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MP: रेलवे के इतिहास में पहला मामला, 'किडनैप' बच्ची को बचाने को 240 KM बिना रुके दौड़ी ट्रेन

ललितपुर में एक महिला ने आरपीएफ को बताया था कि एक पुरुष उसकी बेटी को जबरन अपने साथ ले गया है. जिसे उसने ट्रेन में चढ़ते देखा है. सूचना मिलते ही ललितपुर स्टेशन के सीसीटीवी फुटेज देखे गए.

बरामद की गई बच्ची बरामद की गई बच्ची
रवीश पाल सिंह
  • भोपाल,
  • 29 अक्टूबर 2020,
  • अपडेटेड 11:33 AM IST
  • बिना रुके 240 किमी दौड़ी ट्रेन
  • 'किडनैप' हुई बच्ची को बचाया गया

भारतीय रेलवे के इतिहास में ऐसा पहला मामला सामने आया है, जहां एक किडनैप हुई बच्ची को सकुशल बचाने के लिए रेलवे ने एक ट्रेन को किसी भी स्टेशन पर बिना रोके 240 किलोमीटर तक दौड़ाया और अंत में बच्ची को सकुशल बरामद किया.

किसी फिल्मी कहानी की तरह लगने वाली ये घटना दरअसल हकीकत में देखने को मिली है. जब उत्तर प्रदेश के ललितपुर से मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल तक रेलवे ने करीब 240 किलोमीटर तक एक ट्रेन को बिना किसी स्टेशन पर रोके एक बच्ची को सकुशल बरामद किया है.

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दरअसल, ललितपुर में एक महिला ने आरपीएफ को बताया था कि एक पुरुष उसकी बेटी को जबरन अपने साथ ले गया है. जिसे उसने ट्रेन में चढ़ते देखा है. सूचना मिलते ही ललितपुर स्टेशन के सीसीटीवी फुटेज देखे गए, जिसमें महिला ने बच्ची की पहचान कर ली. फुटेज के आधार पर पता चला कि बच्ची को लेकर जो शख्स दिख रहा है वह राप्तीसागर एक्सप्रेस पर चढ़ा है.

इसके तुरंत बाद फैसला किया जाता है कि ट्रेन को भोपाल तक बिना रुके जाने दिया जाए. इसकी जानकारी तुरंत भोपाल आरपीएफ को भेजी गई. इस बीच पड़ने वाले किसी भी स्टेशन पर ट्रेन को नहीं रोका गया. ट्रेन जब भोपाल पहुंचने ही वाली थी तो प्लेटफॉर्म पर आरपीएफ और जीआरपी ने घेराबंदी कर दी.

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प्लेटफार्म के दोनों तरफ जवानों को खड़ा कर दिया गया और जैसे ही ट्रेन रुकी सभी जवानों ने एक साथ ट्रेन के कोच के अंदर धावा बोल दिया. इसके बाद ट्रेन की तलाशी शुरू हुई तो कोच नंबर S2 में बताए गए हुलिए वाला एक शख्स गुलाबी कलर की ड्रेस पहने एक बच्ची के साथ बैठा मिला.

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जांच में सामने आई ये बात

इसके बाद आरपीएफ ने उस शख्स और बच्ची को ट्रेन से नीचे उतारा और उन्हें जीआरपी के हवाले कर दिया. पकड़े गए शख्स ने बताया कि वह उत्तर प्रदेश के ललितपुर का रहने वाला है और यह बच्ची उसकी अपनी बेटी है. जांच में सामने आया कि पत्नी से अनबन के चलते अपनी बेटी को लेकर ट्रेन में बैठ गया था.

हालांकि इसके बाद पति-पत्नी के बीच ललितपुर पहुंचने पर सुलह करवा दी गई. वहीं भारतीय रेलवे के इतिहास में यह पहला ऐसा मामला बताया जा रहा है जिसमें एक ट्रेन को बिना रुके इतनी दूर तक एक बच्ची को सकुशल बरामद करने के लिए दौड़ाया गया.

 

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