
उत्तर प्रदेश के चर्चित बाइक बोट घोटाले में एसटीएफ को बड़ी सफलता हाथ लगी है. यूपी एसटीफ की नोएडा यूनिट ने आर्थिक अपराध शाखा (EOW) के साथ मिलकर फरार चल रहे घोटाले के तीन आरोपियों को गिरफ्तारी किया है. इससे कई राज सामने आने की उम्मीद जगी है. मामले की जांच कर रहा ईओडब्ल्यू तीनों को कस्टडी रिमांड पर लेकर पूछताछ करने की तैयारी में है.
असल में, यूपी एसटीफ की नोएडा यूनिट ने आर्थिक अपराध शाखा के साथ मिलकर बाइक बोट केस में वांछित चल रहे सचिन और पवन को गिरफ़्तार किया है. सचिन पर इसी केस में 50,000 का इनाम घोषित किया गया था.
वहीं मेरठ एसटीफ ने भी ईओडब्ल्यू के सहयोग से बाइक बोट केस में वांछित चल रहे किरण पाल को गिरफ्तार करके थाना दादरी में अग्रिम विधिक कार्रवाई के लिए दाखिल किया है. फरार चल रहे सचिन भाटी, पवन भाटी और करण पाल सिंह को ईओडब्ल्यू ने एसटीएफ की मदद से गिरफ्तार किया है. अखबार हिन्दुस्तान की रिपोर्ट के मुताबिक सचिन भाटी मुख्य आरोपी संजय भाटी का ही सगा भाई है, वहीं पवन भाटी चचेरा भाई बताया जा रहा है.
रिपोर्ट के मुताबिक 4000 करोड़ रुपये से अधिक के इस घोटाले में आरोपी कंपनी गर्वित इनोवेटिव प्रमोटर्स लिमिटेड के मुखिया संजय भाटी समेत कई डायरेक्टर पहले से ही जेल में हैं. तीन नई गिरफ्तारियों के साथ इस मामले में आगे की जांच का रास्ता साफ हो गया है.
बहरहाल, पुलिस के मुताबिक करण पाल भी कंपनी में डायरेक्टर था. इस केस की छानबीन कर रहे ईओडब्ल्यू के एक अधिकारी ने बताया कि तीनों की कंपनी में खास भूमिका थी. निवेशकों को झांसा देने और कोई विवाद होने पर उन्हें डराने-धमकाने का काम भी ये करते थे. तीनों को रिमांड पर लेकर पूछताछ होगी.