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‘फ्लैट में पॉलीथीन से लिपटी हुई थी लाश’, त्रिलोचन सिंह केस की गुत्थी सुलझाने में जुटी पुलिस

नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता त्रिलोचन सिंह की हत्या की जांच पुलिस कर रही है. दिल्ली पुलिस के सामने अभी तक कई खुलासे हुए है, जिनकी अलग-अलग पहलुओं से जांच की जा रही है.

नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता त्रिलोचन सिंह (फाइल फोटो) नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता त्रिलोचन सिंह (फाइल फोटो)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 10 सितंबर 2021,
  • अपडेटेड 1:55 PM IST
  • त्रिलोचन सिंह मामले में पुलिस की जांच जारी
  • आरोपी ने फोन पर कहा था- लाश उठा लो

जम्मू-कश्मीर की नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता त्रिलोचन सिंह की लाश गुरुवार को नई दिल्ली के फ्लैट में मिली. वेस्ट दिल्ली के मोतीनगर में हुई इस घटना में पुलिस ने हत्या का केस दर्ज किया है और दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच इसकी जांच कर रही है. 

67 साल के त्रिलोचन सिंह की लाश प्लास्टिक के एक बैग में लिपटी हुई मिली थी. पुलिस के मुताबिक, फ्लैट के वॉशरूम में ये शव मिला. इस फ्लैट में हरमीत और हरप्रीत नाम के दो शख्स भी रुके हुए थे, पुलिस इन दोनों को सर्च कर रही है. लेकिन अभी तक कुछ पता नहीं लगा है. 

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अधिकारी के मुताबिक, जब कमरे में लाश को जब्त किया गया तब उसे कपड़े में लपेटा हुआ था, सिर को पन्नी से बांध रखा था. त्रिलोचन सिंह को 2 सितंबर को कनाडा की फ्लाइट लेनी थी, वहां पर उनका परिवार था. लेकिन जब काफी दिनों तक कुछ पता नहीं लगा तो परिवार ने पहले जम्मू पुलिस को जानकारी दी और इसी तरह दिल्ली पुलिस तक बात पहुंची. 

दिल्ली पुलिस को गुरुवार को एक फोन कॉल पहुंची, जिसमें फ्लैट से आ रही बदबू के बारे में बताया गया और उसी के पुलिस वहां पर पहुंची थी.

‘...लाश उठा लो’

इस पूरे मामले को लेकर एक चौंकाने वाली जानकारी सामने आई. जिस हरमीत सिंह की पुलिस को तलाश थी उसने त्रिलोचन सिंह के साथी को फोन किया था और कहा था कि उसने त्रिलोचन का मार दिया है, वह उसकी लाश उठा लें. इसी के बाद से हरमीत का फोन बंद जा रहा है. 

फ्लैट की जो सीसीटीवी फुटेज सामने आई है, उसमें हरमीत और हरप्रीत दोनों दिखाई पड़ रहे हैं. पुलिस को शक है कि हरप्रीत लंबे वक्त से त्रिलोचन सिंह की हत्या की प्लानिंग कर रहा था. त्रिलोचन सिंह के परिवार का कहना है कि हत्या के पीछे राजनीतिक कारण भी हो सकते हैं. 

हालांकि, दिल्ली पुलिस की ओर से अभी भी इस केस की जांच की जा रही है, ऐसे में जैसे-जैसे परतें खुलती जाएंगी केस का पता चलता जाएगा. 

(इनपुट: पीटीआई, अरविंद ओझा) 

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