
महाराष्ट्र में तीन व्यापारियों ने मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह के खिलाफ भ्रष्टाचार और जबरन वसूली का आरोप लगाते हुए शिकायत दर्ज कराई है. शिकायत में तीनों कारोबारियों की तरफ से कहा गया "परमबीर सिंह ने हमसे करोड़ों रुपये वसूले हैं.," इस मामले में प्रतिक्रिया देते हुए महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख ने कहा कि उन पर हर रोज नए आरोप लगते हैं.
महाराष्ट्र के पुलिस महानिदेशक को कारोबारी सोनू जालान, केतन मनसुखलाल तन्ना और मुनीर अहमद पठान ने एक पत्र लिखा है. जिसकी कॉपी आजतक/इंडिया टुडे के पास भी मौजूद है. पत्र में कारोबारियों ने लिखा कि परमबीर सिंह ने ठाणे में पुलिस कमिश्नर के पद पर रहते हुए उनसे करोड़ों रुपये लिए थे.
इन आरोपों पर प्रतिक्रिया देते हुए महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख ने कहा "हर दिन परमबीर सिंह के खिलाफ भ्रष्टाचार के नए आरोप सामने आ रहे हैं. पुलिस अधिकारी अनूप डांगे और भीमराव घाडगे ने भी परमबीर के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोप लगाए हैं. सोनू जालान, केतन तन्ना और अन्य व्यवसायी भी आगे आए हैं और उनके खिलाफ जबरन वसूली के आरोप लगाए हैं."
अनिल देशमुख ने कहा "आप सभी जानते हैं कि जब परमबीर सिंह पुलिस कमिशनर थे, तब एंटीलिया के पास विस्फोटक रखे गए थे. विस्फोटक रखे जाने और मनसुख हत्याकांड को अंजाम देने में सचिन वाज़े के साथ-साथ परमबीर सिंह की भूमिका संदिग्ध पाई गई है. उनकी गलतियों को माफ नहीं किया जा सकता था और इसीलिए उनका तबादला कर दिया गया था."
पूर्व गृह मंत्री ने बताया कि "अब वो गुस्से में वह मेरे खिलाफ आरोप लगा रहे हैं, जबकि अगर परमबीर सिंह को मेरे खिलाफ आरोप लगाने ही थे, तो तब लगाते, जब वे मुंबई पुलिस के कमिश्नर थे."
एंटीलिया के बाहर बम पाए जाने के बाद मुंबई के पुलिस कमिश्नर पद से परमबीर सिंह को हटाया गया था. परमबीर सिंह ने आरोप लगाया था कि अनिल देशमुख ने आरोपी पुलिस अधिकारी सचिन वाज़े से हर माह 100 करोड़ रुपये वसूल करने के लिए कहा था. इस मामले में सीबीआई ने देशमुख के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है.
कारोबारी सोनू जालान को ठाणे पुलिस ने एक जुए के मामले में गिरफ्तार किया था. कारोबारी ने पत्र में आरोप लगाया है "मेरी गिरफ्तारी के बाद प्रदीप शर्मा मुझे परमबीर सिंह के केबिन में ले गए थे, जहां प्रदीप शर्मा और राजकुमार कोथमोरे ने उनसे 10 करोड़ रुपये की मांग की थी. हमें धमकी दी गई थी कि पैसे ना देने पर मैं और मेरे परिवार के सदस्यों, जिनमें मेरी विकलांग बहन भी शामिल है, को ऐसे ही कई मामलों में फंसाया जाएगा. इसके बाद बातचीत कर मामला 3 करोड़ रुपये में तय हुआ था. जो मेरी बहन ने इन लोगों को सौंप दिए थे."
इसी तरह पत्र में केतन मनसुखलाल तन्ना और पठान ने भी आरोप लगाया है कि उन्हें फर्जी मामलों में फंसाया गया और उनसे करोड़ों रुपये वसूले गए. आजतक/इंडिया टुडे के सूत्रों ने बताया कि इस मामले में आवश्यक कार्रवाई के लिए संबंधित विभाग को पत्र भेजा गया है.