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गाजियाबाद गैंगरेप मामले की जांच के लिए राष्ट्रीय महिला आयोग ने बनाई दो टीमें, जानिए पूरा मामला 

राष्ट्रीय महिला आयोग ने गाजियाबाद में महिला के कथित सामूहिक बलात्कार के मामले को संज्ञान में लिया है. महिला आयोग की टीम ने मामले की जांच करते हुए अस्पताल के अधिकारियों से भी संपर्क किया. इसके बाद टीम ने एसएसपी गाजियाबाद जी. मुनिराज और जांच अधिकारी आलोक दुबे से मुलाकात की. उन्होंने बताया कि जांच में यह घटना साजिश लगती है. 

गाजियाबाद में गैंगरेप के मामले को जांच में फर्जी पाया गया है. गाजियाबाद में गैंगरेप के मामले को जांच में फर्जी पाया गया है.
अमित भारद्वाज
  • गाजियाबाद,
  • 22 अक्टूबर 2022,
  • अपडेटेड 12:07 AM IST

राष्ट्रीय महिला आयोग ने गाजियाबाद में महिला के कथित सामूहिक बलात्कार के मामले को संज्ञान में लिया है. शुरुआती रिपोर्ट में बताया गया था कि महिला को दो दिन बंधक बनाकर रखा गया. इसके बाद उसे जूट के थैले में बंद करके छोड़ दिया गया था. 

उसके हाथ और पैर बंधे हुए थे और एक लोहे की रॉड उसके शरीर में थी. तथ्यों का पता लगाने के लिए महिला आयोग ने 2 सदस्यीय टीम का गठन किया है. इस टीम ने महिला और पुलिस अधिकारियों से मुलाकात की. 

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पुलिस ने जांच में मामले को पाया फर्जी 
दरअसल, इस घटना में कुछ चौंकाने वाले खुलासे हुए थे. बताया गया था कि महिला ने प्रॉपर्टी के विवाद में पांच लोगों को फंसाने के लिए यह षड्यंत्र रचा था. मामले में गाजियाबाद पुलिस ने महिला के जानकार और साजिशकर्ता आजाद, उसके साथी गौरव और अफजल को गिरफ्तार कर लिया है.

साजिश रचने में इस्तेमाल अल्टो कार को भी गाजियाबाद पुलिस द्वारा बरामद किया गया है. मेरठ रेंज के आईजी प्रवीण कुमार ने प्रेस वार्ता कर इस घटना का खुलासा किया था. 

बयान, फॉरेंसिक सबूत घटना की तस्दीक नहीं कर रहे- एसएसपी गाजियाबाद 

महिला आयोग की टीम ने मामले की जांच करते हुए अस्पताल के अधिकारियों से भी संपर्क किया. इसके बाद टीम ने एसएसपी गाजियाबाद जी. मुनिराज और जांच अधिकारी आलोक दुबे से मुलाकात की. उन्होंने बताया कि जांच में पाया गया कि रिपोर्ट की गई घटना साजिश लगती है. 

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तीन संदिग्धों दिल्ली के रहने वाले आजाद तहसिन, बादलपुर (गौतमबुद्ध नगर) के रहने वाले गौरव शरण और गाजियाबाद के रहने वाले मोहम्मद अफजल के इकबालिया बयानों से भी इसकी पुष्टि होती है. इसके अलावा फॉरेंसिक और इलेक्ट्रॉनिक सबूत भी मामले के फर्जी होने की पुष्टि कर रहे हैं. 

विरोधाभासी बयान और मेडिकल सबूत पैदा कर रहे संदेह 

पुलिस ने आयोग को यह भी बताया कि महिला और उसके परिवार के सदस्यों द्वारा कई विरोधाभासी बयान दिए गए. इससे रिपोर्ट की गई घटना की प्रामाणिकता पर संदेह हुआ. यह भी बताया गया कि महिला के निजी अंगों में मिली बाहरी वस्तु एमएमजी जिला अस्पताल गाजियाबाद में प्राथमिक चिकित्सा जांच के दौरान नहीं मिली. उसे दिल्ली के दूसरे अस्पताल में रेफर कर दिया गया, लेकिन उसके परिवार के सदस्य उसे शाहदरा के जीटीबी अस्पताल ले गए.

प्रॉपर्टी विवाद में पांच लोगों को फंसाने की साजिश 

पुलिस ने कहा कि इस घटना की योजना पांच पुरुषों को फंसाने की थी, जिन्हें मामले की शुरुआत में संदिग्ध माना जा रहा था. महिला के साथ उनका संपत्ति को लेकर विवाद चल रहा था। सबूत यह भी बताते हैं कि मीडिया में मामले को सनसनीखेज बनाने के लिए 5,000 रुपए भी दिए गए थे. 

पुलिस ने आगे बताया कि संपत्ति विवाद का मामला दिल्ली की कड़कड़डूमा जिला न्यायालय में चल रहा है. महिला और तीनों संदिग्धों ने पांच लोगों के खिलाफ सामूहिक बलात्कार के आरोप लगाकर उन्हें फंसाने की योजना बनाई थी. मामले में जांच अभी जारी है और कई और संदिग्धों की गिरफ्तारी हो सकती है. 

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महिला ने पहले से परिचितों पर लगाया था गैंग रेप का आरोप

पूछताछ में महिला ने बताया था कि वह दिल्ली नंद नगरी की रहने वाली है. गाजियाबाद में एक दिन पहले अपने भाई के यहां जन्मदिन मनाने आई थी. महिला ने आरोप लगाया कि जब उसके भाई ने वापस छोड़ा, तब पहले से उसके परिचित कुछ लोग उसे वहां से ले गए. पहले महिला ने बताया था कि 2 लोग थे, बाद में बताया कि 5 लोग थे, उन सभी ने उनके साथ दुष्कर्म किया.

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