- लखनऊ दहलाने की थी साजिश
  • PFI का जवाब- झूठी कहानी बना रही है पुलिस

लखनऊ में पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) के दो सदस्यों की गिरफ्तारी के बाद कई खुलासे हो रहे हैं. पुलिस का दावा है कि ये दोनों लखनऊ को दहलाने की साजिश रच रहे थे और इनके पास से भारी मात्रा में विस्फोटक बरामद किया गया है. वहीं, पीएफआई ने पुलिस के दावे को नकारते हुए झूठी कहानी बनाने की बात कही है.
 
दरअसल, लखनऊ एसटीएफ ने बुधवार को पीएफआई के दो संदिग्ध को गिरफ्तार किया. उनसे भारी मात्रा में विस्फोटक भी जब्त किए गए. एसटीएफ के मुताबिक, दोनों संदिग्धों से 16 एक्सप्लोसिव डिवाइस, एक पिस्तौल, 7 कारतूस, 2 पेन ड्राइव, 12 रेलवे टिकट, पैन कार्ड, एटीएम, डीएल, आधार कार्ड बरामद हुए.

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पुलिस का दावा है कि पीएफआई कई हिंदू संगठनों के बड़े नेताओं पर हमले की साजिश रच रहा है. उनकी कोशिश है कि यूपी और देश को अशांत किया जाए. पीएफआई अपनी साजिश को अंजाम देने के लिए एक वर्ग के युवकों का ब्रेनवॉश करता रहा है. उनको हथियारों की ट्रेनिंग भी दी है ताकि वो हमले को अंजाम दे सके.

यूपी एटीएस के आईजी अमिताभ यश का कहना है कि पीएफआई अब एक खूंखार आर्गेनाईजेशन में तब्दील हो चुका है, अब सभी सुरक्षा एजेंसियों को सतर्क हो जाना चाहिए, इन लोगों ने कई स्क्वाड बना रखे हैं, उन्हें आर्म्स की ट्रेनिंग भी दे रहे हैं, यह कोई सामाजिक काम नहीं है, इस गिरफ्तारी से काफी जानकारियां मिली हैं.

हालांकि, आईजी अमिताभ यश ने कहा कि टेरर टर्म की लीगल इंप्लीकेशंस है इसलिए मैं इस शब्द का इस्तेमाल नहीं करूंगा, लेकिन इन्होंने काफी जिलों में अपने नेटवर्क अपने स्क्वाड बना लिए हैं, कुछ ऐसी भी घटना इन्होंने की है, जिससे सामाजिक ताने-बाने को नुकसान पहुंचता है, अब आगे एटीएस जांच कर रही है.

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वहीं, पीएफआई ने इस गिरफ्तारी को फर्जी बताया है. पीएफआई ने कहा कि आतंकवादी हमले की बेतुकी और फर्ज़ी कहानी बनाकर अंशाद और फिरोज़ की गिरफ्तारी की हम निंदा करते हैं, दोनों ही लोग केरल के रहने वाले हैं और उन्होंने संगठन के विस्तार के लिए पश्चिम बंगाल और बिहार का दौरा किया था.

पीएफआई के मुताबिक, 'दोनों 11 फरवरी की सुबह 5:40 बजे कटिहार, बिहार से मुंबई के लिए ट्रेन में सवार हुए थे, उनके परिवार के मुताबिक 11 फरवरी की शाम को उनसे आखिरी बार बात हुई थी, उसके बाद से ही उनका फोन पहुंच से बाहर बताने लगा था, घर वालों ने 16 फरवरी की सुबह को केरल के एक स्थानीय थाने में इसकी शिकायत दर्ज कराई.'

पीएफआई का कहना है, '11 फरवरी को अंशाद और फिरोज़ की गिरफ्तारी और 16 फरवरी को उन्हें मीडिया के सामने पेश करना ‘‘राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरे’’ का फर्ज़ी बयान तैयार करने की यूपी सरकार की एक और कोशिश है, पॉपुलर फ्रंट, बीजेपी के नेतृत्व वाली राज्य एवं केंद्र सरकार की इन कोशिशों से डरने वाला नहीं है.'

 

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