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'भले सस्पेंड कर दो पर बांदा मत भेजो'... जेल में किसका खौफ? अधिकारी पोस्टिंग लेने में कर रहे आनाकानी

यूपी की जेलों में हाई प्रोफाइल हत्याकांड के मामले सामने आ चुके हैं. तभी से इनकी सुरक्षा पर सवाल भी खड़े होते रहे हैं. बीते 6 अप्रैल 2021 की सुबह 4 बजे पंजाब की रोपड़ जेल से मुख्तार अंसारी को बांदा जेल की बैरक नंबर-16 में शिफ्ट किया गया था. अब हाल ये है कि यहां कोई भी अधिकारी पोस्टिंग लेने तक को तैयार नहीं हो रहा है.

मुख्तार अंसारी (फाइल फोटो) मुख्तार अंसारी (फाइल फोटो)
संतोष शर्मा
  • बांदा,
  • 28 जनवरी 2022,
  • अपडेटेड 6:49 PM IST
  • 8 महीने से बांदा जेल एक जेलर के हवाले
  • 3 अफसरों की पोस्टिंग हुई पर ज्वाइन नहीं किया
  • बीते साल मुख्तार अंसारी को बांदा जेल लाया गया

UP Jail Security: यूपी में जेलों की सुरक्षा किसी से छिपी नहीं हैं. यहां की बागपत जेल में मुन्ना बजरंगी की हत्या हुई. फिर चित्रकूट जेल में मुकीम काला, अंशु दीक्षित और मुख्तार के गुर्गे मेराज की हत्या हो चुकी है. यूपी की जेलों में हुए इन हाई प्रोफाइल हत्याकांड के बाद से लगातार सुरक्षा पर सवाल खड़े होते रहे हैं. ऐसे में हाल ये है कि यूपी की सबसे संवेदनशील जेल बांदा में अब कोई अधिकारी पोस्टिंग नहीं चाहता. चर्चा है कि अधिकारी अफसरों के सामने कह रहे हैं कि भले सस्पेंड कर दो पर बांदा मत भेजो.

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पंजाब की रोपड़ जेल से मुख्तार को लाया गया
बीते 8 महीने से बांदा की सीनियर सुपरिंटेंडेंट रैंक के अधिकारी वाली जेल अब जेलर चला रहा है. 3 अधिकारियों की पोस्टिंग की गई थी. लेकिन किसी भी अधिकारी ने ज्वाइन नहीं किया. बीते 6 अप्रैल 2021 की सुबह 4 बजे पंजाब की रोपड़ जेल से मुख्तार अंसारी को बांदा जेल की बैरक नंबर-16 में शिफ्ट किया गया था. तभी से बांदा जेल अति संवेदनशील जेलों में शुमार है. 

ये होती है जेल की व्यवस्था
बांदा जेल मंडलीय कारागार है, यानी इस जेल पर जेलर नहीं, बल्कि सीनियर सुपरिंटेंडेंट रैंक (Senior Superintendent Rank) का वरिष्ठ अधिकारी ही पोस्ट होगा. लेकिन इतनी संवेदनशील जेल में एक जेलर और दो डिप्टी जेलर ही हैं. मुख्तार के बांदा जेल पहुंचने के बाद से शासन ने तीन अफसरों को जेल अधीक्षक के पद पर भेजा लेकिन किसी ने भी ज्वाइन नहीं किया.

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अधिकारी करते रहे आनाकानी
मुख्तार अंसारी को बांदा जेल लाने की कवायद शुरू होते ही बांदा के जेलर रहे रंजीत कुमार सिंह 17 अक्टूबर 2020 से अनुपस्थित हो गए. यही वजह थी कि हमीरपुर के जेलर पीके त्रिपाठी को 19 अक्टूबर 2020 से मुख्तार अंसारी के बांदा जेल पहुंचने तक भेजा गया. मुख्तार अंसारी के बांदा जेल पहुंचने पर उन्नाव से एके सिंह को जेल अधीक्षक बनाकर बांदा ट्रांसफर किया गया. 

2- 2 सप्ताह का मेडिकल बढ़वाते रहे
बता दें कि मुख्तार के बांदा जेल पहुंचने के बाद 17 मई 2021 को एके सिंह ने जेल अधीक्षक के पद पर ज्वाइन किया. लेकिन 5 महीने बाद ही वह मेडिकल पर चले गए और लगातार 2- 2 सप्ताह का मेडिकल बढ़वाते रहे. फिर सरकार को 23 दिसंबर 2021 को एके सिंह को लखनऊ ट्रेनिंग मुख्यालय पर ट्रांसफर करना पड़ा.

बरेली के जेल अधीक्षक सस्पेंड किए 
शासन ने बरेली के जेल अधीक्षक विजय विक्रम सिंह को बांदा का जेल अधीक्षक बनाया, लेकिन विजय विक्रम सिंह ने बांदा जेल अधीक्षक के पद पर ज्वाइन नहीं किया और मेडिकल पर चले गए. शासन ने 29 दिसंबर 2021 को विजय विक्रम सिंह को सस्पेंड कर दिया और 30 दिसंबर को ही प्रमोशन लिस्ट से भी बाहर कर दिया.

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लखनऊ के जेल अधीक्षक ने प्रपोजल ठुकराया
हाल ही में जेल मुख्यालय की तरफ से लखनऊ के जेल अधीक्षक आशीष तिवारी का नाम शासन में बांदा जेल अधीक्षक के लिए भेजा गया. सूत्रों की माने तो आशीष तिवारी ने भी बांदा जाने से मना कर दिया जेल अधीक्षक के प्रपोजल को वापस कर दिया. 

अवनीश अवस्थी बोले-कामकाज नहीं हो रहा प्रभावित
बांदा जेल में जेल अधीक्षक की तैनाती ना होने पर अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश अवस्थी ने कहा कि बांदा जेल में कोई कामकाज प्रभावित नहीं हो रहा है. जेल की सुरक्षा पूरी तरह से पुख्ता है. जेल अधीक्षक स्तर के अफसरों की कमी के चलते कई जेल बिना अधीक्षक के हैं, अगली बार जब प्रमोशन होगा तो यह कमी पूरी हो जाएगी.

 

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