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दिल्ली: शहीद की पत्नी के साथ ठगी, ज्वैलर ने ज्यादा मुनाफा कमाने का दिखाया सपना!

2016 में पंपोर में हुए आतंकी हमले में सीआरपीएफ के जवान संजय सिंह शहीद हो गए थे. उनकी पत्नी नीतू सिंह अपने दो बच्चों के साथ दिल्ली में रहती हैं. आरोप है कि नीतू सिंह को आर्थिक मदद के रूप में मिले 20 लाख रुपये की एक ज्वैलर ने ठगी की है. उसने नीतू सिंह को ज्यादा मुनाफा कमाने का सपना दिखाया था.

प्रतीकात्मक तस्वीर प्रतीकात्मक तस्वीर
अरविंद ओझा/हिमांशु मिश्रा
  • दिल्ली,
  • 23 अगस्त 2022,
  • अपडेटेड 12:43 PM IST

2016 में पंपोर में हुए आतंकी हमले में सीआरपीएफ के शहीद हुए जवान की पत्नी ने दिल्ली के नेब सराय थाने में ठगी की एफआईआर दर्ज कराई है. पुलिस ने दो लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है, जिसमें एक ज्वेलर भी शामिल है. 2016 में पुलवामा के पंपोर में सीआरपीएफ के जवानों पर एक बड़ा आतंकी हमला किया था.

आतंकी हमले में नीतू सिंह के पति संजय सिंह समेत 8 जवान शहीद हो गए थे. सरकार की तरफ से 20 लाख रुपए की मदद नीतू सिंह को मिली थी. उत्तर प्रदेश के जौनपुर की रहने वाली नीतू अपने पति की मौत के बाद अपने दो नाबालिग बच्चों के साथ दिल्ली के संगम विहार में रहने लगी थीं. नीतू सिंह अपने पति की पेंशन से अपना खर्च चला रही थीं. 

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आरोपी ज्वैलर नीतू सिंह के परिवार को जानता था. नीतू सिंह की शिकायत के मुताबिक, वो अक्सर ज्वेलरी का सामान लेने ज्वैलर की दुकान पर जाती थीं, इस दौरान ज्वैलर को इस बात की जानकारी मिली कि नीतू सिंह को 20 लाख रुपयों की सरकारी मदद मिली है. आरोप है कि इन्हीं रुपयों के लिए ज्वेलर ने नीतू सिंह को झांसे में लिया.

ज्वैलर ने नीतू सिंह को समझाया कि अगर वह इस पैसे को सोने में इन्वेस्ट कर देती है तो पैसा बड़ी तेजी से बढ़ जाएगा और उन्हें ज्यादा मुनाफा होगा. ज्वैलर के जानकार होने की वजह से नीतू सिंह को उस पर शक नहीं हुआ और लगातार समझाने की वजह से उन्होंने 20 लाख रुपए इन्वेस्ट कर दिए. ये सारे पैसे ऑनलाइन ट्रांसफर किए गए थे.

आरोप है कि ज्वेलर ने सारे पैसे अपने अकाउंट में ट्रांसफर करा दिए लेकिन 1 साल बीत जाने के बाद भी जब नीतू सिंह को कोई रिटर्न नहीं मिला तो उन्होंने अपने पैसे मांगे, जिस पर ज्वेलर ने कहा कि सोने के दाम गिर गए हैं, नुकसान हो गया है और वह पैसे देने में भी आनाकानी करने लगा. नीतू सिंह को ज्वेलर ने धमका कर भगा दिया.
 
इसके बाद नीतू सिंह पुलिस के पास पहुंची लेकिन आरोप है कि पुलिस ने एफआईआर दर्ज करने में कई महीनों का वक्त लगा दियाय 19 अगस्त को दिल्ली पुलिस ने इस मामले में धोखाधड़ी और जान से मारने की धमकी देने की धाराओं में दो आरोपियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली है और मामले की जांच की जा रही है.

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