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केरल: 10 साल की मासूम से रेप के दोषी को 142 साल कैद की सजा, 5 लाख रुपये जुर्माना

केरल के पतनमतिट्टा में 10 साल की नाबालिग लड़की से रेप करने वाले शख्स को कोर्ट ने 142 साल कठोर कारावास की सजा सुनाई. जिले में यह POCSO मामले के किसी दोषी को दी गई अधिकतम सजा है. कोर्ट ने कारावास की सजा के अलावा दोषी पर 5 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है.

प्रतीकात्मक तस्वीर. प्रतीकात्मक तस्वीर.
aajtak.in
  • पतनमतिट्टा,
  • 01 अक्टूबर 2022,
  • अपडेटेड 3:38 PM IST

केरल के पतनमतिट्टा में लोकल कोर्ट ने 10 साल की नाबालिग लड़की से रेप करने के दोषी को 142 साल कठोर कारावास की सजा सुनाई है. साथ ही 5 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है. जानकारी के मुताबिक, 41 साल के शख्स पर नाबालिग लड़की से दो साल तक रेप करने का आरोप है.

जिला पुलिस द्वारा शुक्रवार को जारी एक प्रेस रिलीज में बताया कि पतनमतिट्टा अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायालय के न्यायाधीश जयकुमार जॉन ने आनंदन पीआर को 142 साल जेल की सजा सुनाई और उस पर पांच लाख रुपये का जुर्माना लगाया. विज्ञप्ति में कहा गया है कि जिले में यह POCSO मामले के किसी दोषी को दी गई अधिकतम सजा है.

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हालांकि, दोषी को कुल 60 साल जेल की सजा काटनी होगी. एक न्यूज एजेंसी के मुताबिक, दोषी 10 वर्षीय पीड़िता का रिश्तेदार है. उसे यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण (POCSO) अधिनियम और भारतीय दंड संहिता की धारा 506 (आपराधिक धमकी) की विभिन्न धाराओं के तहत दोषी ठहराया गया था.

कोर्ट ने कहा कि आरोपी ने 2019-2021 के दौरान बच्ची का यौन शोषण किया था. दोषी ने घटना को तब अंजाम दिया जब वह उनके घर रह रहा था.

सौतेली बेटी से रेप के मामले में 30 साल की कैद

इससे पहले अगस्त में केरल की एक त्वरित अदालत ने नाबालिग सौतेली बेटी के साथ रेप के मामले में व्यक्ति को बाल यौन अपराध संरक्षण कानून (POCSO) के तहत कई अपराधों में कुल 30 साल कैद की सजा सुनाई. त्वरित अदालत के विशेष न्यायाधीश टी. जी. वर्गीज द्वारा पारित आदेश की पुष्टि विशेष लोक अभियोजक (एसपीपी) एस. एस. सनेश ने की.

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मां की अनुपस्थिति में बेटी से रेप

एसपीपी सनेश ने बताया कि 2018 में इडुक्की जिले में 32 वर्षीय इस अभियुक्त ने अपनी नाबालिग सौतेली बेटी के साथ उसकी मां की अनुपस्थिति में घर में रेप किया था. एसपीपी ने कहा कि कोर्ट ने पीड़िता और इस घटना की गवाह उसकी छोटी बहन के बयान के आधार पर आरोपी को दोषी ठहराया. उन्होंने कहा कि मुकदमे के दौरान पीड़िता की मां मुकर गई थी.

दोषी पर 1.5 लाख रुपये का जुर्माना

एसपीपी ने कहा कि अदालत ने दोषी पर 1.5 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया. उन्होंने कहा कि अदालत ने जिला विधिक सेवा प्राधिकरण को पीड़िता के पुनर्वास के लिए पीड़िता मुआवजा योजना के तहत उसे एक लाख रुपये अतिरिक्त देने का निर्देश दिया. उन्होंने कहा कि वर्तमान में पीड़िता बाल कल्याण समिति द्वारा संचालित आश्रय गृह में रह रही है.

 

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