
एंटीलिया केस में अहम कड़ी मनसुख हिरेन की मौत के मामले में महाराष्ट्र पुलिस के अधिकारी सचिन वाजे सवालों के घेरे में हैं. इस बीच ठाणे की कोर्ट ने सचिन वाजे को अंतरिम जमानत देने से इनकार कर दिया. कोर्ट ने कहा कि उनके खिलाफ प्रथम दृष्टया सबूत और सामग्री मौजूद है. ऐसे में वाजे की हिरासत में पूछताछ जरूरी है.
ठाणे की कोर्ट ने कहा कि प्रथम दृष्टया सचिन वाजे के खिलाफ सबूत और सामग्री है. वाजे की कस्टोडियल पूछताछ आवश्यक है. इसलिए वाजे की अंतरिम जमानत खारिज कर दी गई. कोर्ट अब जमानत के बारे में एटीएस के बयान का इंतजार करेगा. मामले में अगली सुनवाई 19 मार्च को होनी है.
आदेश में कहा गया कि कोर्ट ने पाया कि 27 फरवरी 2021 और 28 फरवरी 2021 को मृतक मनसुख हिरेन मुंबई में आवेदक के साथ थे. मृतक की पत्नी का कहना है कि आवेदक और उनके पति नियमित एक दूसरे के संपर्क में थे. मृतक की पत्नी ने वाजे के खिलाफ प्रत्यक्ष आरोप लगाये हैं.
अंतरिम जमानत देने से इनकार करते हुए ठाणे की कोर्ट ने कहा कि इस मामले में 302 (हत्या), 201 (सबूत नष्ट करना) और 120 बी (आपराधिक साजिश) के तहत केस दर्ज है. ये गंभीर अपराध है. इसकी जांच होना जरूरी है.
बता दें कि हाल ही में मुंबई में उद्योगपति मुकेश अंबानी के आवास एंटीलिया के बाहर संदिग्ध कार मामले में एनआईए के अधिकारियों ने मुंबई में पुलिस अधिकारी सचिन वाजे से पूछताछ की थी.
इस बीच वाजे ने इससे पहले व्हाट्स ऐप पर एक स्टेटस लगाया था, जिसमें लिखा गया था कि उन्हें इस मामले में फंसाया जा रहा है. स्टेटस में लिखा था, ''3 मार्च 2004, सीआईडी के कुछ अधिकारियों ने मुझे एक झूठे केस में गिरफ्तार किया था. वो गिरफ्तारी अब भी अस्पष्ट है कि ऐसा क्यों किया गया था. मुझे लग रहा है कि अतीत फिर से दोहराया जा रहा है.''