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मुंबई फर्जी वैक्सीनेशन मामले में छठवीं गिरफ्तारी, पकड़ी गई महिला कोविड सेंटर में करती थी काम

कांदिवली पुलिस ने फर्जी वैक्सीनेशन मामले में जब पांच आरोपियों को गिरफ्तार कर पूछताछ की तब उन लोगों ने मुंबई के अलग-अलग इलाकों में 9 जगह वैक्सीनेशन कैंप लगाए जाने की बात कबूली थी. 

सांकेतिक तस्वीर (पीटीआई) सांकेतिक तस्वीर (पीटीआई)
साहिल जोशी
  • मुंबई ,
  • 23 जून 2021,
  • अपडेटेड 12:22 AM IST
  • फर्जी वैक्सीनेशन मामले में एक महिला आरोपी गिरफ्तार
  • महिला एक कोविड सेंटर में करती थी काम
  • मुंबई में फर्जी वैक्सीनेशन के कई मामले सामने आए

मुंबई के कांदिवली हीरानंदानी सोसाइटी में हुए फर्जी वैक्सीनेशन मामले में पुलिस ने बुधवार को एक महिला आरोपी को गिरफ्तार किया. अब तक इस मामले में 6 लोग गिरफ्तार किए जा चुके हैं. पकड़ी गई महिला का नाम गुड़िया यादव है, जो गोरेगांव के नेस्को जम्बो कोविड सेंटर में कार्यरत है.

गुड़िया पर आरोप है कि वह इस कोविड सेंटर की आईडी इस्तेमाल करके फर्जी वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट बनाने का काम करती थी. सोसाइटी के लोगों को फर्जी वैक्सीनेशन के बाद जो नेस्को कोविड सेंटर का सर्टिफिकेट दिया गया था, उसे गुड़िया ने फर्जी तरीके से तैयार किया था. फ़िलहाल कांदिवली पुलिस ने आरोपी महिला को गिरफ्तार कर लिया है. 

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गौरतलब है कि मुंबई में फर्जी वैक्सीनेशन के कई मामले सामने आए हैं. फर्जी वैक्सीनेशन का ये चौथा मामला बोरीवली पुलिस थाने में दर्ज किया गया. पहला मामला कांदिवली पुलिस थाने में दर्ज किया गया था, दूसरा वर्सोवा पुलिस थाने में, तीसरा मामला खार पुलिस थाने में में दर्ज किया गया था. 

बता दें की कांदिवली पुलिस ने फर्जी वैक्सीनेशन मामले जब पांच आरोपियों को गिरफ्तार कर पूछताछ की तब उन लोगों ने मुंबई के अलग-अलग इलाकों में 9 जगह वैक्सीनेशन कैंप लगाए जाने की बात कबूली थी. 

मालूम हो कि हीरानंदानी सोसाइटी में 30 मई को वैक्सीनेशन कैंप लगाया गया था. इसमें 390 लोगों को कोविशील्ड लगाई गई. कहानी तब शुरू हुई जब एक भी लोगों में वैक्सीन का साइड इफेक्ट नजर नहीं आया. इसके बाद से ही सवाल उने लगे कि कहीं लोगों को फर्जी वैक्सीन तो नहीं लगा दी गई? सवाल इसलिए भी उठे क्योंकि वैक्सीन लगने के तुरंत बाद लोगों को सर्टिफिकेट भी नहीं मिला. 

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चौंकाने वाली बात ये भी है कि 10 दिन बाद कुछ लोगों को सर्टिफिकेट मिलने लगे लेकिन इन पर अलग-अलग अस्पतालों का नाम था. वहीं जिन अस्पतालों के नाम से वैक्सीनेशन कैंप लगाए गए उनका कहना था कि उन्होंने सोसाइटी में ऐसा कोई कैंप ही नहीं लगाया.  

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