
मुंबई पुलिस के पूर्व कमिश्नर परमबीर सिंह के लेटर बम के बाद आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है. परमबीर सिंह के गृह मंत्री अनिल देशमुख पर सचिन वाजे से वसूली कराने के आरोप के बाद अब मुंबई पुलिस के इंस्पेक्टर अनूप दांगे ने पूर्व कमिश्नर परमबीर सिंह पर गंभीर आरोप लगाए हैं. उन्होंने परमबीर सिंह के खिलाफ जांच की मांग करते हुए अतिरिक्त मुख्य सचिव (गृह) को पत्र लिखा है.
अनूप का कहना है कि पिछले साल परमबीर सिंह ने उन्हें सस्पेंड किया था. मौजूदा पुलिस कमिश्नर हेमंत नगराले ने उनका सस्पेंशन हटाया है. दांगे का कहना है कि परमबीर सिंह ने उनके खिलाफ कार्रवाई इसलिए की थी क्योंकि उन्होंने उनके दोस्त जीतू नवलानी के खिलाफ एक्शन लिया था. इतना ही नहीं उन्होंने परमबीर सिंह पर आरोप लगाया है कि उन्होंने इस मामले को दबाने के लिए उनसे एक करोड़ रुपये की भी मांग की थी. दांगे ने यह आरोप लगाते हुए अतिरिक्त मुख्य सचिव को पत्र भी लिखा है.
दांगे ने एक मैसेज में लिखा है कि '' यह मेरे लिए राहत और गर्व की बात है कि मेरे खिलाफ लगे सभी झूठे आरोप खारिज हो गए हैं और मैंने फिर से पुलिस बल ज्वाइन कर लिया है. मैं मुंबई पुलिस कमिश्नर हेमंत नगराले का काफी शुक्रगुजार हूं जिन्होंने मेरे साथ न्याय किया. सत्यमेव जयते, जय हिंद.''
उधर, मुंबई एटीएस के सूत्रों के मुताबिक मनसुख हिरेन की मौत के एक घंटे के अंदर सचिन वाजे ने जांचकर्ताओं का ध्यान भटकाने के लिए एक बार पर छापा मारा था. एटीएस का कहना है कि उसे ऐसे सबूत मिले है जिसके मुताबिक सचिन वाजे ने प्लान तैयार किया था कि अगर मनसुख हिरेन की मौत के मामले की जांच होती भी है तो उस दौरान वाजे की लोकेशन घटनास्थल के बजाए दूसरी जगह नजर आएगी.