
राजस्थान में उदयपुर के एक सरकारी अस्पताल से अगवा की गई 13 महीने की बच्ची को बचा लिया गया है. इस सिलसिले में पुलिस ने एक महिला को हिरासत में लिया है. मासूम बच्ची को शनिवार तड़के कथित तौर पर अंजू नाम की एक महिला ने महाराणा भूपाल सरकारी अस्पताल से अगवा कर कर लिया था.
उदयपुर पुलिस के एक अफसर ने इस मामले में जानकारी देते हुए बताया कि शनिवार को बच्ची अपनी मां के साथ अस्पताल के गलियारे में सो रही थी. लेकिन जब बच्ची की मां सुबह करीब चार बजे उठी तो उसने देखा कि उसकी बेटी गायब है. इसके बाद उसने अस्पताल प्रशासन को इस बारे में सूचित किया.
प्राथमिक पूछताछ में पता चला कि आरोपी महिला अंजू विधवा है और कुछ समय से वो रोशन नाम के एक शख्स के साथ रह रही है. उसकी कोई संतान नहीं थी और वह यह दावा करना चाहती थी कि बच्ची उसकी और रोशन की बेटी है, ताकि वह उसके परिवार के साथ रह सके.
इलाके में लगे विभिन्न सीसीटीवी कैमरों की फुटेज की जांच करने पर पुलिस उस सुरक्षा गार्ड तक जा पहुंची, जिससे अंजू ने बात की थी. उन्होंने बताया कि पुलिस को उससे महिला के बारे में जानकारी मिली और सोमवार की देर रात उसे चीरवा इलाके में रोशन के घर पर तलाश किया गया. पुलिस ने पीटीआई को बताया कि बच्ची को बचा लिया गया है और आरोपी महिला को हिरासत में ले लिया गया है.
पुलिस के मुताबिक, महिला के पति की पिछले दिनों मौत हो गई थी और करीब छह-सात महीने तक वह रोशन के साथ रहती थी. फिलहाल वह उससे अलग रह रही थी. पुलिस अधिकारी ने बताया कि वह मजदूरी करके आजीविका कमाती है और अस्पताल क्षेत्र के आसपास ही रहती है,
पुलिस ने बताया कि अब उससे और पूछताछ की जा रही है और इस पूरे मामले में रोशन की भूमिका की जांच भी की जा रही है. उन्होंने बताया कि हाथीपोल पुलिस थाने में भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 363 (अपहरण) के तहत मामला दर्ज किया गया है.