
1960 से 1970 का दशक. अमेरिका के मिनिसोटा (Minnesota, America) में मैरी स्टॉफर (Mary Stauffer) नामक टीचर रहा करती थी. समय बीतता गया मैरी की शादी इर्व (Irv) नामक शख्स से करवा दी गई. दोनों के दो बच्चे हुए. जिसमें एक लड़का और एक लड़की थे. यह परिवार कट्टर इसाई परिवार था. जो कि पूजा पाठ में काफी यकीन रखता था. वे लोग अक्सर पूजा पाठ के सिलसिले में फिलीपीन्स आया जाया करते थे.
दिन बीतते रहे. फिर आया 1980 का समय. वे लोग हर बार की तरह एक पूजा के लिए फिलीपीन्स जाने की तैयारी कर रहे थे. 20 मई 1980 के दिन उन्हें फिलीपीन्स के लिए निकलना था. लेकिन वे नहीं जानते थे कि इससे पहले उनके साथ क्या होने वाला है. Daily Mail के मुताबिक, 16 मई 1980 की सुबह 11 बजे मैरी अपनी 8 वर्षीय बेटी बैथ (Beth) के साथ सैलून के लिए निकली. दोपहर डेढ़ बजे जब दोनों वापस सैलून से बाहर निकलीं. दोनों अपनी गाड़ी की तरफ जाने लगीं कि तभी पीछे से एक शख्स ने मैरी के पीछ बंदूक तान दी. फिर धीरे से कहा कि 'हिलना मत. मैं जैसा कहता हूं वैसा करती जाओ, नहीं तो गोली चला दूंगा.'
उसकी बातें सुनकर मैरी डर गई. फिर उस शख्स ने उन्हें उनकी गाड़ी की तरफ चलने को कहा. इसके बाद बंदूक की नोक पर दोनों को कार में बैठाया. मैरी को गाड़ी चलाने को कहा और बैथी को पीछे बैठा दिया. फिर वो शख्स मैरी को अपनी बताई दिशाओं की तरफ चलने को कहने लगा. उसके हाथ में बंदूक थी इसलिए मैरी वैसा ही कर रही थी जैसा वो आदमी उसे करने को कह रहा था. तभी उन्होंने देखा कि आगे एक जगह पुलिस चेकिंग कर रही है. मैरी ने राहत की सांस ली और सोचा कि अब वह बच सकते हैं. लेकिन ऐसा हुआ नहीं.
उस शख्स ने वापस अपनी बंदूक मैरी की तरफ तान दी और कहा कि तुम पुलिस के सामने कोई भी हरकत मत करना जिससे उन्हें शक हो. नहीं तो मैं तुम्हें और तुम्हारी बेटी को मार डालूंगा. इसके बाद मेरा जो होगा वो होगा. उससे मुझे फर्क नहीं पड़ता. यह सुनकर मैरी और ज्यादा डर गई और उसने पुलिस के सामने ऐसा कुछ भी नहीं किया जिससे पुलिस को उस आदमी पर शक हो. फिर आगे जाकर एक जगह उसने गाड़ी रुकवाई. वहां उस शख्स ने दोनों को उतारा और एक दूसरी गाड़ी के पास ले गया. उसने दोनों से कहा कि वे दोनों उस गाड़ी की डिग्गी में बैठ जाएं.
लेकिन डिग्गी काफी छोटी थी. मैरी ने कहा कि हम इसमें नहीं बैठ पाएंगी. शख्स ने फिर भी जबरदस्ती उन्हें गाड़ी की डिग्गी में ठूंस दिया और दोनों के मुंह में डॉक्टर टेप लगा दी. लेकिन उसे नहीं पता था कि ये सब कुछ कोई और भी देख रहा है. दरअसल, वहीं पास में दो छोटे बच्चे भी खेल रहे थे. उन्होंने जब ये सब होता देखा तो उनमें से 6 साल का जेसन विल्कमैन (Jason Wilkman) वहां आ गया. उसने पूछा कि अंकल ये आप क्या कर रहे हो?
