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'अल्ला हू अकबर' का नारा लगा एफिल टावर के पास पर्यटकों पर किया जानलेवा हमला, जर्मन टूरिस्ट की मौत

पेरिस में एफिल टॉवर के पास घूम रहे पर्यटकों पर चाकू से जानलेवा हमला हुआ है. इस हमले में एक जर्मन पर्यटक की मौत हो गई, जबकि दो लोग गंभीर रूप से घायल हो गए है. पुलिस ने हमलावर को गिरफ्तार कर लिया है. उससे पूछताछ की जारी है. बताया जा रहा है कि हमलावर गाजा में फिलिस्तीनियों की मौत से परेशान था.

पेरिस में एफिल टॉवर के पास घूम रहे पर्यटकों पर चाकू से जानलेवा हमला हुआ है. पेरिस में एफिल टॉवर के पास घूम रहे पर्यटकों पर चाकू से जानलेवा हमला हुआ है.
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 03 दिसंबर 2023,
  • अपडेटेड 4:52 PM IST

Eiffel Tower: फ्रांस की राजधानी पेरिस के मशहूर एफिल टॉवर के पास घूम रहे पर्यटकों पर एक शख्स ने चाकू से हमला कर दिया. इस घटना में एक पर्यटक की मौत हो गई, जबकि दो लोग गंभीर रूप से घायल हो गए हैं. फ्रांस के गृह मंत्री गेराल्ड डर्मैनिन ने बताया कि हमला करने वाले को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. हिरासत में लेकर उससे पूछताछ की जा रही है. स्थानीया मीडिया के मुताबिक हमलावर ने वारदात को अंजाम देते हुए अल्ला हू अकबर के नारे लगाए. 

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सूत्रों के मुताबिक, पुलिस द्वारा पूछताछ के दौरान हमलावर ने ये भी बताया है कि वो अफगानिस्तान और फलस्तीन में मुसलमानों के मारे जाने से परेशान है. उसके मुताबिक, गाजा में फिलिस्तीनियों का नरसंहार किया जा रहा है. वो वहां की स्थिति की वजह से बहुत ज्यादा परेशान है. हालांकि, स्थानी एजेंसियों ने इस तरह की किसी बात की पुष्टि नहीं की है. गृहमंत्री ने बस इतना कहा है कि इस मामले की जांच की जारी है. जांच के बाद ही कुछ कहा जा सकता है.

गृह मंत्री गेराल्ड डर्मैनिन ने कहा है, ''पेरिस में शनिवार रात 9 बजे के बाद एक शख्स ने क्वाई डी ग्रेनेले के पास एक विदेशी पर्यटक जोड़े पर हमला कर दिया. इस जानलेवा हमले में फिलीपींस में जन्मे एक जर्मन पर्यटक की चाकू मारने से मौत हो गई. उसने उसके साथ मौजूद महिला पर हमला नहीं किया. उसके बाद पास से गुजर रहे एक टैक्सी ड्राइवर के हस्तक्षेप के बाद हमलावर घटनास्थल से चला गया. सूचना मिलते ही मौके पर पहुंची पुलिस ने उसका पीछा करके गिरफ्तार कर लिया.

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स्थानीय पुलिस के हवाले से स्थानीय मीडिया ने बताया है कि कट्टरपंथी हमलावर इस्लाम का पालन करने वाला है. वो मानसिक तौर पर बीमार लग रहा है. दूसरी तरफ फ्रांस के आतंकवाद विरोधी अभियोजक ऑफिस ने ये क्लियर किया है कि अभी तक इस घटना की जांच उन्हें नहीं सौंपी गई है. बताते चलें कि पिछले कुछ दिनों से फ्रांस में इस तरह से अचानक हमले की घटनाएं आम हो गई हैं. अभी पिछले महीने ही एक हमवालर ने अल्ला हू अकबर का नारा लगाकर गोलीबारी की थी.

अफ्रीकी मूल के लड़के को पुलिसकर्मी ने मारी गोली

इसी साल 27 जून को अफ्रीकी मूल के एक लड़के नाहेल मेरजोक की एक ट्रैफिक पुलिस ने गोली मारकर हत्या कर दी थी. नाहेल उसके बाद पूरे फ्रांस में लोगों ने जमकर बवाल किया था. इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हुआ था. नाहेल की कार को ट्रैफिक पुलिस रोक रही थी, लेकिन वो नहीं रुका. इसके बाद एक पुलिसकर्मी ने उसे गोली मार दी. उसे डर था कि कहीं वो कार उसके सहयोगी पुलिसकर्मी पर न चढ़ा दे. आरोपी पुलिसकर्मी के वकील लॉरैंट फ्रैंक लिएनार्ड ने कहा कि जानबूझकर नहीं मारा था.

एफिल टॉवर को बम से उड़ाने की दी गई थी धमकी 

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इसी साल अगस्त में एफिल टावर को बम से उड़ाने की धमकी दी गई थी. इसके बाद पूरे एफिल टावर को पुलिस ने खाली करा लिया था. इसके साथ ही बम निरोधक दस्ते को मौके पर तैनात कर दिया गया था. एफिल टावर के आसपास बम की तलाशी ली गई, लेकिन बरामद नहीं हुआ. इस टावर की सुरक्षा की बात करें तो इसके साउथ पिलर पर एक पुलिस स्टेशन है. वहां भारी संख्या में पुलिस तैनात रहती है. परिसर में प्रवेश करने से पहले टूरिस्टों को कड़ी सुरक्षा निगरानी से होकर गुजरना पड़ता है. 

एफिल टावर की तस्वीरें रात को लेना गैरकानूनी

बताते चलें कि एफिल टावर पर निर्माण कार्य जनवरी 1887 में शुरू हुआ था, जो कि 31 मार्च 1889 को समाप्त हुआ था. साल 1889 के वर्ल्ड फेयर के दौरान दो मिलियन पर्यटकों ने एफिल टावर को देखा था. इसकी रात के समय तस्वीरें खींचना गैरकानूनी माना जाता है. इसके साथ ही टावर की लाइट्स कॉपीराइट के तहत आती हैं. लिहाजा रात के समय यदि कोई एफिल टावर की तस्वीरें क्लिक करना चाहता है तो उसे सरकार से अनुमति लेनी पड़ती है. ऐसे संवेदनशील इलाके में अपराध होना चिंताजनक है.

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