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तेलंगाना में रेप के आरोपी से 20 हजार की रिश्वत लेते इंस्पेक्टर और दो कांस्टेबल गिरफ्तार

तेलंगाना के नारायणपेट जिले में रेप के एक आरोपी से रिश्वत लेते एक पुलिस इंस्पेक्टर और दो कांस्टेबल को मंगलवार को एंटी करप्शन ब्यूरो (एसीबी) ने गिरफ्तार किया है. तीनों पर 20 हजार रुपए की रिश्वत लेने का आरोप है. रिश्वत की राशि एक कांस्टेबल के पास से बरामद की गई है.

तीनों पर 20 हजार रुपए की रिश्वत लेने का आरोप है. तीनों पर 20 हजार रुपए की रिश्वत लेने का आरोप है.
aajtak.in
  • हैदराबाद,
  • 18 फरवरी 2025,
  • अपडेटेड 10:40 PM IST

तेलंगाना के नारायणपेट जिले में रेप के एक आरोपी से रिश्वत लेते एक पुलिस इंस्पेक्टर और दो कांस्टेबल को मंगलवार को एंटी करप्शन ब्यूरो (एसीबी) ने गिरफ्तार किया है. तीनों पर 20 हजार रुपए की रिश्वत लेने का आरोप है. रिश्वत की राशि एक कांस्टेबल के पास से बरामद की गई है. इस मामले की जांच की जा रही है.

एंटी करप्शन ब्यूरो के एक अधिकारी ने बताया कि आरोपी पुलिसकर्मियों ने शिकायतकर्ता से रिश्वत की मांग की थी, ताकि आधिकारिक मदद के बदले में आरोपों की गंभीरता को कम किया जा सके, जबकि मकथल पुलिस स्टेशन में दर्ज बलात्कार के इस मामले में उसके खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया जा रहा है.

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इस बीच, एक अन्य घटना में भद्राद्री कोठागुडेम जिले में एक वन रेंज अधिकारी और एक वन बीट अधिकारी को शिकायतकर्ता से 30 हजार रुपए की रिश्वत मांगने और स्वीकार करने के आरोप में एसीबी अधिकारियों ने पकड़ा है. उन्होंने सड़क निर्माण के लिए बजरी के परिवहन की अनुमति देने के बदले में रिश्वत स्वीकार की थी.

बताते चलें कि पिछले साल तेलंगाना में एंटी करप्शन ब्यूरो ने भेड़ घोटाले में कई सरकारी अधिकारियों को गिरफ्तार किया था. एसीबी ने बताया था कि दो अधिकारियों अंजिलप्पा और कृष्णैया को गिरफ्तार किया गया, जिन्होंने निजी व्यक्तियों के साथ मिलीभगत और साजिश रची. अवैध कृत्यों और उल्लंघनों का सहारा लिया. 

रिपोर्ट के मुताबिक 2021 और 2023 के दौरान पशुपालन विभाग ने आंध्र प्रदेश के प्रकाशम जिले से भेड़ की खरीद की थी, लेकिन भेड़ व्यापारियों को भुगतान नहीं किया गया था. तेलंगाना की बीआरएस सरकार ने साल 2017 में ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए भेड़ वितरण योजना की शुरूआत की थी. 

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इसके पहले चरण के तहत हर परिवार को 75 फीसदी सब्सिडी पर 1.25 लाख रुपए की यूनिट कॉस्ट वाली 20 भेड़ें दी गईं. योजना के क्रियान्वयन पर कुल 4,980.31 करोड़ रुपये का खर्च आया. अन्य राज्यों से लगभग 82.74 लाख भेड़ें खरीदी गईं. प्राथमिक भेड़ प्रजनक सहकारी समितियों के 3.92 लाख सदस्यों के बीच बांटी गईं.

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