
कहा जाता है कि ईश्वर के घर देर है, लेकिन अंधेर नहीं... यानी बुरे कर्म करने वालों के पाप का घड़ा जब भर जाता है तो उसे सजा जरूर मिलती है. कुछ ऐसा ही राजस्थान के कोटपूतली-बहरोड़ के प्रागपुरा में हुए एक सनसनीखेज वारदात में देखने को मिला है. यहां 24 फरवरी की देर शाम अपने भाई के साथ स्कूटी पर आई एक रेप पीड़िता पर तीन लोगों ने जानलेवा हमला कर दिया. हमलावर में एक रेप का आरोपी भी था. उसने पीड़िता को सबसे पहले पीठ में गोली मारी. उसके बाद उसके दो साथियों ने धारदार गड़ासे से उसके शरीर पर एक दो नहीं पूरे 15 बार वार किए. इस खौफनाक वारदात को अंजाम देने के बाद तीनों आरोपी फरार हो गए.
दिनदहाड़े दिल दहला देने वाली इस वारदात से पूरे सूबे में सनसनी फैल गई. सूचना मिलते ही मौके पर पहुंची पुलिस ने पीड़िता और उसके भाई को अस्पताल में भर्ती करा दिया. लेकिन असली परीक्षा तीनों आरोपियों को पकड़ने की थी. क्योंकि चौतरफा दबाव था कि उन्हें जल्द से जल्द गिरफ्तार किया जाए. पुलिस ने दो आरोपियों महिपाल गुजराल और राहुल गुजराल को तो वारदात के चंद घंटों के अंदर गिरफ्तार कर लिया, लेकिन इस गुनाह करने वाला असली दरिंदा गायब हो गया. पुलिस को चकमा देने के लिए उसने अपना हुलिया बदल लिया. उसने अपना सिर मुड़वाने के बाद क्लीन सेव भी कर लिया, ताकि कोई उस हैवान को पहचान न सके.
हुलिया बदलने के बाद मुख्य आरोपी राजेंद्र यादव पुलिस से बचने के लिए भागने लगा. लेकिन उसके साथ वो जिसकी उसने सपने भी कल्पना नहीं की होगी. सोमवार सुबह जयपुर के मालवीय नगर में वो एक एक्सप्रेस ट्रेन की चपेट में आ गया. इस हादसे में उसका एक पैर कट गया. बुरी तरह जख्मी होने के बाद ट्रैक के किनारे बेहोश होकर गिर गया. कुछ लोगों ने उसे देखा तो पुलिस को क़ॉल किया. मौके पर पहुंची पुलिस उसे लेकर अस्पताल पहुंची. वहां उसकी आईडी चेक की गई, तो पता चला कि वो तो वही भगोड़ा है, जो खौफनाक वारदात को अंजाम देने के बाद गायब था. फिलहाल जयपुर के एसएमएस अस्पताल में उसका इलाज चल रहा है.
महिला ने रेप का केस वापस नहीं लिया तो किया जानलेवा हमला
राजस्थान के डीजीपी यूआर साहू ने कहा कि महिला पर हमले के मुख्य आरोपी राजेंद्र यादव का दाहिना पैर कट गया है. उसका बायां पैर भी जख्मी हो गया है. आरोपी के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 307 (हत्या का प्रयास), 323 (चोट पहुंचाना) और 506 (आपराधिक धमकी) और शस्त्र अधिनियम के तहत केस दर्ज किया गया है. आरोपी ने पिछले साल 16 जनवरी को पीड़ित महिला के साथ बलात्कार किया था. उसके बाद उसे गिरफ्तार कर लिया गया था. यहां तक उसकी नौकरी भी चली गई थी. वो हाल ही में जमानत पर बाहर आया था और महिला को उसके खिलाफ मामला वापस लेने के लिए धमकी दे रहा था, लेकिन पीड़िता ने इनकार कर दिया.
पहले पीठ पर गोली मारी, फिर गंडासे शरीर पर किए थे कई वार
बताया जा रहा है कि इसी से नाराज होकर उसने पीड़िता पर जानलेवा हमला किया. पुलिस ने बताया कि शनिवार की रात पीड़ित महिला अपने भाई के साथ दोपहिया वाहन पर घर लौट रही थी. उसी समय राजेंद्र यादव, महिपाल गुजराल और राहुल गुजराल ने प्रागपुरा पुलिस स्टेशन के पास उन पर जानलेवा हमला किया. आरोपी ने भाई-बहन पर हमला करने से पहले उनका पीछा किया. इसके बाद आरोपी ने महिला की पीठ में गोली मार दी, जबकि अन्य दो आरोपियों ने उस पर और उसके भाई पर धारदार हथियार से वार किया. इस हमले में महिला के सिर, पैर, हाथ और कंधे में कई चोटें आई हैं. उसका और उसके भाई का सवाई मान सिंह अस्पताल में इलाज चल रहा है.
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पीड़िता से मिलने पहुंचे अशोक गहलोत, कांग्रेस ने गठित की कमेटी
इस बीच राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सोमवार को अस्पताल में पीड़िता के स्वास्थ्य के बारे में जानकारी ली. उसके परिजनों से बात की. एक्स पर किए एक पोस्ट में उन्होंने लिखा है, "पीड़ित के स्वास्थ्य के बारे में जानकारी ली और परिवार के सदस्यों से बात की. यदि पीड़िता को सुरक्षा दी गई होती, तो ऐसा नहीं होता. यह सरकार की लापरवाही है. इस मामले की शीघ्र जांच होनी चाहिए और न्याय सुनिश्चित होना चाहिए.'' कांग्रेस की राज्य इकाई ने चार सदस्यीय समिति का गठन किया है. इसमें पूर्व स्वास्थ्य मंत्री रघु शर्मा, कांग्रेस नेता धर्मेंद्र राठौड़, राजस्थान बाल संरक्षण अधिकार आयोग की अध्यक्ष संगीता बेनीवाल और पूर्व विधायक इंद्राज गुर्जर शामिल हैं.
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बलात्कार के बाद पीड़िता के परिवार ने लगाई थी सुरक्षा की गुहार
कमेटी पूरे मामले की तथ्यात्मक रिपोर्ट पीसीसी अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा को सौंपेगी. बताया जा रहा है कि इस घटना के बाद गुस्साए ग्रामीणों ने थाने की घेराबंदी की थी. पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठाए थे. डीएसपी द्वारा किसी तरह ग्रामीणों को शांत कराया गया. नवंबर 2023 में लड़की के परिवार ने पुलिस से सुरक्षा की गुहार लगाई थी लेकिन कथित तौर पर कोटपूतली बहरोड़ इलाके के प्रागपुरा पुलिस थाने ने मामले को गंभीरता से नहीं लिया. पुलिस के मुताबिक, इस मामले में एक सहायक उप निरीक्षक को निलंबित कर दिया गया है. इसके अलावा आरोपी के रसूख की भी चर्चा है. पीड़िता के भाई का कहना है कि वो कहता था कि थाना उसकी जेब में है.