
छत्तीसगढ़ के कवर्धा में पिछले 41 दिनों से लापता RTI एक्टिविस्ट विवेक चौबे की हत्या के आरोप में पुलिस ने सरपंच सहित 4 आरोपियों को गिरफ्तार किया है. पुलिस ने विवेक चौबे का कंकाल भी बरामद कर लिया है. पुलिस के मुताबिक आरोपी सरपंच ने अपने साथियों के साथ मिलकर विवेक चौबे की लाश को जंगल में जला दिया था.
मामला कवर्धा जिले की ग्राम पंचायत बोककरखार का है. पुलिस अधीक्षक लाल उम्मेद सिंह ने प्रेस कांफ्रेंस कर बताया कि 41 दिन पहले RTI कार्यकर्ता विवेक चौबे के परिजनों ने उनकी गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई थी. पुलिस में शिकायत दर्ज होने के बाद लगातार विवेक की तलाश की जा रही थी, लेकिन काफी प्रयासों के बाद भी पुलिस को सफलता नहीं मिल रही थी.
पुलिस अपनी जांच में जुटी हुई थी अचानक जिले के वन क्षेत्र कुंडपानी के जंगल में एक लाश जलाए जाने की सूचना मिली. सूचना देने वाले ने पुलिस को बताया कि मौके पर अब भी लाश के अवशेष अस्थियों के रूप में पड़े हुए हैं. शक होने पर पुलिस ने अस्थियों को इकट्ठा कर जांच के लिए भेज दिया. जांच में अस्थियों की शिनाख्त विवेक चौबे के तौर पर हो गई.
RTI कार्यकर्ता की हत्या की बात कंफर्म होने पर पुलिस हत्यारों का पता लगाने में जुट गई. जांच में पता चला कि विवेक चौबे के फोन की लोकेशन आखिरी बार बोककरखार के आसपास ही मिली थी. जांच आगे बढ़ने पर पता चला कि आखिरी बार विवेक ने गांव के सरपंच अमित यादव से मुलाकात की थी. पुलिस ने जब अमित यादव को हिरासत में लेकर कड़ाई से पूछताछ की तो उसने वारदात का खुलासा कर दिया.
अमित यादव ने पुलिस को बताया कि RTI एक्टिविस्ट विवेक चौबे के साथ उसका पैसों के लेनदेन को लेकर विवाद था. इसी सिलसिले में विवेक उस दिन अमित के गांव आया था. उस दिन अमित ने विवेक को कुछ पैसे भी दिए थे. इसके बाद विवके ने शराब के नशे में सरपंच के साथ विवाद किया. बहस के दौरान विवेक ने अमित यादव की पत्नी के बारे में अपशब्द कह दिए. इस बात को लेकर दोनों के बीच झगड़ा बढ़ गया और सरपंच अमित यादव ने डंडे से विवेक चौबे पर हमला कर दिया, जिसमें उसकी मौत हो गई.
विवेक की मौत के बाद आरोपी ने अपने 3 साथियों के साथ मिल कर उसकी लाश को जंगल में जला दिया और उसकी मोटरसाइकिल को 3 टुकड़े कर जमीन के अंदर गाड़ दिया. आरोपी की निशानदेही पर मोटरसाइकिल भी बरामद कर ली गई है. दरअसल, सरपंच ने इस हत्याकांड को छिपाने की पूरी कोशिश की. उसने चालाकी के साथ लाश को जंगल में ले जाकर जला दिया और बाइक भी दफन कर दी, लेकिन जंगल में इंसान की जली हुईं अस्थियां देखकर किसी ने पुलिस को इस बात की सूचना दे दी.