
मध्य प्रदेश के मंदसौर में रविवार को एक विवाह समारोह में एलसीडी स्क्रीन पर स्वयंभू संत रामपाल के प्रवचन के चलते हुई बहस में एक व्यक्ति को गोली मार दी गई, जिससे उसकी मौत हो गई. ये गोली विश्व हिंदु परिषद के कार्यकर्ता शैलेंद्र ओझा ने चलाई थी.
रविवार को मंदसौर में जो घटना हुई उसके बारे में एक अधिकारी ने बताया कि ये घटना भानपुरा थाना क्षेत्र के मंदसौर जिला मुख्यालय से करीब 150 किलोमीटर दूर भैंसोदा मंडी गांव में हुई.
बता दें कि नवंबर 2014 में हरियाणा के हिसार स्थित बरवाला में संत रामपाल के आश्रम में बवाल हुआ था. परिसर में हत्या के आरोपों के बाद संत रामपाल को गिरफ्तार किया गया था. इसके बाद उन्हें 2018 में हत्या, गलत तरीके से कारावास और आपराधिक साजिश के लिए बिना किसी छूट के आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी.
मंदसौर में क्या हुआ?
पुलिस अधीक्षक सुनील कुमार पांडे ने बताया कि "इस विवाह समारोह में लगभग 200 लोग शामिल हुए थे. तभी वीएचपी और बजरंग दल के कुछ कार्यकर्ताओं ने एलसीडी स्क्रीन पर रामपाल के प्रवचन का विरोध किया. ये बहस जल्दी ही हिंसक हो गई और वीएचपी कार्यकर्ता शैलेंद्र ओझा ने 55 वर्षीय देवीलाल मीणा के रूप में पहचाने जाने वाले एक व्यक्ति को गोली मार कर उसकी जान ले ली.''
उन्होंने कहा, "मीणा को गंभीर हालत में राजस्थान के कोटा में इलाज के ले जाया गया, जहां डॉक्टरों मे उसे मृत घोषित कर दियाॉ. आरोपी की पहचान शैलेंद्र के रूप में हुई है और वह फरार है. उसे पकड़ने के प्रयास जारी हैं."
भानपुरा थाना प्रभारी गोपाल सूर्यवंशी ने बताया कि घटना रविवार दोपहर करीब दो बजे हुई, जब लाठियों से लैस कुछ 15 ग्रामीण कार्यक्रम स्थल पर पहुंचे और रामपाल के प्रवचन की स्क्रीनिंग का विरोध किया. गंभीर रूप से घायल मीणा यहां जमोनिया गांव के पूर्व सरपंच हैं.