
मुंबई के नालासोपारा में भीड़ ने राजेश पाल नाम के शख्स पर हमला कर दिया. राजेश पाल का आरोप है कि वह पुलिस के साथ जानवरों की हो रही तस्करी को रोकने गया था, तभी भीड़ ने उस पर हमला कर दिया. राजेश ने कहा है कि इस हमले में उसे अंदरूनी चोटें आई हैं.
गौरक्षक पर ये हमला 18 अक्टूबर की शाम को हुआ है. हालांकि पुलिस का कहना है कि ये गाय या बछड़े की तस्करी का मामला नहीं है, बल्कि ये हमले का केस है.
रिपोर्ट के मुताबिक राजेश पाल को किसी ने सूचना दी थी कि नालासोपारा के पश्चिम इलाके में अवैध रूप से गाय और बछड़ों को बेचा जाने वाला है. राजेश पाल पुलिस टीम के साथ वहां गया लेकिन उसे कुछ नहीं मिला.
बाद में उसी दिन शाम को राजेश पुलिस के साथ एक बार फिर वहां गया, इस वक्त उसे वहां एक सांड दिखा. वह वहां रुक गया और पुलिस के साथ गाड़ियों की चेकिंग करने लगा, लेकिन उसे वहां कुछ नहीं मिला. इस बीच स्थानीय लोगों ने राजेश पाल का विरोध करना शुरू कर दिया.
स्थानीय लोगों ने कहा कि सब्जी बाजार होने की वजह से वहां सांड समेत दूसरे जानवर सब्जियां खाने आ जाते हैं. राजेश पाल का आरोप है कि इसी समय स्थानीय लोगों ने उन पर हमला कर दिया जब पाल पर हमला हुआ उस दौरान वहां मात्र 3 पुलिसकर्मी मौजूद थे, इसलिए स्थिति बेकाबू हो गई. हालांकि बाद में पुलिसकर्मियों ने ही उन्हें भीड़ से बचाया.
पुलिस का कहना है कि उन्हें वहां कोई गाय या बछड़ा नहीं मिला था, जब वे दूसरी बार वहां गए तो उन्हें वहां सांड मिला, ये जानवर एक स्थानीय व्यक्ति का है.
इस घटना से नाराज स्थानीय लोगों ने नालासोपारा थाने का घेराव किया. पुलिस ने इस मामले में भीड़ पर हमला करने, दंगा फसाद करने और राजेश पाल पर हमले का केस दर्ज कर लिया है.