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Bihar News: घर से लकड़ी लेने निकली नाबालिग बेहोश मिली, परिजन बोले Gangrape हुआ

नाबालिग जलाने के लिए लकड़ियां बीनने को घर से निकली थी. अगले दिन खेत में बेहोशी की हालत में मिली. होश आने पर उसने गैंगरेप होने की बात कही. पुलिस ने इस बात पर परिवार को ही परेशान किया. अब महिला थाने को मामले की जांच सौंपी गई है. परिवार ने आरोपियों को जल्द से जल्द पकड़ने की मांग की है.

गया में कथित गैंगरेप का मामला आया सामने (फाइल फोटो) गया में कथित गैंगरेप का मामला आया सामने (फाइल फोटो)
बिमलेन्दु चैतन्य
  • गया,
  • 26 अक्टूबर 2022,
  • अपडेटेड 6:30 AM IST

घर से जलावन (लकड़ी) लेने के लिए निकली नाबालिग अगले दिन संदिग्ध अवस्था में गांव के बाहर खेत में बेहोश मिली. उसके कपड़े भी ठीक स्थिति में नहीं थे. आनन-फानन में उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया. मामले की जानकारी पुलिस को दी गई और परिवार ने बेटी के साथ गैंगरेप होने की बात कही.

मगर, पुलिस ने पीड़िता के परिवार पर ही इल्जाम लगात हुए उन्हें डराना शुरू कर दिया. बाद में एसएसपी के दखल के बाद महिला थाना पुलिस को मामले की जांच सौंपी गई है. पीड़ित परिवार का आरोपी है कि पुलिस की भूमिका भी इस मामले में संदिग्ध है.

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पुलिस ने परिवार को सुबह तक इंतजार करने को कहा

नाबालिग के साथ कथित गैंगरेप होने का मामला बिहार के गया जिले के एक गांव का है. यहां नौवीं क्लास में पढ़ने वाली सिमरन (बदला हुआ नाम) 17 अक्टूबर की सुबह 9 बजे घर से जलावन लेने के लिए निकली थी. उसके साथ गई दूसरी लड़कियां वापस लौट आईं, लेकिन सिमरन देर शाम तक घर नहीं लौटी.

शाम से रात हो गई, लेकिन सिमरन का कुछ पता नहीं चला. देर रात परिवार नजदीकी थाने पहुंचा और सिमरन की गुमशुदगी की बात कही. मगर, पुलिस ने लड़का-लड़की का मामला बताकर सुबह तक इंतजार करने की बात कहकर थाने से परिवार को भगा दिया.

18 अक्टूबर की सुबह सिमरन बेहोशी हालत में गांव के बाहर खेत में पड़ी मिली. उसके कपड़ों की स्थिति भी ठीक नहीं था. यह बात आग की तरह पूरे गांव में फैल गई. आनन-फानन में परिवार उसे जिला अस्पताल लेकर पहुंचा और पुलिस की घटना की जानकारी दी.

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पुलिस ने किया अभद्र व्यवहार

सिमरन के पिता ने कहा, ''हमने बेटी के बारे में थाने को सूचना दी. उसके साथ गैंगरेप होने की बात कही. इस पर थाना प्रभारी ने हमसे अभद्र व्यवहार किया. थाने के दूसरे कमरे में ले जाकर मुझे और मेरी पत्नी पर ही बेटी की यह हालत कर देने का आरोप लगाया. पुलिस ने बेटी से भी दूसरे कमरे में ले जाकर बात की."

गांव के लोगों ने किया विरोध

गांव के सरपंच के प्रतिनिधि को जब पुलिस के इस व्यवहार की बात पता चली, तो वो भी थाने पहुंचे. उनका कहना है कि जब पुलिस ही इस प्रकार की बात करेगी, तो कल के दिन गांव के लोगों के साथ कुछ भी हो सकता है. हम मामले में सख्त कार्रवाई करने की मांग करते हैं. इसके लिए यदि मुख्यमंत्री के पास भी जाना पड़ेगा, तो जाएंगे. पीड़ित परिवार को न्याय मिलना चाहिए.

पुलिस भी मिली हुई है : परिवार

पीड़िता के पिता ने कहा, ''बेटी ने 4-5 लोगों द्वारा गलत काम किए जाने की बात कही है. मगर, पुलिस इस मामले में लापरवाही दिखा रही है. पुलिस की भूमिका संदिग्ध है. वो आरोपियों को बचाने की कोशिश कर रही है."

मामले में एसएसपी ने लिया संज्ञान

मामले को गया एसएसपी हरप्रीत कौर ने संज्ञान लिया. पीड़ित परिवार की शिकायत के बाद मामले की जांच महिला थाना पुलिस को सौंपी है. इसके बाद पुलिस की टीम गठित कर मामले की तहकीकात शुरू कर दी गई है.

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