Advertisement

3 वर्षीय बच्ची से बलात्कार के बाद हत्या, 6 साल बाद दरिंदे को मिली सजा-ए-मौत

साल 2018 में 3 साल की एक मासूम बच्ची से बलात्कार और हत्या के मामले में 25 वर्षीय व्यक्ति को मौत की सजा सुनाई गई है. इस मामले में अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश शशि चौहान की अदालत ने दोषी पर 25 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है. इसके साथ ही पीड़ित परिवार को पुनर्वास के लिए 10 लाख के मुआवजे का आदेश भी दिया गया है.

बलात्कार और हत्या के मामले में 25 वर्षीय व्यक्ति को मौत की सजा सुनाई गई है. बलात्कार और हत्या के मामले में 25 वर्षीय व्यक्ति को मौत की सजा सुनाई गई है.
aajtak.in
  • गुरुग्राम,
  • 21 फरवरी 2024,
  • अपडेटेड 9:15 PM IST

गुरुग्राम की एक स्थानीय अदालत ने साल 2018 में तीन साल की बच्ची से बलात्कार और हत्या के मामले में 25 वर्षीय व्यक्ति को बुधवार को मौत की सजा सुनाई है. इस मामले में अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश शशि चौहान की अदालत ने दोषी पर 25 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है. इसके साथ ही अदालत ने पीड़ित परिवार को पुनर्वास के लिए 10 लाख रुपए के मुआवजे का आदेश भी दिया है. 

Advertisement

विशेष अभियोजक सुनील परमार ने बताया कि 11 नवंबर 2018 को गुरुग्राम के सेक्टर 65 थाना क्षेत्र में उत्तर प्रदेश के एक युवक ने तीन साल की बच्ची के साथ बलात्कार कर उसकी निर्मम हत्या कर दी थी. यह घटना तब हुई जब तीन लड़कियां अपने घर के बाहर खेल रही थीं. आरोपी ने लड़कियों को पैसों का लालच दिया. दो लड़कियां जाने को तैयार नहीं थीं, लेकिन तीन साल की एक बच्ची उसके साथ चली गई. 

गुरुग्राम पुलिस ने बताया कि जब मासूम बच्ची शाम तक घर नहीं लौटी तो उसके माता-पिता ने उसकी तलाश शुरू कर दी. इसके बारे में स्थानीय थाने को भी सूचित किया गया. बच्ची का शव अगले दिन इलाके के एक मंदिर के सामने क्षत-विक्षत हालत में मिला था. उसके शरीर पर चोट के निशान थे. उसके चेहरे को ईंट से कुचला गया था. यहां तक कि उसका प्राइवेट पार्ट भी बुरी तरह जख्मी पाया गया था.

Advertisement

इसके बाद पीड़िता के परिजनों की शिकायत के आधार पर पुलिस ने आईपीसी की संबंधित धाराओं और पॉक्सो एक्ट के तहत केस दर्ज किया था. पुलिस जांच के दौरान आरोपी को गिरफ्तार कर लिया था. बच्ची के कपड़े और अन्य सबूत भी बरामद कर लिए गए थे. आरोपी को गिरफ्तारी के बाद भोंडसी जेल में रखा गया था. इस दौरान पिछले छह साल से आरोपी के खिलाफ अदालत में केस चल रहा था.

यह भी पढ़ें: स्कूल में मोबाइल पर अश्लील फिल्म देख लंच ब्रेक में मासूम बच्ची को बनाया हवस का शिकार

विशेष अभियोजक सुनील परमार ने बताया, "अभियोजन पक्ष ने अदालत में मजबूत सबूत और गवाह पेश किए, अदालत में सीसीटीवी फुटेज भी पेश किया गया जिसमें आरोपी लड़की को ले जाते हुए देखा गया. अदालत ने इस मामले को गंभीरता से लिया और सभी पहलुओं पर विचार किया. आरोपी को 3 फरवरी को दोषी घोषित किया गया था. उसकी सजा पर फैसला सुरक्षित रखा गया था. बुधवार को सजा का ऐलान हुआ है. 

बाल अधिकार कार्यकर्ता रवि कांत ने कहा, "फास्ट ट्रैक स्पेशल कोर्ट जैसी विशेष अदालतों की स्थापना का प्राथमिक उद्देश्य मामलों का त्वरित निपटाना था, विशेष रूप से बच्चों की सुरक्षा से संबंधित मामलों में. लेकिन 31 जनवरी, 2023 तक, देश में अभी भी 2 लाख 43 हजार 237 मामले लंबित हैं. केवल तीन प्रतिशत मामलों में अपराधियों को दोषी ठहराया गया और उन्हें उनके जुर्म की सजा सुनाई गई.'' 

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement