
रिलायंस इंड्रस्ट्रीज के मालिक बिजनेस टायकून मुकेश अंबानी को मिले धमकी भरे ई-मेल की जांच कर रही मुंबई पुलिस ने शनिवार को तेलंगाना और गुजरात से दो युवकों को गिरफ्तार किया है. पिछले आठ दिनों में अंबानी की कंपनी की ऑफिशियल ई-मेल आईडी पर तीन धमकी भरे ई-मेल भेजे गए थे, जिनमें 400 करोड़ रुपए की रंगदारी मांगी गई थी. पैसे नहीं देने पर उन्हें जान से मारने की धमकी भी दी गई थी. आरोपी लड़कों में से एक की पहचान गणेश रमेश वनरापति (19) के रूप में हुई है, जिसे मुंबई पुलिस की क्राइम ब्रांच ने तेलंगाना के वारंगल से गिरफ्तार किया है. दूसरे आरोपी की पहचान शादाब खान (21) के रूप में हुई है. उसे गुजरात से पकड़ा गया है.
मुंबई पुलिस के मुताबिक, दोनों आरोपियों गणेश रमेश वनरापति और शादाब खान को गिरफ्तार करके कोर्ट में पेश किया गया. कोर्ट ने दोनों को 8 नवंबर तक पुलिस हिरासत में भेज दिया है. वहां उनसे इस मामले में पूछताछ की जाएगी. दोनों धमकी भरे ई-मेल भेजने के लिए दो अलग-अलग आईडी का इस्तेमाल कर रहे थे. मुकेश अंबानी के सिक्योरिटी इंचार्ज की शिकायत के आधार पर मुंबई गामदेवी पुलिस स्टेशन में प्राथमिकी दर्ज की गई थी. दोनों को आईपीसी की धारा 387 (जबरन वसूली करने के लिए किसी व्यक्ति को मौत या गंभीर चोट के डर में डालना) और 506 (2) (आपराधिक धमकी) के तहत गिरफ्तार किया गया है. पुलिस इस मामले की जांच में लगी हुई है.
पांच दिनों के भीतर ऐसे बढ़ती गई रंगदारी की रकम
पहले 20 करोड़. फिर 200 करोड़. उसके बाद 400 करोड़. जुर्म के इतिहास में ये शायद अपनी तरह का पहला मामला होगा जब महज पांच दिनों के अंदर किसी से किसी ने इतनी बड़ी रंगदारी मांगी होगी हो. रंगदारी भी किसी ऐसे वैसे शख्स से नहीं, बल्कि 6.50 लाख करोड़ रुपए की संपत्ति के मालिक और एशिया के सबसे अमीर आदमी मुकेश अंबानी से मांगी गई. दोनों आरोपी इतने बेखौफ थे कि हर बार भेजे गए ई-मेल में जान से मारने की धमकी देते हुए रंगदारी की रकम बढ़ाते जा रहे थे. उनकी इस करतूत ने मुंबई पुलिस से लेकर तमाम सिक्योरिटी एजेंसियों को भी सोचने पर मजबूर कर दिया. हालांकि, एक हफ्ते के अंदर ही मुंबई पुलिस ने आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया.
'20 करोड़ रुपए नहीं दिए तो हम तुम्हें जान से मार देंगे'
27 अक्टूबर की शाम को मुकेश अंबानी की कंपनी के ईमेल आईडी पर एक गुमनाम शख्स एक ई-मेल भेजता है. ई-मेल में सीधे अंबानी के नाम धमकी लिखी है, ''यदि तुमने हमें 20 करोड़ रुपए नहीं दिए तो हम तुम्हें जान से मार देंगे, हमारे पास भारत के सबसे अच्छे शूटर्स हैं.'' इसके अगले ही दिन दूसरी ई-मेल आती है. चूंकि ये धमकी सीधे-सीधे रिलायंस इंड्रस्ट्रीज के मालिक मुकेश अंबानी को दी गई थी, इसलिए कंपनी में खलबली मच जाती है. मुकेश अंबानी के सिक्योरिटी इंचार्ज की ओर शिकायत मिलने के साथ ही पुलिस मामले की जांच शुरू कर देती है. पुलिस मामले के बारे में कोई जानकारी जुटा पाती, उससे पहले 28 अक्टूबर को दूसरा ई-मेल आ जाता है.
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2022 में अंबानी परिवार को मिली थी मारने की धमकी
मुकेश अंबानी से रंगदारी मांगने का ये कोई पहला मौका नहीं है. इससे पहले पिछले साल अक्टूबर में ही रिलायंस फाउंडेशन की ओर से चलाए जाने वाले सर एचएन रिलायंस हॉस्पिटल के लैंडलाइन नंबर एक शख्स ने धमकी भरा कॉल किया था. उसने अस्पताल को बम से उड़ा देने के साथ अंबानी परिवार को मारने की बात कही थी. पुलिस ने इस सिलसिले में 30 साल के एक शख्स राकेश कुमार मिश्रा को बिहार से गिरफ्तार किया था. पिछले साल 15 अगस्त को भी उसी अस्पताल के लैंडलाइन नंबर पर एक-एक कर 9 धमकी भरे कॉल आए थे, जिसमें अंबानी और उनके परिवार को जान से मारने की धमकी दी गई थी. इस सिलसिले में पुलिस ने 56 साल के विष्णु भौमिक को गिरफ्तार किया था.
अंबानी परिवार को जेड प्लस कैटेगरी की सिक्योरिटी
मुकेश अंबानी और उनके परिवार को जेड प्लस कैटेगरी की सिक्योरिटी मिली हुई है. पहले उनके लिए जेड कैटेगरी ही सिक्योरिटी थी, लेकिन साल 2013 में केंद्रीय गृह मंत्रालय ने उनके परिवार को मिलने वाली धमकियों और खतरे को देखते हुए उन्हें जेड प्लस कैटेगरी की सिक्योरिटी मुहैया करवा दी थी. इस सिक्योरिटी के तहत मुकेश अंबानी और उनके के साथ हर पल ना सिर्फ कमांडोज होते हैं, बल्कि जब भी मुकेश, उनकी पत्नी नीता अंबानी, उनके बच्चे और यहां तक कि उनकी बहू भी घर से बाहर निकलती हैं, तो उनके साथ सुरक्षा के लिए पुलिस की पायलट और एस्कॉर्ट गाड़ियां चलती हैं. सीआरपीएफ के 58 कमांडो उनकी और उनके परिवार की सुरक्षा में तैनात रहते हैं.
अंबानी के पीएसओ को इजरायल में दी गई है ट्रेनिंग
अंबानी परिवार की सुरक्षा में तैनात सीआरपीएफ की टीम में आर्म्ड गार्ड्स, क्लोज प्रॉक्सिमिटी गार्ड्स, ड्राइवर, पीएसओ यानी पर्सनल सिक्योरिटी ऑफिसर्स और फिस्किंग के लिए भी लोग होते हैं. अंबानी के घर और दफ्तर के आस-पास के इलाके को रोजाना सुरक्षा के लिए लिहाज से ना सिर्फ सैनिटाइज किया जाता है, बल्कि सीसीटीवी कैमरे समेत तमाम दूसरे तरीकों से उनके आस-पास होने वाली हर हलचल पर नजर रखी जाती है. इसके अलावा मुकेश अंबानी के पास अपनी निजी सुरक्षा भी है. इनमें पीएसओज तैनात रहते हैं. उनके पास हथियार तो नहीं होते, लेकिन ये किसी की सुरक्षा में माहिर माने जाते हैं. इनकी ट्रेनिंग इजरायल की एक सिक्योरिटी कंपनी से हुई है.