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शरजील उस्मानी के खिलाफ केस दर्ज, एल्गार परिषद में दिए भाषण पर विवाद

पूर्व छात्र नेता शरजील उस्मानी के खिलाफ यह एफआईआर भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 153-ए के तहत पुणे के स्वारगेट पुलिस स्टेशन में दर्ज की गई है. उन पर भारत और हिंदू समाज के खिलाफ उकसाने वाले और भड़काऊ भाषण देने को लेकर मामला दर्ज किया गया है.

शरजील उस्मानी शरजील उस्मानी
पंकज खेळकर /अरविंद ओझा/पूनम शर्मा
  • पुणे/नई दिल्ली,
  • 03 फरवरी 2021,
  • अपडेटेड 8:34 AM IST
  • एल्गार परिषद में विवादित भाषण देने का मामला
  • बीजेपी नेता प्रदीप ने उस्मानी के खिलाफ शिकायत की थी
  • दिल्ली में वकील जिंदल ने भी पुलिस से की शिकायत

पुणे में पिछले हफ्ते एल्गार परिषद के कार्यक्रम में शरजील उस्मानी के विवादित भाषण के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है. उस्मानी के खिलाफ मामला दर्ज करने की शिकायत भारतीय युवा जनता मोर्चा के क्षेत्रीय सचिव प्रदीप गावडे ने की थी.

अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के पूर्व छात्र नेता शरजील उस्मानी के खिलाफ यह एफआईआर भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 153-ए के तहत पुणे के स्वारगेट पुलिस स्टेशन में दर्ज की गई है. उन पर भारत और हिंदू समाज के खिलाफ उकसाने वाले और भड़काऊ भाषण देने को लेकर मामला दर्ज किया गया है.

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बीजेपी नेता प्रदीप गावडे ने कहा कि हमने पुलिस से अनुरोध किया है कि वह उस्मानी के खिलाफ आईपीसी की धारा 124-ए के तहत मामला दर्ज करे क्योंकि उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा था कि वह भारतीय राज्य, संसद और न्यायपालिका में विश्वास नहीं करते. हमने यह भी कहा कि एल्गार परिषद के आयोजकों के खिलाफ मामला दर्ज किया जाना चाहिए.

दिल्ली में भी सुप्रीम कोर्ट के वकील विनीत जिंदल ने उस्मानी के खिलाफ हिंदुओं को लेकर की गई विवादित टिप्पणी को लेकर दिल्ली पुलिस और पुलिस कमिश्नर से शिकायत की गई है.

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बीजेपी ने जताई आपत्ति

भारतीय जनता युवा मोर्चा के पदाधिकारी प्रदीप गावडे ने शिकायत दर्ज करवाई थी कि शरजील ने पिछले हफ्ते शनिवार को पुणे के गणेश कला क्रीड़ा में संपन्न एल्गार परिषद में हिंदू समाज के बारे विवादित टिप्पणी की थी. जिसकी शिकायत किए जाने के बाद आईपीसी की धारा 153-ए के तहत मामला दर्ज कर लिया गया.

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इस बीच भारतीय जनता पार्टी के नेता राम कदम ने कल मंगलवार को कहा था कि 3 दिन बीत गए पर अब तक हिंदू धर्म, हिंदू समाज को अपमानित करने वाले एल्गार परिषद के नेताओं पर कोई भी कार्रवाई नहीं की गई? किसे बचाना चाहती है महाराष्ट्र की सरकार? अगर आने वाले 48 घंटों में सरकार ने कोई कारवाई नहीं की तो हमें सड़कों पर उतरना होगा. हिंदू समाज अपमान नहीं सहेगा.

मामला बढ़ने पर 1 फरवरी सोमवार को महाराष्ट्र सरकार ने कहा था कि पुणे में एल्गार परिषद सम्मेलन में किसी आपत्तिजनक भाषण की जांच की जाएगी. अगर कोई दोषी पाया गया तो एक्शन लिया जाएगा. इस सम्मेलन में लेखिका अरुंधती राय और पूर्व आईपीएस अफसर एसएम मुशरिफ और शरजील समेत कई लोग शामिल हुए थे.

 

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