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केरल में कासरगोड जिले के पेरिया शहर में साल 2019 में हुए दोहरे हत्याकांड में सीबीआई की विशेष अदालत ने सजा सुना दी है. अदालत ने 10 आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. इसके साथ ही सीपीआई(एम) के पूर्व विधायक केवी कुन्हिरमन सहित चार अन्य लोगों को पांच साल की सजा सुनाई गई है. इन दोषियों पर दो युवा कांग्रेस कार्यकर्ताओं की हत्या का आरोप लगा था.
अदालत के फैसले के बाद अभियोक्ता ने कहा कि दो मामलों में उम्रकैद की सजा सुनाई गई है, जो एक साथ चलेगी. आजीवन कारावास की सजा पाने वाले आरोपियों में पूर्व सीपीआई(एम) पेरिया स्थानीय समिति सदस्य ए पीतांबरन, सुरेश, साजी जॉर्ज, अनिलकुमार, जिजिन, श्रीराग, अश्विन, सुधीश, रंजीत और सुरेंद्रन शामिल हैं. इन पर आईपीसी की धारा 302, 120(बी) और 149 के तहत केस दर्ज था.
इस बीच पूर्व विधायक और सीपीआई(एम) जिला नेता के वी कुन्हीरामन, कन्हानगढ़ ब्लॉक पंचायत अध्यक्ष के मणिकंदन, वेलुथोली राघवन और ए वी भास्करन को अदालत ने पांच साल की सजा सुनाई. अदालत ने प्रत्येक दोषी पर 2 लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया. 28 दिसंबर को सीबीआई अदालत ने 24 आरोपियों में से पहले आठ को हत्या और साजिश के आरोपों में दोषी पाया था.
इसके साथ ही छह आरोपियों को साजिश, सबूत नष्ट करने और अपराध के संचालन में सहायता प्रदान करने का दोषी पाया था. 10 आरोपियों को इस मामले में बरी कर दिया गया था. यह मामला 17 फरवरी, 2019 को सीपीआई (एम) कार्यकर्ताओं द्वारा युवा कांग्रेस कार्यकर्ता कृपेश (19) और सरथ लाल पी के (24) की हत्या से संबंधित है. सीपीआई (एम) और कांग्रेस कार्यकर्ताओं के बीच दुश्मनी का परिणाम है.
बताते चलें कि इसी साल फरवरी में केरल के कोझिकोड जिले में एक मंदिर उत्सव के दौरान भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) के एक स्थानीय नेता की निर्मम तरीके से हत्या कर दी गई थी. मृतक की पहचान पीवी सत्यनाथन के रूप में हुई, जो एक संगीत कार्यक्रम में शामिल होने के लिए कोयिलैंडी के चेरियापुरम मंदिर गए थे. इसी दौरान उन पर घात लगाकर कुल्हाड़ी से हमला किया गया था.
इससे उनकी पीठ और गर्दन पर घाव हो गए. इस घटना के बाद के बाद वहां अफरा-तफरी मच गई. घायल अवस्था में सत्यनाथन को तुरंत अस्पताल ले जाया गया, जहां उनकी मौत हो गई. सत्यनाथन पर हमला करने वाले हत्यारे वारदात को अंजाम देने के बाद तुरंत फरार हो गए थे. पुलिस ने कहा था कि उन्हें संदेह है कि व्यक्तिगत या राजनीतिक दुश्मनी के कारण सत्यनाथन पर हमला हुआ था.