अलग-अलग अल्मारियों में किया बंद
जैसे ही उस शख्स ने जेसन को देखा तो उसे भी मां बेटी के साथ गाड़ी की डिग्गी में डाल दिया. फिर आगे जाकर बीच किसी रास्ते में गाड़ी रोकी और जेसन को निकालकर कहीं ले गया. थोड़ी देर बाद वह फिर लौटा और गाड़ी चलाकर दोनों मां-बेटी को अपने घर ले आया. घर आते ही मैरी ने पूछा कि वो बच्चा कहां है? तो शख्स ने कहा कि मैंने उसे बीच रास्ते में कहीं छोड़ दिया है. इसके बाद वह शख्स मैरी और बैथ को एक कमरे में ले गया. कमरा देखकर मां-बेटी हैरान रह गए. दरअसल, यहां उस शख्स ने दो अल्मारियां बनाईं थीं. पहले उसने मैरी फिर बैथ को लोहे की जंजीर से बांधा और उन्हें अलग-अलग अल्मारियों में बंद कर दिया. इन अल्मारियों में वे सिर्फ खड़ी रह सकती थीं. इसके अलावा वे बिल्कुल भी हिल डुल नहीं सकती थीं.
मां-बेटी के लिए बनाए नियम
दोनों ने खड़े-खड़े ही रात बिता दी. फिर अगली सुबह वह शख्स एक लिस्ट तैयार करके लाया. दोनों को अल्मारी से निकाला और उन्हें लिस्ट दिखाकर कहने लगा कि ये तुम दोनों के लिए नए नियम हैं. अब तुम दोनों उम्र भर मेरे साथ यहीं रहोगी. बता दें, जिन जंजीरों से उसने दोनों को बांधा था वे उसने खात तौर पर तैयार करवाई थीं. ये आसानी से खुलने वाली जंजीरें नहीं थी. शख्स ने कहा कि तुम दोनों हफ्ते में सिर्फ एक दिन नहा सकती हो. और तुम्हें सिर्फ एक ही टाइम का खाना मिलेगा. ये सब सुनकर दोनों मां-बेटी काफी परेशान हो गईं. लेकिन वे चाहकर भी कुछ नहीं कर सकती थीं.
मैरी का ही स्टूडेंट था किडनैपर
इसके बाद वह शख्स मैरी को अपने साथ दूसरे कमरे में ले गया. वहां उसने उसे एक कुर्सी पर बैठाया और उसके आगे एक कैमरा लगा दिया. फिर खुद कैमरे के पीछे बैठकर मैरी की रिकॉर्डिंग करने लगा. उसने मैरी से कहा कि क्या तुम मुझे जानती हो? मैरी ने कहा नहीं, मैं तुम्हें नहीं जानती. जिस पर उस शख्स ने कहा कि याद करो मैं तुम्हारा स्टूडेंट था. तुमने मुझे 9वीं कक्षा में गणित में 'बी' ग्रेड दिया था. इस 'बी' ग्रेड के कारण मुझे न तो किसी अच्छे कॉलेज में एडमिशन मिला और न कोई अच्छी नौकरी. यहां तक कि मुझे ताइवान की सेना में भी इसी के चलते नौकरी करनी पड़ी जो कि मैं कभी नहीं करना चाहता था.
15 सालों से कर रहा था बदले का इंतजार
उसने बताया कि उस समय उसकी उम्र 14 साल थी और तब मैरी 20 साल की थी. मैरी तब भी उसे नहीं पहचान पाई तो उसने उसे स्कूल के समय की पुरानी तस्वीर दिखाई. इस तस्वीर में मैरी भी थी और वो शख्स भी था. फिर शख्स ने बताया कि उसका नाम मिंग सेन शी (Ming Sen Shiue) है. वो इस बात का बदला लेने के लिए 15 साल से इंतजार कर रहा था. उसने इसके लिए काफी तैयारी की थी.
