
एक तरफ देश में कोरोना अपने चरम पर है वहीं कुछ लोग इसे आपदा में अवसर बनाने में लगे हैं. कोरोना महामारी के बीच रेमडेसिविर इंजेक्शन की मांग तेजी से बढ़ी है. सप्लाई और डिमांड में भारी अंतर के कारण इसकी कालाबाजारी बढ़ रही है. लेकिन बात यहीं तक सीमित नहीं है नागपुर पुलिस ने दो ऐसे लोगों को गिरफ्तार किया है जो रेमडेसिविर इंजेक्शन की शीशी में पानी भरकर बेच रहे थे.
मंगलवार को नागपुर पुलिस को इसकी जानकारी मिली. इसके बाद पुलिस सतर्क हो गई और इनकी खोज करने में जुट गई. पुलिस ने दो लोगों को गिरफ्तार किया है. इनके नाम अभिलाष पेटकर (Abhilash Petkar) ओर अनिकेत नंदेश्वर (Aniket Nandeshwar) इनकी उम्र क्रमश: 28 और 21 वर्ष है. ये दोनों एक्स रे तकनीशियन के रूप में काम करते हैं.
नागपुर पुलिस के सब इंस्पेक्टर सत्यवान माणे ने बताया कि ये लोग कोविड वायरस से संक्रमित एक मरीज के परिजन को 40 हजार रूपए में एक इंजेक्शन बेच रहे थे. बाद में भाव करने पर 28 हजार रूपये में इंजेक्शन देने के लिए तैयार हुए जिसके अंदर पानी था. पुलिस के मुताबिक जब कोरोना संक्रमित के परिजनों को शक हुआ तो उन्होंने पुलिस को इसकी सूचना दी जिसके बाद पुलिस ने जाल बिछाकर दोनों को दबोच लिया. इसके बाद पुलिस द्वारा अब इनके घर और बाकी ठिकानों पर जांच की जा रही है.
रेमडेसिविर फेफड़ों के इंफेक्शन में काम आने वाली मेडिसिन है. कोविड के समय बहुत से मरीजों को फेफड़े की ही शिकायत आ रही है, इस कारण रेमडेसिविर इंजेक्शन की भारी मांग देखने को मिल रही है.