
उत्तराखंड में रिजॉर्ट की रिसेप्शनिस्ट अंकिता भंडारी की मौत के मामले में पुलिस ने तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है. पुलिस ने इस मामले में अब चौंकाने वाला खुलासा किया है कि आखिर अंकिता की हत्या क्यों और कैसे हुई? उस दिन अंकिता और पुलकित के बीच विवाद क्यों हुआ था? घटना की वजह क्या बनी?
इन सब सवालों के जवाब अब पुलिस ने दे दिए हैं. सिलसिलेवार तरीके से जानिए आखिर 18 सितंबर को क्या हुआ था. पुलिस ने वारदात की गुत्थी को कैसे सुलझाया? मामले में पुलिस ने आईपीसी की धारा 302/201/120 बी के तहत केस दर्ज कर तीनों को गिरफ्तार कर लिया. उन्हें 14 दिनों की पुलिस रिमांड में भेजा गया है.
सर्विलांस और सीसीटीवी से मिले पुख्ता सबूत
अंकिता का पता लगाने के लिए पुलिस ने इलेक्ट्रॉनिक सर्विलांस और सीसीटीवी फुटेज का सहारा लिया. 18 सितंबर को अंकिता भंडारी रिजॉर्ट मालिक पुलकित आर्य, मैनेजर सौरभ भास्कर और अंकित उर्फ पुलकित गुप्ता के साथ रात आठ बजे ऋषिकेश गई.
वहां से रात नौ बजे सभी लोग वापस लौटे. रिजॉर्ट कर्मियों से पूछताछ में पता चला रात 10.30 से 11 बजे के बीच तीनों आरोपी रिजॉर्ट वापस आए थे. अंकिता उनके साथ नहीं थी.
आरोपियों ने बताई पूरी कहानी
उपरोक्त साक्ष्यों के आधार पर पुलिस ने भाजपा नेता विनोद आर्य के 35 साल के बेटे पुलकित आर्य (रिजॉर्ट मालिक), 19 साल के अंकित उर्फ पुलकित गुप्ता और 35 साल के सौरभ भास्कर को पूछताछ के लिए थाने ले गए. पहले उन्होंने पुलिस को बरगलाया. झूठी कहानी सुनाई. मगर, सीसीटीवी फुटेज के साक्ष्य के बाद टूट गए.
तीनों ने अपना जुर्म स्वीकार करते हुए बताया कि 18 सितंबर की शाम को पुलकित और अंकिता का रिजॉर्ट में किसी बात को लेकर झगड़ा हुआ था. तब पुलकित ने कहा कि अंकिता गुस्से में है, इसे लेकर ऋषिकेश चलते हैं. जिस पर हम अलग-अलग गाड़ियों से निकले. अंकिता मेरे साथ मोटरसाइकिल पर बैठी थी. पुलकित और अंकित स्कूटी से गए.
हम लोग बैराज होते हुए एम्स के पास पहुंचे. वापसी में अंकिता को लेकर पुलकित स्कूटी पर आया. मैं और अंकित साथ में आए. पुलकित अंकिता को लेकर आगे निकल गया. हम बैराज चौकी से करीब 1.5 किमी पहुंचे, तो पुलकित अंधेरे में रुका था. हम भी रुक गए. तब हमने वहीं पर रुककर शराब पी और मोमोज खाए.
अंकिता ने कहा- रिजॉर्ट की हकीकत सबको बता दूंगी
जब हम चीला रोड पर नहर के किनारे बैठे शराब पी रहे थे, तो अंकिता और पुलकित के बीच फिर विवाद होने लगा. अंकिता हमें अपने साथियों के बीच बदनाम करती थी. हमारी बातें अपने साथियों को बताती थी कि हम उसे कस्टमर से संबंध बनाने के लिए कहते हैं.
पुलकित ने अंकिता से कहा, “तू हमारे बीच की बात अपने साथियों को क्यूं बताती है, तो वह गुस्सा हो गई. अंकिता के साथ हमारी झड़प हो गई. अंकिता कहने लगी कि मैं तुम्हारे रिजॉर्ट की हकीकत बयां कर दूंगी. सारी बातें बता दूंगी और उसने पुलकित का मोबाइल नहर में फेंक दिया.”
इस पर हमें गुस्सा आ गया. हमें नशे में पता नहीं चला कि हम क्या कर रहे हैं. अंकिता हमसे हाथापाई करने लगी तभी हमने गुस्से में उसे धक्का दे दिया और वह नहर में गिरी. एक-दो बार पानी के ऊपर आकर चिल्लाई उसके बाद नहर में डूब गई. देखें वीडियो...
फिर बचने के लिए आरोपियों ने बनाई झूठी कहानी
वारदात के बाद आरोपी घबरा गए. दरअसल, अंकिता को हमारे साथ आते हुए अभिनव और कुश ने देखा था. तब आरोपियों ने प्लान बनाया कि अंकित ने हमारे शेफ मनवीर को फोन कर चार लोगों का खाना तैयार करने को कहा. मनवीर ने अंकित से पूछा कि अंकिता मैडम आपके साथ हैं, तो अंकित घबरा गया.
उसने मना कर दिया कि अंकिता हमारे साथ नहीं है. तब हम तीनों रिजॉर्ट में पहुंचे और चुपके से रिजॉर्ट के किनारे वाले रास्ते से अंदर आ गए. हमने प्लान के तहत सोचा कि अंकित शेफ से कहेगा कि अंकिता को मैं खाना देता हूं, ताकि रिजॉर्ट कर्मियों को लगे कि अंकिता कमरे में ही है.
इस प्लान के तहत अंकित ही खाना लेकर अंकिता के कमरे मे गया और खाना रखकर आ गया. सुबह पुलकित और अंकित गुप्ता हरिद्वार चले गए. हरिद्वार से पुलकित ने नया मोबाइल और अपने जियो का डमी सिम खरीदा.
आरोपियों को पीटती भीड़ का देखें वीडियो...
सोच-समझकर सेट की घटना की टाइमिंग
प्लान के तहत ही पुलकित ने हमारे रिजॉर्ट में काम करने वाले सौरव बिष्ट को कहा कि अंकिता को कमरे में जाकर उसका फोन ले आओ. ताकि सौरव विष्ट कमरे में जाकर हमें बताए कि अंकिता कमरे में नहीं है और न ही फोन है.
किसी को शक न हो, इसलिए पुलकित ही अंकिता की गुमशुदगी की FIR दर्ज कराने गया. हम तीनों ने मिलकर यही सोचा था कि हम तीनों एक जैसे बयान देगें. इसलिए सोच-समझकर हमने घटना की टाइमिंग सेट की थी.
आरोपियों ने पुलिस की आंखों में धूल झोंकने की पूरी कोशिश की, लेकिन पुलिस ने जब सब के बयानों को मिलाया और सर्विलांस और सीसीटीवी की मदद से सबूतों को इकट्ठा किया तो मामले का खुलासा हो गया. पूछताछ के दौरान आरोपियों द्वारा अपने जुर्म का इकबाल करने पर इनके खिलाफ आईपीसी की धारा 302, 201, 120-B के तहत केस दर्ज किया गया और इन्हें अरेस्ट कर लिया गया.