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ओडिशा में मानवता शर्मसार, 5 हजार का कर्ज चुकाने के लिए मासूम बेटी को बेचा

बच्ची के दादा ने थाने में जाकर अपने बेटे और बच्ची को खरीदने वाले शख्स के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाई है. जिला बाल संरक्षण विभाग की टीम ने बच्ची को छुड़ा कर अपनी निगरानी में लिया. दोनों आरोपी पुलिस की हिरासत में हैं.

5 हजार रुपये का कर्ज चुकाने के लिए मासूम बेटी को बेचा 5 हजार रुपये का कर्ज चुकाने के लिए मासूम बेटी को बेचा
मोहम्मद सूफ़ियान
  • जाजपुर,
  • 14 जून 2021,
  • अपडेटेड 6:39 PM IST
  • एक शख्स ने ढाई साल की बेटी को बेच दिया
  • पांच हजार रुपए का कर्ज चुकाने के लिए किया ऐसा

महज पांच हजार रुपए का कर्ज चुकाने के लिए एक शख्स ने ढाई साल की बेटी को बेच दिया. ओडिशा के जाजपुर जिले में मानवता को शर्मसार करने वाली यह घटना हुई है. बच्ची के दादा ने थाने में जाकर अपने बेटे और बच्ची को खरीदने वाले शख्स के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाई है. जिला बाल संरक्षण विभाग की टीम ने बच्ची को छुड़ा कर अपनी निगरानी में लिया. दोनों आरोपी पुलिस की हिरासत में हैं.  

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जाजपुर जिले के बिंझारपुर पुलिस स्टेशन के तहत आने वाले गांव सहदेवपुर गांव के रहने वाले रबींद्र बारिक की ओर से पुलिस में शिकायत दर्ज कराई गई. रबींद्र बारीक ने अपने बेटे रमेश और बच्ची को खरीदने वाले शख्स लितू जेना को आरोपी बनाया.

बताया गया है कि रमेश ने लितू जेना से पांच हजार रुपए उधार लिए थे. रमेश की आर्थिक हालत खराब होने की वजह से वो उधार चुकाने की स्थिति में नहीं था, लेकिन लितू जेना की ओर से उस पर लगातार दबाव बनाया जा रहा था. लितू जेना कई बार रमेश के घर आकर उधार वापस देने की मांग कर चुका था.  

रबींद्र बारीक के मुताबिक एक दिन लितू जेना घर पर आया तो रमेश शराब के नशे में था. उसने मासूम बच्ची को ही लितू जेना के हवाले कर दिया. अतिरिक्त डायरेक्टर जनरल यशवंत जेठवा ने बताया, ''एक आरोपी शख्स (रमेश) ने दूसरे आरोपी (लितू जेना) से 3000 या 5000 रुपए का कर्ज लिया था. क्योंकि रमेश की पत्नी उसे पहले ही छोड़कर चली गई थी, इसलिए उसने खुद को बच्ची की देखभाल में असमर्थ बताया और कहा कि लितू जेना का परिवार है तो उसने बेटी को लितू जेना के हवाले अस्थाई तौर पर कर दिया.''

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इस बीच, जिला संरक्षण अधिकारी निरंजन कार ने बताया, ''बच्ची को छुड़ा लिया गया है, हम देख रहे हैं कि बच्ची को कैसे सुरक्षित स्थान पर रखा जाए. बच्ची को बाल कल्याण कमेटी के सामने पेश किया जाएगा और फिलहाल उसे ही सौंप दिया जाएगा.'' पुलिस यह पता लगाने का प्रयास कर रही है कि ऐसे कौन से हालात थे जो एक अभिभावक को बेटी को दूसरे शख्स को सौंपना पड़ा.  

 बच्ची के दादा रबींद्र बारिक ने बताया, ''मैंने दो बार पुलिस स्टेशन जाकर केस के बारे में जानकारी ली. अब मुझे पता चला है कि मेरी पोती को उस शख्स से छुड़ा लिया गया है और मुझे उम्मीद है कि जल्दी ही उसे मुझे सौंप दिया जाएगा.'' 

रमेश और उसकी पत्नी के बारे में जानकारी मिली है कि दोनों पहले भुवनेश्वर में काम करते थे. रमेश को शराब पीने की लत थी, इसलिए पत्नी से आए दिन झगड़ा होता था. पत्नी तंग आकर अपने माता पिता के पास चली गई. बच्ची को वो रमेश के पास ही छोड़ गई. लॉकडाउन शुरू होने के बाद रमेश बच्ची को लेकर बिंझारपुर में अपने गांव आ गया. 

जाजपुर के पुलिस एसपी राहुल पीआर के मुताबिक, ''दोनों आरोपी हिरासत में हैं और उनसे पूछताछ की जा रही है. यह अभी भी पुष्टि होना बाकी है कर्ज चुकाने के लिए बच्ची को दूसरे शख्स को सौंपा गया है. इस मामले में जांच जारी है.'' 

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