
झारखंड के रामगढ़ जिले से खूनी खेल की एक ऐसी वारदात की तस्वीर सामने आई है, जो किसी का भी रूह कंपा दे. दरअसल पतरातू थाना इलाके में करीब छह माह पहले अशोक पांडेय की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. भतीजे भरत पांडेय को शक था कि इस घटना को अंजाम पांडेय गैंग के लोगों ने दिया है. इसी का बदला लेने के लिए उसने 8 अगस्त की देर रात उसी गैंग के सदस्य अमित बख्शी पर गोलियों की बौछार कर उसे मौत के घाट उतार दिया था.
दरअसल, 8 अगस्त को देर रात अमित बख्शी नजदीकी मंदिर में हो रहे जागरण देखकर लौट रहे थे. इसी दौरान घर के सामने ही उनकी ताबड़तोड़ गोलियां मारकर हत्या कर दी गई थी. हत्या के आरोपी की गिरफ्तारी को लेकर इलाके में खूब बवाल भी हुआ था.
शक अमित बख्शी पर ही था
एसपी पीयूष पांडेय ने बताया कि 6 महीने पहले अशोक पांडेय की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. पुलिस ने इस मामले में भी कुछ लोगों को गिरफ्तार किया था. लेकिन अशोक पांडेय के भतीजे भरत पांडेय को सबसे ज्यादा शक अमित बख्शी पर ही था.
इस हत्या के कारणों का पता लगाने के लिए रामगढ़ पुलिस छापेमारी कर रही थी. इसी बीच पुलिस ने बीरबल कुमार राय को गिरफ्तार किया था. जिसने भरत पांडेय को अमित बख्शी की पूरी खबर दी थी. जेल में जाने के बाद बीरबल राय ने पूछताछ के दौरान पुलिस को बताया कि भरत पांडेय ही अमित बख्शी की हत्या के पीछे का मास्टरमाइंड है और उसी ने हत्या की साजिश भी रची थी.
4 पिस्टल बरामद
एसपी के निर्देश पर बनी स्पेशल टास्क फोर्स ने भरत पांडेय को गिरफ्तार करने के लिए कई स्थानों पर छापेमारी की थी. 13 सितंबर को पुलिस को गुप्त सूचना मिली थी कि टॉकीसूद रेलवे स्टेशन के पास भरत पांडे उर्फ गुज्जू पांडेय जय नगर इलाके में मौजूद है.
पुलिस ने जब आरोपी को गिरफ्तार किया तो उसके पास से 4 पिस्टल, 4 जिंदा कारतूस, 2 मोबाइल और एक डोंगल बरामद किया गया. आरोपी ने अपना जुर्म स्वीकार कर लिया है. उसने अपने चाचा अशोक पांडेय की मौत का बदला लेने के लिए इस वारदात को अंजाम दिया था.
15 की उम्र में ही उठा लिए थे हथियार
एसपी पीयूष पांडे ने बताया कि भरत पांडेय महज 26 साल का है, लेकिन उसका एक आपराधिक इतिहास रहा है. उसने 15 साल की उम्र में ही हाथों में हथियार उठा लिए थे. उसके खिलाफ वर्ष 2011 में ही पतरातू थाने में केस दर्ज किया गया था. यह मामला भी चोरी और धोखाधड़ी से जुड़ा हुआ था.
इसके बाद दूसरा मामला साल 2021 में भुरकुंडा ओपी में दर्ज हुआ था. इस मामले में आरोपी के खिलाफ आर्म्स एक्ट के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई थी. इसके बाद उसने कभी अपराध की दुनिया से कदम वापस नहीं खींचे और हथियारों के दम पर ही अमित बक्शी की हत्या कर दी.
(झूलन अग्रवाल का भी इनपुट)