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देर से दरवाजा खोला तो पत्नी की हत्या कर दी...हर कपल के लिए सबक है ये सनसनीखेज वारदात

Crime News: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में हत्या की एक सनसनीखेज वारदात सामने आई है. यहां एक पति ने रात को देर से दरवाजा खोलने की वजह से पत्नी की चाकूओं से गोदकर हत्या कर दी. हैरानी की बात ये कि सबकुछ उनके दो बच्चों की आंखों के सामने होता रहा. पुलिस ने आरोपी पति को गिरफ्तार कर लिया है.

उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में हत्या की एक सनसनीखेज वारदात सामने आई है. उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में हत्या की एक सनसनीखेज वारदात सामने आई है.
aajtak.in
  • लखनऊ/नई दिल्ली,
  • 05 नवंबर 2023,
  • अपडेटेड 4:41 PM IST

पल भर का गुस्सा कई बार पूरी जिंदगी बर्बाद कर देता है. उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के अलाया अपार्टमेंट में रहने वाले आदित्य कपूर के साथ भी कुछ ऐसा ही हुआ. आदित्य के कपड़ों का शोरूम था, लेकिन कोरोना में लगे लॉकडाउन की वजह से उसका कारोबार खत्म हो गया. नौबत ये आई गई कि परिवार चलाने के लिए उसको किसी दूसरे के कपड़े की दुकान पर नौकरी करनी पड़ी. इस वजह से वो अक्सर डिप्रेशन में रहने लगा. कई बार खुदकुशी करके अपनी जिंदगी खत्म करनी चाही, लेकिन हर बार बचता रहा. गम को गलत करने के लिए शराब पीना शुरू कर दिया. नशे में होने की वजह से अक्सर पत्नी से झगड़ा हुआ करता था.

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शनिवार देर रात की बात है. आदित्य कपूर हर रोज की तरह नशे में घर पहुंचा. देर होने की वजह से नाराज पत्नी शिवानी कपूर ने दरवाजा नहीं खोला. बहुत कोशिश करने के बाद दरवाजा खुला, तो आदित्य अपनी पत्नी से लड़ने-झगड़ने लगा. दोनों की लड़ाई इस हद तक पहुंच गई कि नाराज आदित्य ने किचन से चाकू लिया और शिवानी के शरीर पर वार करना शुरू कर दिया. इसमें उसकी पीठ और गर्दन पर गंभीर चोट लग गई. वो लहूलुहान होकर वहीं गिर पड़ी. यहां हैरानी की बात ये कि सबकुछ उन दोनों के दो बच्चों की आंखों के सामने हो रहा था. डर और दहशत के मारे बच्चों ने पहले तो कुछ नहीं बोला, लेकिन मां की हत्या होता देख पिता पर टूट पड़े.

दोनों ने बच्चों ने आदित्य को एक कमरे के अंदर करके बाहर से लॉक लगाने कोशिश करने लगे, लेकिन उसने उन्हें धक्का देकर वहां से भाग निकला. बचने के लिए तीसरे फ्लोर से नीचे कूद गया. इस दौरान वो गंभीर रूप से घायल हो गया. उसे मेडिकल कॉलेज के ट्रामा सेंटर में भर्ती कराया गया है. उधर, उसके बच्चों ने तुरंत पुलिस को कॉल कर दिया. मौके पर पहुंची पुलिस ने शिवानी के शव को पोस्टमार्टम के लिए मेडिकल कॉलेज भेज दिया. इस वक्त आदित्य और शिवानी एक ही अस्पताल में हैं, लेकिन एक की मौत हो चुकी है, दूसरा जिंदगी और मौत के बीच झूल रहा है. निर्दोष बच्चे स्तब्ध हैं. उनका भविष्य अंधकार में है. सबकुछ पल भर के गुस्से की देन है.

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परिवार को बर्बाद होने से बचा सकते थे आदित्य-शिवानी

आज शिवानी और आदित्य का सबकुछ बर्बाद हो चुका है. पूरा परिवार बिखर चुका है. यदि दोनों चाहते तो ऐसी स्थिति आने से बचा सकते थे. सबसे पहले तो आदित्य को अपने कारोबार खत्म होने के बाद भी हार नहीं माननी चाहिए थी. क्या हुआ कि वो किसी दूसरे की दुकान पर काम कर रहा था. धीरे-धीरे करके वो अपनी स्थिति ठीक कर सकता था. लेकिन उसने सकारात्मक होकर दूर की सोचने की बजाए डिप्रेशन में चला गया. पहले खुद को मारने की कोशिश की और अब अपनी पत्नी को ही मार डाला. शिवानी को भी हर रोज के झगड़े को सहना नहीं चाहिए था. वो इस रोकने के लिए काउंसलर या कानून का सहारा ले सकती थी. 

