
पूर्वांचल के कुख्यात माफिया रहे अतीक अहमद की मौत हो चुकी है, लेकिन इसके बावजूद योगी सरकार उसके और सहयोगियों के द्वारा अवैध रूप से अर्जित की गई संपत्तियों पर लगातार कार्रवाई कर रही है. इसी कड़ी में प्रयागराज पुलिस के आदेश और पुलिस कमिश्नर लक्ष्मी सिंह के निर्देश पर बीटा टू थाना पुलिस और नॉलेज पार्क थाना पुलिस ने ग्रेटर नोएडा के सेक्टर 36 में स्थित अतीक की आलीशान कोठी को कुर्क कर दिया. इस दौरान ढोल नगाड़े बजाकर यह कार्रवाई की गई. लाउडस्पीकर के जरिए मुनादी करते हुए पुलिस ने अतीक अहमद की कोठी मन्नत को सील कर दिया, जिसका नंबर ए-107 है.
अतीक अहमद की कोठी मन्नत में रहने वाले केयर टेकर पवन ने बताया कि उनको वहां रहते हुए 11 से 12 साल हो गए हैं. अतीक का बेटा उमर अहमद वहां कभी कभार आया करता था. पवन मूल रूप से महोबा का रहने वाला है. अपने परिवार के साथ इस कोठी में रहता है. उसको पता था कि ये कोठी माफिया अतीक अहमद की है. कभी-कभी उसको पैसे भी मिल जाते थे. जब आतीक का केस चल रहा था तब पुलिस वहां पर आई थी. उस वक्त उससे कोठी खाली करने की कोई बात नहीं कही गई थी, लेकिन अब जब पुलिस ने कोठी को सील कर दिया है, तो उसे जल्द से जल्द खाली करने को कहा गया है.
ग्रेटर नोएडा के एडिशनल डीसीपी अशोक कुमार ने बताया कि पुलिस कमिश्नरेट प्रयागराज के आदेश के बाद पुलिस कमिश्नर लक्ष्मी सिंह के निर्देश पर यह कुर्की की कार्रवाई की गई है. इस दौरान अतीक अहमद की कोठी को कुर्की करके सील किया गया है. बताया जा रहा है कि इस कोठी की कीमत करीब 3.7 करोड़ रुपए है. सबसे दिलचस्प इसका नाम है. मन्नत, जो कि बॉलीवुड सुपरस्टार शाहरुख खान के मुंबई स्थित बंगले का भी नाम है. चूंकि अतीक शाहरुख का बहुत बड़ा फैन रहा है. इसलिए उसने अपनी सबसे पसंदीदा प्रॉपर्टी का नाम मन्नत रखा था. इस कोठी में उसका दिल बसता था.
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साल 1994 में अतीक अहमद ने अपने बेटों की पढ़ाई के लिए 'मन्नत' को खरीदा था. साल 2015 में उसके बेटे ग्रेटर नोएडा की एक यूनिवर्सिटी से पढ़ाई के लिए आए थे. लेकिन इस कोठी का इस्तेमाल पढ़ाई से ज्यादा गैर कानूनी और आपराधिक गतिविधियों के लिए होने लगा. अतीक जब भी दिल्ली आता तो अपने गुर्गों के साथ यहीं मीटिंग करता था. जमीन से जुड़ी कई डील यहां फाइनल होती थी. इसका नतीजा ये हुआ कि ये अपराधियों का अड्डा बन गया. पिछले साल हुए उमेश पाल हत्याकांड को अंजाम देने के बाद उसका बेटा असद और शूटर गुलाम कानपुर होते हुए ग्रेटर नोएडा स्थित मन्नत कोठी में पहुंचे थे.
बताते चलें कि अतीक अहमद की अवैध संपत्ति के खिलाफ पुलिस का एक्शन लगातार जारी है. उसकी अवैध संपत्तियों और गिरोह की काली कमाई पर सरकार और कानून का शिकंजा कसता जा रहा है. पिछले साल प्रयागराज में स्थित उसके द्वारा कब्जाई गई 16 अवैध संपत्तियों को कुर्क कर दिया गया था. प्रयागराज पुलिस कमिश्नरेट ने एयरपोर्ट थाना क्षेत्र के कटहुला गौसपुर में अतीक अहमद की 5.0510 हेक्टेयर यानी करीब 20 बीघा जमीन गैंगस्टर एक्ट के तहत कुर्क कर दी थी. इन संपत्तियों का मूल्य करीब 12 करोड़ रुपए का बताया गया था, जिनकी अतीक के गुर्गों ने कौड़ियों के भाव में रजिस्ट्री करा ली थी.