
महाराष्ट्र के पुणे में हुए पोर्श कार एक्सीडेंट मामले में गिरफ्तार हुए ससून अस्पताल के दो डॉक्टरों अजय तवारे, श्रीहरि हरनोल और एक कर्मचारी अमित घाटकांबले को तीन दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया गया है. तीनों आरोपी 30 मई तक पुलिस हिरासत में रहेंगे. पुणे पुलिस की क्राइम ब्रांच ने दोनों को कोर्ट में पेश करके 10 दिन की हिरासत की मांग की थी. लेकिन कोर्ट ने तीन दिन की दी है. पुलिस ने कोर्ट में कहा कि इस मामले में बड़ा वित्तीय लेनदेन शामिल है. इस ट्रैक करने और आरोपियों को एक साथ बैठाकर पूछताछ के लिए हिरासत में लेने की जरूरत है.
क्राइम ब्रांच के एसीपी सुनील तांबे ने कोर्ट में कहा कि ससून अस्पताल के सीसीटीवी फुटेज को जब्त करने की कार्रवाई चल रही है. इसके साथ पुलिस आरोपियों से यह भी जानना चाह रही है कि ब्लड बदलने के मामले में सीएमओ डॉक्टर श्रीहरि हरनोल के अलावा और कौन-कौन शामिल था? आरोपी का ब्लड किसके साथ बदला गया था? इस साजिश में आरोपी के पिता और दोनों डॉक्टरों के अलावा किस-किस ने साथ दिया है.
इसके साथ ही पुणे पुलिस की क्राइम ब्रांच सभी आरोपियों को एक साथ बैठाकर पूछताछ करना चाहती है. गवाहों के बयानों के साथ उनके बयान का मिलान करना चाहती है. दरअसल, नाबालिग आरोपी को हादसे के अगले दिन सुबह 11 बजे मेडिकल टेस्ट के लिए ससून अस्पताल ले जाया गया था. इस दौरान उसके ब्लड सैंपल को ऐसे शख्स के ब्लड सैंपल से बदल दिया गया था, जिसने शराब का सेवन नहीं किया हुआ था.
इस वजह से आरोपी की जांच रिपोर्ट में शराब की पुष्टि नहीं हो सकी. इससे संदेह पैदा हो गया. दोबारा ब्लड रिपोर्ट आने पर शराब की पुष्टि हुई थी. इसके बाद में पता चला कि सरकारी अस्पताल के डॉक्टरों ने नाबालिग को बचाने के लिए ब्लड सैंपल से छेड़छाड़ की थी. फिर पुलिस ने इस मामले में फॉरेंसिंक डिपार्टमेंट के हेड सहित दोनों डॉक्टरों को गिरफ्तार कर लिया. अब यह मामला पूरी तरह से एक आपराधिक साजिश का रंग ले चुका है.
पुलिस के मुताबिक, 19 मई की रात को नाबालिग लड़का अपने दोस्तों के साथ 69 हजार की शराब गटक गया था. वो रात को अपने दोस्तों के साथ सबसे पहले पुणे के कोज़ी पब में गया. वहां रात 12 बजे तक जमकर शराब पिया. इसके बाद ड्रिंक्स सर्व करना बंद कर दिया गया, तो वो दोस्तों के साथ ब्लाक मैरिएट पब के लिए रवाना हो गया और जाने से पहले उसने पब में 48 हजार रुपए का बिल दिया. फिर मैरिएट पब में भी 21 हजार की शराब गटक गया. इतनी शराब पीने के बाद नशे की हालत में उसने तीन करोड़ रुपए की पोर्श कार की चाभी अपने हाथ में ली और फर्राटे से सड़क पर उड़ने लगा.
बताते चलें कि पूरे पुणे में अग्रवाल परिवार को जाना जाता है. आरोपी के पिता विशाल अग्रवाल के स्वामित्व वाली कंपनियों की कुल नेट वर्थ 601 करोड़ रुपए के आसपास है. उनकी कई पीढ़ी कंस्ट्रक्शन के बिजनेस में रही है. ब्रम्हा कोर्प नाम की कंस्ट्रक्शन कंपनी को आरोपी के परदादा ब्रम्हदत्त अग्रवाल ने शुरू की थी. उसके बाद उसका पिता विशाल इस करीब 40 साल पुरानी कंपनी के मालिक हैं. ब्रम्हदत्त ने पुणे के वडगांव शेरी, खराड़ी, विमान नगर इलाकों में कई बड़े हाउसिंग प्रोजेक्ट बनाए हैं. इसके अलावा आरोपी के परिवार का ब्रम्हा मल्टीस्पेस, ब्रम्हा मल्टीकॉन जैसी बिजनेस कंपनियां भी है.