रोज-रोज करता रेप
यह सब बताने के बाद मिंग ने मैरी से कैमरे के सामने कपड़े उतारने को कहा. न चाहते हुए भी मैरी को वो सब करना पड़ा. फिर मिंग ने उसके साथ अप्राकृतिक रूप से बलात्कार किया. इसके बाद आए दिन वह मैरी के साथ रेप करता. मैरी ने भी अब उम्मीद छोड़ दी थी. उसे भी लगने लगा था कि अब ऐसे ही उसकी बाकी की जिंदगी गुजरेगी. लेकिन रोज-रोज के इस टॉर्चर के बाद अब मैरी की भी हिम्मत टूट गई और उसने एक दिन उसे कह दिया कि वह ये सब नहीं कर सकती. यह सुनते ही मिंग गुस्से में आ गया और कहा कि वो उसके साथ-साथ उसकी बेटी को भी मार डालेगा. बेटी का नाम सुनते ही मैरी ने फिर लाचार होकर उसकी बात मान ली.
ऐसे हुई मैरी और बैथ आजाद
ऐसे ही कुछ दिन बीते और मिंग ने कहा कि वह मैरी को शॉपिंग पर लेकर जाएगा. मैरी को यह सुनते ही कुछ उम्मीद जागी कि शायद शॉपिंग के बहाने वह बाहर किसी से मदद मांग पाएगी. लेकिन ऐसा हुआ नहीं. मिंग बेशक मैरी को अपने साथ शॉपिंग के लिए लेकर गया. लेकिन उसने बैथ को अपनी ही गाड़ी की डिग्गी में बांधकर रख दिया ताकि मैरी कोई भी ऐसा कदम न उठा पाए जिससे लोगों को मिंग पर शक हो. यूं ही दिन बीतते गए. फिर आया 53वां दिन. जब मिंग जॉब के लिए बाहर गया था. तो मैरी ने पाया कि उसकी जंजीर कुछ ठीली सी हो गई है. उसने जैसे-तैसे उस जंजीर से खुद को आजाद करवाया और वहीं से पुलिस को फोन करने सूचना दे दी. पुलिस मौके पर पहुंची और मां-बेटी को वहां से आजाद करवाया.
मिंग ने किए चौंकाने वाले खुलासे
फिर उन्होंने मिंग को भी गिरफ्तार कर लिया. मिंग को कोर्ट में पेश किया गया. वहां मिंग ने कई चौंकाने वाले खुलासे किए. उसने बताया कि जेसन को उसने पहले ही मार डाला था. साथ ही बताया कि वह जब 9वीं कक्षा में था तो कहीं न कहीं वह मैरी के प्रति काफी आकर्षित था. वह उसे पसंद करता था. लेकिन जब उसे गणित में मैरी ने 'बी' ग्रेड दिया तो वह प्यार गुस्से में तब्दील हो गया और फिर वह मैरी से इसका बदला लेने की प्लानिंग करने लगा. उसे इसके लिए 15 साल का समय लगा. उसने इसके लिए 15 सालों तक तैयारी की थी. यही नहीं, मिंग को मैरी पर इतना गुस्सा था कि उसने कोर्ट में भी मैरी पर जानलेवा हमला कर दिया था. लेकिन पुलिस वालों ने उसे वहीं रोक दिया.
Mirror के मुताबिक, सुनवाई के बाद कोर्ट ने मिंग को तीस साल की गैरजमानती सजा सुनाई. साल 2010 में वह बेल ले सकता था. लेकिन जब उसके बेल लेने का समय आया तो मैरी ने कोर्ट से विनती की कि मिंग से उन्हें अभी भी खतरा है. इसलिए कोर्ट ने मैरी की बात को समझते हुए उसकी बेल फिर खारिज कर दी. मिंग इस समय भी जेल में ही बंद है. बता दें, इस सच्ची घटना पर 2019 में एक फिल्म भी बनी है जिसका नाम Abducted: The Mary Stauffer Story है.