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शांतिकुंज आश्रम के प्रमुख डॉ. प्रणव पांड्या की जमानत का विरोध, सुप्रीम कोर्ट में रेप पीड़िता की याचिका

पीड़िता ने याचिका में आरोप लगाया गया कि जब वह 14-15 साल की थी तो उसके साथ कई बार रेप किया गया और धमकी भी दी गई. खून की कमी के कारण उसे सिकल सेल एनीमिया भी हो गया है. 

प्रतीकात्मक तस्वीर प्रतीकात्मक तस्वीर
अनीषा माथुर
  • नई दिल्ली,
  • 03 सितंबर 2020,
  • अपडेटेड 7:36 PM IST
  • सुप्रीम कोर्ट पहुंची रेप पीड़िता
  • डॉ. प्रणव पांड्या की जमानत का विरोध
  • SC में दायर की याचिका

हरिद्वार के शांतिकुंज आश्रम के प्रमुख डॉ. प्रणव पांड्या पर रेप का आरोप लगाने वाली लड़की ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है. पीड़िता ने डॉ. प्रणव पांड्या को उत्तराखंड हाईकोर्ट से मिली जमानत का विरोध किया है और सर्वोच्च न्यायालय में अर्जी दायर की है. उन्होंने जमानत को रद्द करने की मांग की है. 

पीड़िता ने याचिका में आरोप लगाया गया कि जब वह 14-15 साल की थी तो उसके साथ कई बार रेप किया गया और धमकी भी दी गई. खून की कमी के कारण उसे सिकल सेल एनीमिया भी हो गया है. 

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बता दें कि डॉ. प्रणव पांड्या पर रेप का आरोप छत्तीसगढ़ के रायपुर की रहने वाली एक लड़की ने लगाया है. रेप के आरोप को डॉ. प्रणव पांड्या ने साजिश का हिस्सा करार दिया था. उन्होंने कहा, 'मुझपर झूठे आरोप लगाए गए हैं.' 
उनका कहना है कि वह कानूनी तरीके से पूरी लड़ाई लड़ेंगे.

गायत्री परिवार ने भी प्रणव पांड्या पर लगे आरोपों को बेबुनियाद बताया था. एक बयान में कहा गया कि ये आरोप 16 करोड़ भक्तों की भावनाओं को आहत करने की एक नाकाम कोशिश है और किसी बड़ी साजिश का हिस्सा है. पीड़िता के मुताबिक, जुलाई 2010 को वह शांतिकुंज के प्रमुख को कॉफी देने कमरे में गई थी. आरोप है कि उसी दौरान उसके साथ रेप हुआ. पीड़िता के मुताबिक, इस घटना के एक सप्ताह बाद फिर उसके साथ दोबारा रेप किया गया और जान की धमकी देकर चुप रहने को कहा गया. 

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