एक वारदात के सबक कई हैं...

1. आदित्य कपूर को कारोबारी नुकसान के बावजूद निराश-हताश नहीं होना चाहिए था.

2. आदित्य कपूर नए सिरे से अपने कारोबार को खड़ा कर सकता था.

3. आदित्य ने डिप्रेशन का इलाज शराब को समझ लिया, जो उसकी सबसे बड़ी गलती थी.

4. शिवानी कपूर को हर रोज होने वाली हिंसा को सहना नहीं चाहिए था.

5. शिवानी अपने पति आदित्य की किसी मनोचिकित्सक से काउंसलिंग करा सकती थी.

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6. पति की हिंसा से बचने के लिए घरेलू हिंसा कानून का सहारा ले सकती थी.

7. पति और पत्नी को बच्चों के सामने कभी झगड़ा नहीं करना चाहिए.

8. कुछ भी गलत रास्ता अख्तियार करने से पहले बच्चों के भविष्य के बारे में सोचना चाहिए.

देखें: इश्क, लिव-इन और कत्ल...लखनऊ के पॉश इलाके में 'प्यार' का मर्डर

डरावने हैं महिलाओं के मर्डर के संयुक्त राष्ट्र के आंकड़े 

संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट के मुताबिक, साल 2021 में दुनिया भर में 87 हजार से ज्यादा महिलाओं की हत्या जानबूझकर कर दी गई. इन 87 हजार में से 45 हजार महिलाओं की हत्या उनके प्रेमी, पति या परिवार के किसी सदस्य ने की थी. सबसे ज्यादा 17 हजार 800 महिलाओं की हत्या एशिया में हुई. इस रिपोर्ट की माने तो हर एक घंटे में औसतन पांच महिलाओं की हत्या प्रेमी, पति या परिवार के किसी सदस्य द्वारा कर दी जाती है. विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक, दुनिया में हर तीन में से एक महिला अपनों के द्वारा शारीरिक या यौन हिंसा का शिकार होती है. रिलेशनशिप में रहने वाली एक तिहाई महिलाओं के साथ ऐसा हुआ है. 

बढ़ती उम्र के साथ बढ़ने लगती है हिंसा की घटनाएं

पांचवें नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे के मुताबिक, भारत में 29 फीसदी महिलाएं शारीरिक या यौन हिंसा का अनुभव करती हैं. ये सर्वे 18 से 49 साल की महिलाओं पर किया गया था. 82 फीसदी शादीशुदा महिलाओं ने माना था कि उनका पति उनके साथ हिंसा करता है. अविवाहित 16 फीसदी महिलाओं का कहना था कि वो अपने ब्वॉयफ्रेंड की हिंसा की शिकार हो चुकी हैं. इन आंकड़ों से ये भी पता चलता है कि जैसे-जैसे महिलाओं की उम्र बढ़ती जाती है, वैसे-वैसे उनपर होने वाली हिंसा भी बढ़ जाती है. मसलन, 18 से 19 साल की लगभग 18 फीसदी महिलाओं ने अपने साथ हिंसा की कही, जबकि 40 से 49 साल की 35 फीसदी महिलाएं हिंसाका शिकार हुई थीं.

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शिवानी ले सकती थी घरेलू हिंसा कानून का सहारा

शिवानी कपूर अपने साथ हो रही हिंसा से बचने के लिए घरेलू हिंसा कानून का सहारा ले सकती थी. यदि वो ऐसा करती थी, तो शायद आज जिंदा होती, अपने बच्चों के साथ होती. उसके साथ आए दिन आदित्य हिंसा करता था. झगड़ा करता था. लेकिन उसने इन चीजों को मामूली समझा और एक दिन नौबत यहां तक आ गई. एक महिला को घर के भीतर होने वाली हिंसा से बचाने के लिए ही साल 2005 में घरेलू हिंसा कानून लाया गया था. आईपीसी की धारा 498ए के तहत, दहेज के लिए महिला को शारीरिक या मानसिक रूप से प्रताड़ित करना अपराध है. दोषी पाए जाने पर किसी व्यक्ति को दो साल तक की कैद और 10 हजार रुपए के जुर्माने की सजा हो सकती है.  

इनपुट- लखनऊ से आशीष श्रीवास्तव

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